ईशांत इस समय टीम इंडिया के सबसे अनुभवी गेंदबाज हैं
खास बातें
- कहा, हमारे पास आक्रामक गेंदबाज, स्थितियां भी अनुकल
- एक अगस्त से खेला जाएगा पांच मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट
- पिछली बार इंग्लैंड में 2007 में सीरीज जीता था भारत
लंदन: भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज अगले माह से प्रारंभ हो रही है. भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह की चोट के कारण सीरीज में भारतीय गेंदबाजी को कुछ कमजोर आंका जा रहा है. हालांकि भारतीय तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा का मानना है कि इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में तेज गेंदबाज मेहमान टीम को सीरीज जिताने में अहम योगदान दे सकते हैं. 29 साल के ईशांत ने कहा कि विराट कोहली के नेतृत्व वाली मौजूदा भारतीय टीम में आठ-नौ तेज गेंदबाजों का एक पूल हैं, जो उन्हें पूरी तरह से एक टेस्ट टीम बनाती है. ईशांत सीरीज में टीम इंडिया के सबसे अनुभवी गेंदबाज होंगे. इशांत ने डेली टेलीग्राफ को दिए इंटरव्यू में कहा, "हर कोई यह कहता था कि भारत तेज गेंदबाज नहीं बना सकता है. अब हमारे पास संभवत: आठ से नौ अच्छे तेज गेंदबाज है, जो किसी भी समय भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेल सकते हैं."
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बर्मिघम में सीरीज का पहला टेस्ट एक अगस्त से शुरू होगा. भारत ने इंग्लैंड में पिछली सीरीज 2007 में राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में तीन मैचों की सीरीज 1-0 से जीती थी. इसके बाद से टीम इंग्लैंड में एक भी टेस्ट सीरीज नहीं जीती है. ईशांत ने कहा, "जिस तरह की आक्रामक गेंदबाजी हमारे पास है, उससे देखकर ऐसा लगता है कि हमारे पास इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतने का यह अच्छा मौका है." उन्होंने कहा कि इंग्लिश परिस्थितियां तेज गेंदबाजी के बहुत ही अनुकूल है, खासकर उन गेंदबाजों के लिए जो लंबे स्पैल में गेंदबाजी कर सकते हैं. इस भारतीय तेज गेंदबाज ने कहा, "इंग्लैंड में मौसम बहुत अच्छा है. आप लंबे समय तक गेंदबाजी कर सकते हैं. यहां की परिस्थितियां काफी मददगार है. विकेट अच्छी है. इंग्लैंड में और भारत में गेंदबाजी में बहुत असमानता है."
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ईशांत ने फिटनेस को लेकर कहा कि करियर के शुरुआती दिनों वह इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे लेकिन बाद में उन्हें इसका अहसास हुआ. दिल्ली के खिलाड़ी ने कहा, "मैं उनमें से नहीं था जो ट्रेनिंग पर विश्वास करता था. मुझे ट्रेनिंग के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, इसलिए मैं ज्यादा ट्रेनिंग नहीं करता था. जब मैं घर जाता था तो कुछ नहीं करता था और आराम करता था. मुझे लगता है कि यह वह समय था जिसने मेरे जीवन को बदला और मैंने अपने क्रिकेट में सुधार किया." ईशांत अब 30 साल पूरे करने से एक महीने दूर हैं.उन्होंने कहा कि टेस्ट में पिछले 11 सालों से गेंबदाजी करने से वह परिपक्व हो चुके हैं. 82 टेस्ट मैचों में 238 विकेट ले चुके इशांत ने कहा, " सच में मैं पहले अपरिपक्व था. मुझे गेंदबाजी के बारे में बहुत कुछ नहीं पता था. अब मुझे पता है, बल्लेबाज क्या कर रहा है, मौसम कैसा है, विकेट कैसी है. आपको परिस्थिति के अनुसार गेंदबाजी करने की जरूरत है." (इनपुट: एजेंसी)