चैंपियंस ट्रॉफी में आज है दोस्तों की अग्निपरीक्षा, विराट कोहली का चलेगा दिमाग या डिविलियर्स का माइंड गेम?

अश्विन का अंतिम एकादश में चुना जाना तर्कसंगत लगता है लेकिन वह जडेजा की जगह नहीं लेंगे क्योंकि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दोनों स्पिनर खेल सकते हैं.

चैंपियंस ट्रॉफी में आज है दोस्तों की अग्निपरीक्षा, विराट कोहली का चलेगा दिमाग या डिविलियर्स का माइंड गेम?

मैदान के बाहर के विवादों के बीच कोहली के लिये इस मैच में गलती की कोई गुंजाइश नहीं है

खास बातें

  • अंतिम एकादश में ऑफ स्पिनर आर अश्विन को उतारा जा सकता है
  • अश्विन को अगले मैच में रनगति पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी निभानी होगी
  • एबी डिविलियर्स को साबित करना होगा कि उनके कौशल पर कोई असर नहीं पड़ा है
लंदन:

चैंपियंस ट्रॉफी के इस सीजन में बने रहने के लिए भारतीय टीम रविवार को करो या मरो का मैच खेलेगी. दोपहर 3 बजे से जब दक्षिण अफ्रीका से खेलेगा तो उनकी वनडे कप्तानी की यह सबसे कठिन परीक्षा होगी. दिलचस्प बात यह है कि इस मैच में मैदान के बाहर दो अच्छे दोस्तों की भिड़ंत होगी. दरअसल, विराट कोहली और दक्षिण अफ्रीका के कप्तान एबी डिविलियर्स काफी अच्छे दोस्त हैं. आईपीएल में दोनों एक ही टीम से खेलते हैं, लेकिन आज दोनों के लिए जीत जरूर है. जिसकी टीम भी हारेगी उसका सफर चैंपियंस ट्रॉफी में थम जाएगा. श्रीलंका से मिली हार के बाद भारत का मनोबल जरूर टूटा होगा. ऐसे में भारतीय टीम और खासकर कोहली को यह सुनिश्चित करना होगा कि दबाव के आगे घुटने टेकने वाली दक्षिण अफ्रीका एक बार फिर ‘चोकर्स’ साबित हो. भारत यदि हारता है तो टूर्नामेंट से बाहर हो जायेगा और अगर दक्षिण अफ्रीका हारती है तो दुनिया की नंबर एक टीम अंतिम चार में नहीं पहुंच सकेगी.

मैदान के बाहर के विवादों के बीच कोहली के लिये इस मैच में गलती की कोई गुंजाइश नहीं है. वहीं एबी डिविलियर्स को साबित करना होगा कि टेस्ट क्रिकेट से बाहर रहने के उनके फैसले का सीमित ओवरों में उनके कौशल पर कोई असर नहीं पड़ा है. दक्षिण अफ्रीका के पास क्विंटन डि कॉक, जेपी डुमिनी और डेविड मिलर जैसे तीन खब्बू बल्लेबाज है लिहाजा अंतिम एकादश में ऑफ स्पिनर आर अश्विन को उतारा जा सकता है.

रवींद्र जडेजा चूंकि पिछले मैच में बिल्कुल नहीं चल सके थे. अश्विन के पास स्वाभाविक विविधता है और पिछले दो मैचों से बाहर रहने के बाद वह अच्छे प्रदर्शन को लालायित होंगे. अगले मैच के लिये अंतिम एकादश चुनते समय कप्तान कोहली के कप्तानी कौशल और हालात की उनकी समझ की असल परख होगी.

अश्विन का अंतिम एकादश में चुना जाना तर्कसंगत लगता है लेकिन वह जडेजा की जगह नहीं लेंगे क्योंकि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दोनों स्पिनर खेल सकते हैं. जडेजा सर्कल के भीतर बेहतरीन फील्डर हैं और सीमारेखा के पास से उनके थ्रो बेहद सटीक होते हैं. वह प्रत्येक मैच में 10-15 रन बचाते हैं जिससे वह काफी उपयोगी खिलाड़ी साबित होते हैं. हार्दिक पांड्या को भी बाहर नहीं किया जा सकता क्योंकि सातवें नंबर पर उनके जैसे आक्रामक बल्लेबाज की जरूरत है. जसप्रीत बुमरा डेथ ओवरों में अच्छे यॉर्कर डालते हैं. इसके मायने हैं कि अश्विन के लिये उमेश यादव या भुवनेश्वर कुमार में से एक को बाहर रहना होगा.

श्रीलंका के खिलाफ मैच में दूसरे पावरप्ले के दौरान भारत ने 200 से अधिक रन दिये लिहाजा अश्विन को अगले मैच में रनगति पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी निभानी होगी. भारतीय शीषर्क्रम के सभी बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया है. रोहित शर्मा और शिखर धवन की जोड़ी फॉर्म में है. सभी बल्लेबाजों ने एक ना एक अच्छी पारी खेली है. कोहली इस मैच में बतौर बल्लेबाज भी मोर्चे से अगुवाई करना चाहेंगे. मोर्नी मोर्कल, क्रिस मौरिस और इमरान ताहिर जैसे गेंदबाजों के सामने अच्छा प्रदर्शन करना चुनौतीपूर्ण होगा.

टीमें इस प्रकार हैं...
भारत : विराट कोहली (कप्तान), शिखर धवन, रोहित शर्मा, युवराज सिंह, एम एस धोनी, हार्दिक पांड्या, केदार जाधव, आर अश्विन, रवींद्र जडेजा, उमेश यादव, भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, दिनेश कार्तिक, अजिंक्य रहाणे.

दक्षिण अफ्रीका : एबी डिविलियर्स (कप्तान), हाशिम अमला, क्विंटन डि कॉक, डेविड मिलर, जेपी डुमिनी, फाफ डु प्लेसिस, इमरान ताहिर, केशव महाराज, फरहान बेहारदीन, क्रिस मॉरिस, वेन पर्नेल, एंडिले पी, ड्वेन प्रिटोरियस, कागिसो रबाडा.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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