एंड्रयू साइमंड्स और हरभजन के विवाद को मीडिया ने 'मंकी गेट' नाम दिया था (फाइल फोटो)
खास बातें
- जबर्दस्त प्रतिद्वंद्विता के साथ क्रिकेट खेलती है ऑस्ट्रेलिया टीम
- दबाव बनाने के लिए विपक्षी टीम पर छींटाकशी भी करती है
- भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज में होगा रोचक मुकाबला
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज बेहद रोमांचक होने की पूरी संभावना है. वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीतने के बाद टीम इंडिया का मनोबल सातवें आसमान पर हैं. यही कारण है कि इस सीरीज में उसे फेवरेट माना जा रहा है. हालांकि हर कोई इस बात को स्वीकार कर रहा है कि स्टीव स्मिथ के नेतृत्व वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम सीरीज में टीम इंडिया को कड़ा मुकाबला देने वाली है. मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई टीम को भारत दौरे पर आईं पिछली टीमों के मुकाबले कम अनुभव वाली जरूर माना जा रहा है लेकिन इसमें शामिल डेविड वॉर्नर, स्टीव स्मिथ जैसे बल्लेबाज पांसा पलटने की क्षमता रखते हैं. तेज गेंदबाजी में मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड की जोड़ी भारतीय बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा ले सकती है. स्टार्क को तो दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज में शुमार कया गया है.
सबसे बड़ी बात यह कि ऑस्ट्रेलियाई हमेशा मैदान में जबर्दस्त प्रतिद्वंद्विता के साथ क्रिकेट के लिए जाने जाते हैं और विपक्षी टीम पर दबाव बनाने के लिए वे स्लेजिंग (छींटाकशी) से भी परहेज नहीं करते. ऐसे में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मौजूदा सीरीज में अच्छे स्तर के क्रिकेट के साथ स्लेजिंग भी देखने को मिल सकती है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मुकाबले में अब तक हुए प्रमुख विवादों पर नजर...
हरभजन और साइमंड्स उलझे थे, क्रिकेट हुआ था शर्मसार
वाकया वर्ष 2008 में हुए सिडनी टेस्ट का है. इस टेस्ट में हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) और एंड्रयू साइमंड्स (Andrew Symonds) के बीच हुई झड़प इतनी बढ़ गई थी कि सीरीज रद्द करने तक की नौबत आ गई थी. ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर साइमंड्स ने आरोप लगाया कि भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने उनके खिलाफ नस्लभेदी टिप्पणी की जबकि हरभजन ने इससे इनकार किया था. इस विवाद ने जल्द ही ऑस्ट्रेलिया बनाम भारत का रूप ले लिया और टीम इंडिया के खिलाड़ी हरभजन के समर्थन में उतर आए. वैसे हरभजन-साइमंड्स विवाद के अलावा अंपायरों के गलत फैसलों के लिए भी यह टेस्ट याद रखा जाएगा. साइमंड्स ने इस टेस्ट में शतकीय पारी खेली थी. मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने साइमंड्स ने 162 की नाबाद पारी फिर 61 रनों की पारी और 51 रन देकर 3 विकेट झटके थे. मैच में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा था.
फैसले से नाखुश गावस्कर बायकॉट करने पर थे आमादा
वर्ष 1981 में मेलबर्न में हुए टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज डेनिस लिली की गेंद पर महान ओपनर सुनील गावस्कर (सनी)को अम्पायर ने एलबीडब्ल्यू आउट दिया था. सनी का मानना था कि वे आउट नहीं है. मैदान पर सनी और लिली के बीच हुई बहस के बाद मामला और बढ़ गया. फिर क्या था, सुनील गावस्कर अपने साथी ओपनर चेतन चौहान को साथ लेकर विरोध स्वरूप मैदान से बाहर आना चाहते थे. सौभाग्य से समय रहते टीम मैनजर सलीम दुर्रानी ने स्थिति संभाल ली. चेतन चौहान अपनी पारी को आगे बढ़ाने के लिए क्रीज पर पहुंच गए और गावस्कर पैवेलियन लौट आए. बाद में एक मौके पर गावस्कर ने स्वीकार किया था कि उनका व्यवहार गलत था और वे इस पर खेद व्यक्त करते हैं.
स्लेटर ने राहुल द्रविड़ के खिलाफ कहे थे अपशब्द
2001 का मुंबई टेस्ट में हालांकि ऑस्ट्रेलियाई टीम जीती थी लेकिन इस टीम के ओपनर माइकल स्लेटर का व्यवहार खेल भावना के खिलाफ रहा था. इस मैच में राहुल द्रविड़ के खिलाफ उन्होंने अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया था. मैच में अम्पायरिंग कर रहे वेंकटराघवन से भी स्लेटर ने बहस की थी. मैच में द्रविड़ ने पुल शॉट खेला, लेकिन गेंद हवा में गई और स्लेटर ने डाइव लगाकर कैच लपक लिया. द्रविड़ और अम्पायर के मन में कैच को क्लीन तरीके से लिए जाने को लेकर शंका थी. टीवी रिप्ले देखने के बाद अंपायर ने द्रविड़ को नॉट आउट करार दिया. फिर क्या था, स्लेटर आपा खो बैठे और अंपायर और द्रविड़ के खिलाफ भड़ास निकालने लगे.
मैदान पर शेन वॉटसन और गौतम गंभीर के बीच तनातनी
वर्ष 2008 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तहत दिल्ली में दोनों देशों के बीच हुआ टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज शेन वॉटसन (Shane Watson) और गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के बीच तनातनी के कारण चर्चा में रहा था. इस मैच में गंभीर ने दोहरा शतक लगाया था लेकिन अनुशासनहीनता के कारण उन्हें अगले मैच से प्रतिबंधित भी कर दिया गया था. दरअसल रन लेने के दौरान वॉटसन बार-बार गंभीर के रास्ते में आ रहे थे. ऐसे में गंभीर भी कहां चुप रहने वाले थे, उन्होंने रन दौड़ते समय वॉटसन को कोहनी मार दी. आईसीसी ने गौतम को लेवल 2 का दोषी पाते हुए एक मैच के लिए प्रतिबंधित किया था, वहीं वाटसन को अपनी मैच फीस का 10 फीसदी हिस्सा गंवाना पड़ा.
जब विराट कोहली ने बीच की अंगुली दिखाई थी
वर्ष 2011-12 में दोनों देशों के बीच हुए टेस्ट में दर्शकों की हूटिंग से विराट कोहली (Virat Kohli) इतने परेशान हो गए थे कि उन्होंने गलत संकेत के रूप में दर्शकों को बीच की अंगुली दिखा दी थी. उन्हें इस तरह से अंगुली दिखाते हुए कैमरे ने पकड़ लिया था. इस व्यवहार के कारण विराट कोहली पर मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगाया गया था. विराट ने एक ट्वीट में अपनी इस हरकत को गलत बताया था लेकिन कहा कि दर्शक अपनी सीमाएं पार करते हुए मेरे परिवार के खिलाफ भद्दी टिप्पणियां कर रहे थे जिससे उन्हें गुस्सा आ गया था. बहरहाल अब विराट टीम इंडिया के कप्तान बन चुके हैं और उनके व्यवहार में भी एक हद तक परिपक्वता आ गई है.