भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका : वे पांच पहलू, जिनसे महेंद्र सिंह धोनी के धुरंधर हैं परेशान

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच मेलबर्न में रविवार को अहम मुकाबला होना है। एक ओर जहां टीम इंडिया ने पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार जीत हासिल की है, वहीं दूसरी ओर दक्षिण अफ्रीका ने जिम्बाब्वे को 62 रनों से हराया है। ऐसे में दोनों टीमों के बीच एक रोमांचक मुकाबले की उम्मीद की जा रही है। दक्षिण अफ्रीकी टीम के मौजूदा दमखम को देखते हुए ये मुकाबला टीम इंडिया के लिए मुश्किल चुनौती साबित हो सकता है। ऐसे में एक नजर उन पांच पहलूओं पर, जो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाले मुकाबले से पहले धोनी के धुरंधरों को परेशान कर रहे हैं।

गुरु गैरी की गुगली-  भारतीय क्रिकेट टीम को साल 2011 में वर्ल्ड चैंपियन बनाने में टीम के तत्कालीन कोच गैरी कर्स्टन का अहम योगदान रहा था। उनकी कोचिंग में टीम के सभी खिलाड़ियों ने अपनी अपनी भूमिका को परफैक्ट अंदाजा में निभाया था। इस बार वही गैरी कर्स्टन दक्षिण अफ्रीकी टीम को वर्ल्डकप जीतने के गुर सीखा रहे हैं। कर्स्टन टीम इंडिया की खामियों और ताकत दोनों से बखूबी वाकिफ हैं, लिहाजा वे दक्षिण अफ्रीकी टीम को भारत के दोनों पहलू के बारे में सचेत कर सकते हैं।

डिविलियर्स, अमला का दम - इस वर्ल्डकप के दौरान जिन बल्लेबाजों को सबसे खतरनाक माना जा रहा है, उनमें एबी डिविलियर्स और हाशिम अमला शामिल हैं। इन दोनों के मौजूदा फॉर्म को देखते हुए भारतीय गेंदबाज़ पर मैच से पहले ही काफी दबाव बढ़ चुका है। अमला और डिविलियर्स पिछले पांच वनडे मुकाबले में दो-दो शतक बना चुके हैं। इसमें एक डिविलियर्स की वो तूफानी पारी भी शामिल है, जिसमें महज 44 गेंद पर उन्होंने 149 रन ठोक दिए थे।


डेल स्टेन, मोर्कल का डर- दक्षिण अफ्रीकी टीम में विश्वस्तरीय बल्लेबाजों के अलावा विश्वस्तरीय गेंदबाज़ भी मौजूद हैं। डेल स्टेन दुनिया के सबसे खतरनाक गेंदबाज माने जाते हैं, हालांकि जिम्बाब्वे के खिलाफ उनका प्रदर्शन औसत रहा था, बावजूद इसके उनको हल्के में आंकने की भूल भारतीय बल्लेबाज नहीं कर पाएंगे। स्टेन और मोर्कल की जोड़ी किसी भी मैदान पर किसी भी बल्लेबाजी आक्रमण पर अंकुश लगा सकती है। इसके अलावा वेर्नान फेलेंडर जैसे तेज गेंदबाज और स्पिन गेंदबाज इमरान ताहिर भारतीय बल्लेबाजों की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।

ऑलराउंडरों का दमखम- इस पहलू के नजरिए से दक्षिण अफ्रीकी टीम दुनिया की सबसे मज़बूत टीम दिखाई देती है। डेविड मिलर, जेपी ड्यूमिनी और फरहान बेहारदिन के रूप में टीम में तीन जोरदार ऑलराउंडर मौजूद हैं। डेविड मिलर और जेपी ड्यूमिनी ने जिंबाब्वे के खिलाफ मुकाबले में जोरदार शतक बनाकर अपने फॉर्म में होने का संकेत दे दिया है।

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नहीं मिली है जीत- वर्ल्डकप क्रिकेट इतिहास में टीम इंडिया अब तक दक्षिण अफ्रीका को नहीं हरा पाई है। दोनों टीमों के बीच अब तक वर्ल्डकप क्रिकेट में तीन बार भिड़ंत हो चुकी है और तीनों बार बाजी दक्षिण अफ्रीकी टीम के नाम रही है। 1992 में दक्षिण अफ्रीका ने भारत को छह विकेट से हराया था, जबकि 1999 में टीम इंडिया चार विकेट से हार गई थी। 2011 में टीम इंडिया वर्ल्डकप जीतने में जरूर कामयाब रही लेकिन दक्षिण अफ्रीका से उसे तीन विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। जाहिर है कि मेलबर्न में अगर टीम इंडिया को दक्षिण अफ्रीका को हराना है तो उसके लिए उसे इन पांचों चुनौतियों से पार पाना होगा। धोनी के धुरंधरों के लिए ये इतना भी आसान भी नहीं दिख रहा है।