विराट कोहली ने कहा कि पृथ्वी शॉ को बिना किसी दबाव के खेलने का मौका देना चाहिए (फाइल फोटो)
खास बातें
- सचिन और सहवाग से की जाने लगी पृथ्वी की तुलना
- कोहली बोले, उसे क्रिकेटर के रूप में विकसित होने दें
- हमें उस पर दबाव नहीं डालना चाहिए
हैदराबाद: टीम इंडिया के कप्तान कप्तान विराट कोहली ने पृथ्वी शॉ की तुलना किसी अन्य खिलाड़ी से नहीं करने और इस युवा ओपनर को क्रिकेटर के तौर पर विकसित होने के लिये पर्याप्त समय देने की अपील की है. गौरतलब है कि पृथ्वी शॉ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट टेस्ट में शतक जमाकर अपने टेस्ट करियर का धमाकेदार आगाज किया है, इसके बाद से क्रिकेट फैंस-मीडिया और कुछ समीक्षक उनकी तुलना उनकी सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग से भी करने लगे हैं.
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वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच की पूर्व संध्या पर कोहली ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मुझे लगता है कि उसे (पृथ्वी शॉ को) लेकर अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए. आपको इस युवा खिलाड़ी को अपनी क्षमता के अनुसार आगे बढ़ने के लिए स्थान देना चाहिए. वह बेहद प्रतिभाशाली है और जैसा कि हर किसी ने देखा कि वह कौशल से परिपूर्ण है.’ उन्होंने कहा, ‘हम निश्चित तौर पर चाहते हैं कि उसने पहले मैच में जैसा प्रदर्शन किया, उसे आगे भी दोहराए. वह सीखने का इच्छुक है और तेजतर्रार है. वह परिस्थिति का अच्छी तरह से आकलन करता है. हम सभी उसके लिये खुश हैं.’
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कोहली ने सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर के इस बयान से भी सहमति जताई जिन्होंने बुधवार को कहा था कि लोगों को पृथ्वी की तुलना वीरेंद्र सहवाग से नहीं करनी चाहिए. कोहली ने कहा, ‘हमें अभी उसकी तुलना किसी से नहीं करनी चाहिए. हमें उसे ऐसी स्थिति में नहीं रखना चाहिए जहां वह किसी तरह का दबाव महसूस करे. उसे हमें वह स्थान देना चाहिए जहां वह अपने खेल का लुत्फ उठाए और धीरे-धीरे ऐसे खिलाड़ी के रूप में तैयार हो जैसा हम सभी चाहते हैं.’आईपीएल, भारत 'ए' के दौरों और अंडर-19 टूर्नामेंट के सीधे प्रसारण से युवा जल्द ही अपनी पहचान बना रहे हैं और कोहली ने माना कि अब ये युवा दबाव सहने के लिये बेहतर तरीके से तैयार रहते हैं.
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कोहली ने कहा, ‘निश्चित तौर यह एक कारण हो सकता है क्योंकि वे उस माहौल में खेल चुके होते हैं जिसमें कि अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जाता है. लेकिन देश की तरफ से खेलने का हमेशा दबाव होता है. जब आप सुबह यह कैप पहनते हो तो थोड़ा नर्वस रहते हो और मुझे लगता है कि हर कोई यह दबाव महसूस करता है.’ कोहली ने कहा, ‘लेकिन यह दबाव 10-15 साल पहले जैसा नहीं है जब आपको इस तरह की क्रिकेट खेलने का कोई अनुभव नहीं रहता था और अचानक ही आपको भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करना होता था.’ (इनपुट: एजेंसी)