यह ख़बर 13 फ़रवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

भारत की निगाह जीत की हैट्रिक पर

खास बातें

  • भारतीय क्रिकेट टीम त्रिकोणीय एकदिवसीय सीरीज में मंगलवार को अपने चौथे मैच में श्रीलंका को फिर से धूल चटाकर जीत की हैट्रिक पूरी करने के लिए मैदान पर उतरेगी।
एडिलेड:

लगातार दो जीत के बाद उत्साह से लबरेज भारतीय क्रिकेट टीम त्रिकोणीय एकदिवसीय सीरीज में मंगलवार को अपने चौथे मैच में श्रीलंका को फिर से धूल चटाकर जीत की हैट्रिक पूरी करने के लिए मैदान पर उतरेगी। महेंद्र सिंह धोनी की टीम में श्रीलंका और आस्ट्रेलिया पर लगातार जीत से नया जोश भर गया है और उसकी बहुचर्चित रोटेशन नीति भी अब तक सही चल रही है। सचिन तेंदुलकर को फिट और मैच के लिए उपलब्ध रहने के बावजूद कोई भी विश्राम देने के बारे में नहीं सोच सकता था लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कल के मैच में ऐसा किया गया।

असल में भारतीय टीम के पास कई विकल्प मौजूद है तथा प्रवीण कुमार और राहुल शर्मा जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी भी अब अपना जलवा दिखाने के लिए तैयार हैं। श्रीलंकाई टीम ने अभी तक टूर्नामेंट में एक भी जीत दर्ज नहीं की है लेकिन उसे हराना आसान नहीं होगा। पर्थ में भारत और आस्ट्रेलिया दोनों को उसने परेशानी में डाला लेकिन अनुकूल परिणाम हासिल करने में असफल रहे। उसने पहले मैच में भारत को छह विकेट पर 181 रन से उबरने का मौका दिया जबकि आस्ट्रेलिया पर जीत के लिए उसे केवल एक शॉट की दरकार रह गई थी। श्रीलंका के सबसे अनुभवी बल्लेबाज कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने एडिलेड ओवल की बल्लेबाजी के लिए अनुकूल पिच पर अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। ये दोनों पहले दो मैच में असफल रहे लेकिन उन्होंने इस दौरान जरूर संकेत दिये कि वे किसी भी समय बड़ी पारी खेल सकते हैं।

लगता नहीं कि श्रीलंका अपने अंतिम एकादश में बहुत अधिक बदलाव करेगा। वह धम्मिका प्रसाद की जगह तिसारा परेरा की ऑलराउंड क्षमता का उपयोग कर सकता है लेकिन ऑफ स्पिनर सचित्रा सेनानायके के टीम में बने रहने की संभावना है क्योंकि एडिलेड ओवल की पिच से उन्हें अच्छी उछाल मिल सकती है। यहां दोनों कप्तान जयवर्धने और धोनी के बीच भी जंग देखने को मिलेगी। श्रीलंकाई कप्तान हमेशा आक्रमण पर ध्यान देता है और जब विरोधी टीम के बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन कर रहे हों तब भी रक्षात्मक रवैया नहीं अपनाता। ऑस्ट्रेलिया को उन्होंने अपनी इस रणनीति से बैकफुट पर भेज दिया था और भारत के खिलाफ भी वह कल ऐसा कर सकते हैं। दूसरी तरफ धोनी विकेट के एक तरफ क्षेत्ररक्षकों का जमावड़ा लगाकर गेंदबाजों से लगातार एक लाइन पर गेंदबाजी करने के लिए कहते हैं। भारतीय कप्तान को लक्ष्य का पीछा करना अधिक सहज लगता है और यदि भारत फिर से लक्ष्य का पीछा करता है तो किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए। भारत ने अभी तक सभी तीन मैच में लक्ष्य का पीछा किया। मेलबर्न में बारिश से प्रभावित मैच में यह उन्हें यह महंगा पड़ा लेकिन अगले दो मैच में वह जीत दर्ज करने में सफल रहा। यह कहना सही होगा कि भारतीय बल्लेबाज अब लय में आ गये हैं तथा उनसे और बेहतर की उम्मीद की जा सकती है।

यदि रोटेशन नीति चलती रही तो मंगलवार को वीरेंद्र सहवाग को बाहर बैठना होगा। तेंदुलकर की टीम में वापसी होगी और इस दिन यह महान बल्लेबाज 100वां अंतरराष्ट्रीय शतक जड़कर लंबा इंतजार खत्म कर सकता है। यदि तेंदुलकर महान डॉन ब्रैडमैन के शहर में यह उपलब्धि हासिल करते हैं तो इससे बेहतर भला क्या हो सकता है। ऐसे में तेंदुलकर को गंभीर के साथ पारी का आगाज करना होगा। गंभीर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 92 रन की शानदार पारी खेली थी। वह कल भी अपना यह प्रदर्शन दोहरा सकते हैं। मध्यक्रम के बल्लेबाजों के प्रदर्शन में भी अच्छा सुधार दिख रहा है। विराट कोहली को कुछ असफलताएं मिली हैं और लेकिन अच्छे टच में दिख रहे हैं।

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रोहित शर्मा और सुरेश रैना पहले दो मैच में असफल रहे लेकिन पिछले मैच में उन्होंने वापसी के संकेत दिए। धोनी भी अपेक्षाओं पर खरा उतरने में सफल रहे और उन्होंने खुद को सर्वश्रेष्ठ फिनिशर साबित कर दिया। मैच बड़ा स्कोर वाला हो सकता है और यदि टॉस जीतने वाला कप्तान पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला करता है तो किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए।