सेंचुरियन जीत का जश्न मनाते दक्षिण अफ्रीकी
खास बातें
- विराट के अलावा नहीं मिला कोई दूसरा सहारा
- न ठोस शुरुआत, न चला मिड्ल ऑर्डर
- एक और स्पिनर की कमी खली सेंचुरियन में
नई दिल्ली: दक्षिण अफ्रीका ने भारतीय टीम को 135 रन से हराकर सेंचुरियन टेस्ट में भी जीत हासिल कर ली. फाफ डु प्लेसिस की टीम की इस जीत के साथ ही टीम इंडिया तीन टेस्ट की सीरीज में 0-2 से पिछड़ गई है. साफ है कि जोहांसबर्ग में होने वाले तीसरे टेस्ट का परिणाम चाहे जो भी हो, टीम इंडिया का सीरीज हारना दूसरे टेस्ट में ही तय हो गया. दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजों ने एक बार फिर टीम को शर्मसार किया. पहली पारी में कप्तान विराट कोहली की शतकीय पारी को छोड़ दें तो लगभग सभी बल्लेबाज, दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाजी के आगे सहमे नजर आए. वे पांच कारण, जिनके कारण टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा.
विराट को किसी बल्लेबाज से नहीं मिला सहयोग
दूसरे टेस्ट की पहली पारी में भारतीय टीम यदि दक्षिण अफ्रीका के 335 रन के स्कोर तक पहुंच पाई तो इसका श्रेय पूरी तरह विराट क हली को जाता है. विराट ने मैच में 153 रन की बेहतरीन पारी खेली और उनकी पारी के कारण ही भारतीय टीम सीरीज में पहली बार 300 रन के आंकड़े को पार कर पाई. मैच के चौथे दिन मंगलवार को विराट के एलबीडब्ल्यू आउट होते ही हर किसी को हार का अहसास होने से लगा था. थोड़ी बहुत उम्मीदें चेतेश्वर पुजारा से थीं लेकिन उन्होंने भी दोनों पारियों में रन आउट होकर मौके को गंवा दिया. रोहित शर्मा ने दूसरी पारी में अच्छी पारी खेली लेकिन उसके पहले ही टीम इंडिया की हार तय हो चुकी थी.
भारतीय टीम का एक स्पिनर के साथ खेलना
दूसरे टेस्ट के पहले, सेंचुरियन की पिच को उछाल और गति से भरपूर बताया जा रहा था, लेकिन हुआ इसके ठीक उलट. पहले दिन से ही गेंद को टर्न मिल रहा था. विकेट काफी कुछ भारतीय उपमहाद्वीप की तरह व्यवहार कर रहा था. अश्विन ने इस स्थिति का फायदा उठाते हुए पहली पारी में सर्वाधिक तीन विकेट लिए. मैच में ऐसा लगा कि भारत को चार तेज गेंदबाज (आलराउंडर हार्दिक पंड्या सहित) के बजाय तीन तेज गेंदबाज और दो स्पिनर के कॉम्बिनेशन के साथ मैच में उतरना था.
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भारतीय टीम प्रबंधन ने सेंचुरियन टेस्ट की प्लेइंग इलेवन से भुवनेश्वर कुमार को बाहर रखा. यह फैसला क्रिकेटप्रेमियों के साथ-साथ क्रिकेट दिग्गजों के गले भी नहीं उतरा. उन्होंने टीम मैनेजमेंट के इस फैसले पर जमकर सवाल उठाए. भुवी के स्थान पर ईशांत शर्मा को स्थान दिया गया. हालांकि ईशांत ने भी मैच में अच्छी गेंदबाजी की लेकिन पहले टेस्ट में भारतीय टीम के सर्वश्रेष्ठ बॉलर का टीम में न होना खला.
चेतेश्वर पुजारा का दोनों पारियों में रन आउट होना
भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने दोनों पारियों में रन आउट होकर एक तरह से अपने विकेट 'फेंके'. राहुल द्रविड़ के संन्यास लेने के बाद चेतेश्वर पुजारा को भारतीय टीम का सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज माना जाता है. ऐसे में सीरीज से पहले पुजारा से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन यह उम्मीद पहले दो टेस्ट में तो पूरी नहीं हो पाई.
विकेटकीपर के रूप में साहा की सेवाएं नहीं मिलना
भारतीय टीम को मांसपेशियों में खिंचाव के कारण नियमित विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा की सेवाएं नहीं मिल पाई. उनकी गैरमौजूदगी में पार्थिव पटेल ने विकेट के पीछे जिम्मा संभाला. पिछले मैच में साहा ने विकेट के पीछे 10 शिकार करते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया था, उनकी तुलना में पार्थिव की विकेटकीपिंग फीकी रही. कुछ कैच भी उनसे ड्रॉप हुए जिन्होंने अंतर पैदा किया.
VIDEO : वास्तव में भारत में विराट के बयान के अनुसार दक्षिण अफ्रीका दौरा बड़ा चैलेंज साबित हुआ.
कुल मिलाकर कोहली की यह टीम करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमियों की विराट उम्मीदों पर ढेर साबित हुई है. और जिस तरह के हाल फिलहाल दिख रहे हैं, उस देखते हुए अगर सीरीज का परिणाम 3-0 हो जाए, तो कोई चौंकाने वाली बात नहीं होगी.