यह ख़बर 19 फ़रवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

आउट या नाटआउट? तीसरे अंपायर ने पैदा किया भ्रम

खास बातें

  • ब्रिसबेन में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मैच में तीसरे अंपायर ने जब गलती की, तो उससे जिस तरह का ड्रामा तैयार हुआ, उसमें असमंजस, कॉमेडी, खुशी और दर्द सभी कुछ शामिल था।
ब्रिसबेन:

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच त्रिकोणीय एकदिवसीय क्रिकेट शृंखला के मैच में रविवार को ब्रिसबेन में तीसरे अंपायर ने जब गलती की, तो उससे जिस तरह का ड्रामा तैयार हुआ, उसमें असमंजस, कॉमेडी, खुशी और दर्द सभी कुछ शामिल था।

यदि कोई नाखुश था, तो वह शख्स कोई और नहीं, बल्कि भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे। ऑस्ट्रेलियाई पारी के 29वें ओवर में सुरेश रैना की गेंद पर भारत ने माइकल हसी के खिलाफ स्टंप आउट की अपील की। मैदानी अंपायरों ने उसे तीसरे अंपायर ब्रूस ओक्सेनफोर्ड के लिए रेफर कर दिया।

तीसरे अंपायर के पास दो ही विकल्प होते हैं कि वह आउट दे या फिर बल्लेबाज को नॉटआउट करे। उसके सामने दो बटन होते हैं आउट और नॉटआउट के। आक्सेनफोर्ड ने भी इनमें से एक ही विकल्प चुना, लेकिन इससे बड़ा नाटकीय दृश्य पैदा हो गया। रीप्ले से लग रहा था कि जब धोनी ने गेंद विकेटों पर लगाई थी, तब हसी का पांव क्रीज पर था, लेकिन ओक्सेनफोर्ड ने उन्हें आउट करार दे दिया।

हसी जब पैवेलियन लौट रहे थे, तब मैदानी अंपायर बिली बोडेन उन्हें वापस बुलाने के लिए दौड़े। असल में तीसरे अंपायर ने गलत बटन दबा दिया था, लेकिन उन्हें तुरंत ही अपनी गलती का अहसास हो गया और उन्होंने मैदानी अंपायरों से बात करके बल्लेबाज को वापस बुलाने के लिए कहा। तब वसीम अकरम और रवि शास्त्री कमेंट्री कर रहे थे, लेकिन वह भी धोनी की तरह ही इस मामले को लेकर गंभीर दिखे।

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अकरम ने कहा, ‘वहां केवल दो बटन होते हैं और आपको उनमें से एक को दबाना होता और आप ऐसा भी नहीं कर सकते। बड़ी हैरानी वाली बात है।’ शास्त्री ने कहा, ‘तीसरे अंपायर को पूरे दिन में सिर्फ यही काम करना होता है। आप इसमें गलती नहीं कर सकते।’