यह ख़बर 29 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

बल्लेबाजों ने किया शर्मसार, भारत हारा

खास बातें

  • बल्लेबाजों के शर्मनाक प्रदर्शन से भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में चौथे दिन ही 122 रन से करारी हार झेलनी पड़ी।
मेलबर्न:

दुनिया की सबसे मजबूत बल्लेबाजी लाइनअप में शामिल कुछ दिग्गज बल्लेबाजों के शर्मनाक प्रदर्शन से भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में चौथे दिन ही 122 रन से करारी हार झेलनी पड़ी। भारतीय बल्लेबाजों ने 292 रन के मुश्किल लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलियाई तेज आक्रमण के सामने नतमस्तक होने में देर नहीं लगाई और पूरी टीम 47.5 ओवर में 169 रन पर ढेर हो गई। इस तरह से भारत का मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर पिछले 30 साल से टेस्ट मैच नहीं जीत पाने का सिलसिला जारी रहा। ऑस्ट्रेलियाई टीम जब अपने पुछल्ले बल्लेबाजों के साहसिक प्रदर्शन से दूसरी पारी में 240 रन बनाकर आउट हुई तो भारत को लंच से पहले लगभग आधा घंटा क्रीज पर बिताना था। लेकिन कल 300 रन के लक्ष्य को हासिल करने का दम भरने वाले विस्फोटक वीरेंद्र सहवाग (7) के जल्द ही पवेलियन लौट जाने से भारतीय उम्मीदों को करारा झटका लगा।
लंच के समय भारत का स्कोर एक विकेट पर 24 रन था लेकिन जल्द ही वह छह विकेट पर 81 रन हो गया। भारत ने दूसरे सत्र में गौतम गंभीर (13), राहुल द्रविड़ (10), वीवीएस लक्ष्मण (1), विराट कोहली (शून्य) और सचिन तेंदुलकर (31) के विकेट गंवाये। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (23) ने कुछ देर तक संघर्ष किया लेकिन तब तक ऑस्ट्रेलिया की जीत तय हो गई थी। भारतीय बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई तेज आक्रमण की त्रिमूर्ति मैन ऑफ द मैच जेम्स पैटिनसन (53 रन देकर चार विकेट), पीटर सिडल (42 रन देकर तीन विकेट) और बेन हिल्फेनहास (39 रन देकर दो विकेट) के सामने नहीं टिक पाए। ऑस्ट्रेलिया ने इस तरह से चार मैचों की श्रृंखला में 1-0 से बढ़त बनाई। दूसरा मैच तीन जनवरी से सिडनी में खेला जाएगा।
तेंदुलकर जब क्रीज पर उतरे तो दूसरी बार दर्शकों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया। उन्होंने पहली गेंद पर ही कवर पर तीन रन लेकर अपने इरादे जतलाए। द्रविड़ दूसरे छोर से रन नहीं बना रहे थे और ऐसे में पैटिनसन ने बल्ले और पैड के बीच की खाली पड़ी चौड़ी जगह से गेंद निकालकर उनके विकेटों को नचा दिया। द्रविड़ की पारी 29 गेंद तक चली जिसमें एक चौका शामिल है। लक्ष्मण ने सातवीं गेंद पर अपना पहला रन लिया लेकिन जल्द ही वह पैटिनसन की गेंद पर फ्लिक करके स्क्वायर लेग पर खड़े एड कोवान को कैच दे बैठे। कोहली ने जिस पहली गेंद का सामना किया, हिल्फेनहास की उसी गेंद पर वह पगबाधा आउट हो गए। भारत को हालांकि सबसे करारा झटका इसके बाद लगा जब तेंदुलकर ने पीटर सिडल की स्विंग लेती गेंद को ड्राइव करने के प्रयास गली में हस्सी को आसान कैच थमाया। तेंदुलकर 73 मिनट तक क्रीज पर रहे और उन्होंने 46 गेंद खेली। इस बीच वह चार चौके लगाने में सफल रहे। एमसीजी के दर्शक स्तब्ध थे और उन्होंने खड़े होकर तेंदुलकर को विदाई दी जो संभवत: उनका इस मैदान पर आखिरी टेस्ट माना जा रहा है।


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