INDvsAUS : हार से मायूस विराट कोहली ने कहा, लोग समझते थे हम हार ही नहीं सकते, लेकिन हमारे दिमाग में...

INDvsAUS : हार से मायूस विराट कोहली ने कहा, लोग समझते थे हम हार ही नहीं सकते, लेकिन हमारे दिमाग में...

स्पिनर स्टीव ओकीफी ने टीम इंडिया के बल्लेबाजों को जमकर नचाया और 12 विकेट झटके

नई दिल्ली:

13 साल बाद घर में ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली हार से भारतीय कप्तान विराट कोहली थोड़े निराश नजर आए. हो भी क्यों न टीम इंडिया लगातार 20 टेस्ट मैचों से घरेलू मैदानों पर अजेय जो थी. वास्तव में कमजोर आंकी जा रही ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपने प्रदर्शन से सबको चौंका दिया, क्योंकि इस तरह के परिणाम की किसी को भी उम्मीद नहीं थी. वास्तव में यही तो क्रिकेट का मजा है कि इसमें कभी भी कुछ भी हो सकता है. फिलहाल हम बात टीम इंडिया के हार के कुछ कारणों की करते हैं, जिनमें से कुछ की चर्चा विराट ने भी की है...  

ओह कीफ़!

भारत आने से पहले बाएं हाथ के 32 साल के स्पिन गेंदबाज़ स्टीव ओकीफी ने सिर्फ़ 4 टेस्ट मैच खेले थे और 14 विकेट हासिल किए थे. भारत आने से पहले उन्हें कभी इतना बड़ा ख़तरा नहीं माना जा रहा था. लेकिन पुणे में स्टीव ओकीफी ने दो पारियों में 12 विकेट लेकर टीम इंडिया की कमर तोड़ दी. स्टीव ने अपने सीनियर पार्टनर नैथन लियोन के साथ 20 में से 17 विकेट झटके और भारतीय बल्लेबाज़ों को टिकने का कोई मौका नहीं दिया.

विराट ने मैच के बाद कुछ ऐसा कहा भी, "उनके गेंदबाज़ों की गेंद हमारे गेंदबाज़ों से कम घूमी. हमारी गेंदें शायद ज़्यादा घूमी इसलिए बल्ले का किनारा नहीं ले सकीं. ऐसा क्रिकेट में हो जाता है. मुझे समझ में नहीं आ रहा इसका क्या करूं. इस बारे में मैं क्या कह सकता हूं?"

पिच का पेंच
सीरीज़ के शुरू होने से पहले माना जा रहा था कि पुणे का टर्निंग ट्रैक भारतीय स्पिन गेंदबाज़ों की मदद करेगा. लेकिन कंगारू गेंदबाज़ों ने पिच का भारतीय गेंदबाज़ों से ज़्यादा फ़ायदा उठाया. शायद एक रैंक टर्नर पिच बनाना भारत के लिए महंगा साबित हुआ. विराट ने पुणे की पिच को लेकर मैच से पहले कहा था कि वो इसे अच्छी तरह समझ रहे हैं. लेकिन उन्होंने मैच के बाद ये ज़रूर कहा, "आप फ़्लैट पिच पर भी आउट हो सकते हैं. अगर आप खुद को एप्लाई नहीं करते हैं तो पिच से फ़र्क नहीं पड़ता."
 
टॉस हारना महंगा पड़ा
पुणे के स्पिनिंग ट्रैक पर टॉस हारते ही एक तरह से मैच का रुख़ तय हो गया. भारतीय कप्तान विराट ने टॉस गंवाया. ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इसका भरपूर फ़ायदा उठाया. ऑस्ट्रेलियाई टीम को पहली पारी में जो बढ़त मिली उसकी भरपाई टीम इंडिया के लिए बेहद मुश्किल साबित हुई.

ख़राब फ़ील्डिंग
दूसरी कई कमियों के साथ टीम इंडिया के फ़ील्डर्स ने भी मैच में बेहद मायूस किया. भारतीय फ़ील्डर्स ने मैच में कई कैच छोड़े जिससे उनका काम और मुश्किल होता रहा. दूसरी पारी में कप्तान स्टीवन स्मिथ के कई कैच छूटे और वो पूरे मैच में शतक लगाने वाले इकलौते बल्लेबाज़ बन गए.

कोहली हुए फ़्लॉप
कप्तान विराट कोहली अपनी बल्लेबाज़ी से अक्सर टीम को लीड करते नज़र आते हैं. लेकिन पुणे की दोनों ही पारियों में वो सिर्फ़ 13 रन ही जोड़ सके. उनका सस्ते में निपटना पूरी टीम के मनोबल के लिए भी बुरा साबित हुआ. खुद विराट भी टीम की बल्लेबाज़ी से बेहद मायूस दिखे.

विराट ने कहा, "मैच में एक भी पार्टनरशिप अच्छी नहीं हुई. हम लगातार अच्छी पार्टनरशिप करते आए हैं. मगर यहां हम नाकाम रहे ये टीम के लिए एक बड़ी नकारात्मक बात साबित हुई. टीम में एक साथ कई कमियां उभर आई हैं. भारत को भारत में 5 साल में पहली बार हार का सामना करना पड़ा तो ऑस्ट्रेलिया ने 13 साल बाद भारत में पहली बार टेस्ट में जीत हासिल की. इन सबके बावजूद एक अच्छी बात ये है कि कप्तान विराट ने भरोसा दिलाया है कि अगले मैच में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ बेहतर चुनौती पेश करेगी.


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