यह ख़बर 07 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

वेस्ट इंडीज बना ट्वेंटी-20 का बादशाह, फिर हारा श्रीलंका

खास बातें

  • मार्लोन सैमुअल्स की करिश्माई पारी तथा कप्तान डैरेन सैमी के चमत्कारिक खेल से वेस्ट इंडीज ने कई विपरीत परिस्थितियों से पार पाकर मेजबान श्रीलंका को 36 रन से हराया, और आईसीसी विश्वकप ट्वेंटी-20 का खिताब जीता।
कोलंबो:

मार्लोन सैमुअल्स की करिश्माई पारी तथा कप्तान डैरेन सैमी के चमत्कारिक खेल से वेस्ट इंडीज ने कई विपरीत परिस्थितियों से पार पाकर मेजबान श्रीलंका को 36 रन से हराया, और आईसीसी विश्वकप ट्वेंटी-20 का खिताब जीता।

वर्ष 1975 और वर्ष 1979 में दो बार एक-दिवसीय विश्वकप का विजेता रहा वेस्ट इंडीज पहली बार ट्वेंटी-20 का चैंपियन बना है, जबकि श्रीलंका फाइनल का मिथक तोड़ने में नाकाम रहा। पिछले पांच साल में यह चौथा अवसर है, जब वन-डे और ट्वेंटी-20 विश्वकप के फाइनल में श्रीलंकाई टीम को पराजय झेलनी पड़ी है।

यह मुकाबला क्रिस गेल बनाम श्रीलंका माना जा रहा था, लेकिन भले गेल की विश्वकप जीतने की भविष्यवाणी सही साबित हुई, परन्तु वह स्वयं 16 गेंद पर केवल तीन रन बना पाए। वेस्ट इंडीज यदि छह विकेट पर 137 रन बना पाया तो इसका श्रेय सैमुअल्स को जाता है, जिन्होंने 56 गेंद पर तीन चौकों और छह छक्कों की मदद से 78 रन बनाए। कप्तान डैरेन सैमी ने भी 15 गेंद पर नाबाद 26 रन ठोके।

वेस्ट इंडीज ने पहले 11 ओवरों में कुल 38 रन बनाए थे, लेकिन वह आखिरी नौ ओवर में 99 रन ठोक गया। श्रीलंका का स्कोर 11 ओवर तक तीन विकेट पर 53 रन था। वेस्ट इंडीज ने तो इसके बाद खूब रन बनाए, लेकिन श्रीलंका ने विकेट गंवाए। उसकी टीम 18.4 ओवर में 101 रन पर ढेर हो गई।

श्रीलंका की तरफ से कप्तान महेला जयवर्धने ने 36 गेंदों पर सर्वाधिक 33 रन बनाए। वेस्ट इंडीज के लिए सुनील नारायण ने नौ रन देकर तीन और सैमी ने छह रन देकर दो विकेट लिए। सैमुअल्स ने गेंदबाजी में भी कमाल दिखाया तथा चार ओवर में 15 रन देकर एक विकेट लिया।

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वेस्ट इंडीज ने 1975 और 1979 में वन-डे विश्वकप जीता था, लेकिन उसके बाद वह अब 32 साल बाद विश्व चैंपियन बना है। कैरेबियाई टीम ने इस बीच 2004 में आईसीसी चैंपियन्स ट्राफी जीती थी।