यह ख़बर 07 अक्टूबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

जोश से भरी टीम इंडिया कल कोच्चि में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलेगी पहला वनडे

फाइल फोटो

कोच्चि:

इंग्लैंड को उसी की धरती पर हाल ही में एकदिवसीय सीरीज में हराकर लौटी भारतीय क्रिकेट टीम बुधवार को जब वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच एकदिवसीय मैचों की सीरीज की शुरुआत करने उतरेगी तो निश्चित तौर पर उनका मनोबल ऊंचा रहेगा।

भारत घरेलू धरती पर वेस्टइंडीज के खिलाफ पिछले 12 वर्षों से अविजित है। वेस्टइंडीज ने 2002 में भारत में हुए सात मैचों की सीरीज में भारत को 4-3 से हराया था। हालांकि भारत पर उनकी यह आखिरी सीरीज विजय नहीं थी।

वेस्टइंडीज ने भारत के खिलाफ आखिरी बार 2006 में सीरीज जीती थी। वेस्टइंडीज ने अपने घरेलू मैदान पर भारत को पांच मैचों की सीरीज में 4-1 से हराया था।

भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि वेस्टइंडीज के धुरंधर बल्लेबाज क्रिस गेल जहां चोट के कारण एकदिवसीय सीरीज में नहीं खेल रहे हैं, वहीं आईपीएल में बेहद सफल रहे स्पिन गेंदबाज सुनील नरेन को संदिग्ध गेंदबाजी ऐक्शन के आरोप से बचाने के लिए कैरेबियाई बोर्ड ने इस सीरीज से दूर रखा है।

भारत की तरफ से भी हालांकि सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा का एकदिवसीय शृंखला में खेलना संदिग्ध ही है। इंग्लैंड में रोहित की अनुपस्थिति में शिखर धवन के साथ पारी की शुरुआत करने वाले अजिंक्य रहाणे को इस सीरीज में भी पारी की शुरुआत करने भेजा जा सकता है। मुरली विजय को भी हालांकि विकल्प के रूप में रखा गया है।

कैरेबियाई टीम भले भारत की धरती पर काफी समय से जीत हासिल नहीं कर पाई है, लेकिन आईपीएल में खेलते हुए उसके कई खिलाड़ी अब यहां के वातावरण और पिच के मिजाज के काफी वाकिफ हो चुके हैं।

लेंडिल सिमंस, ड्वायन स्मिथ, कीरन पोलार्ड, डारेन सैमी और ड्वायन ब्रावो जैसे खिलाड़ियों ने आईपीएल में अपनी-अपनी टीमों के लिए शानदार प्रदर्शन किया है।

ऐसे में भारतीय टीम के लिए वेस्टइंडीज को हल्का टीम समझना भारी पड़ सकता है। 2013 के नवंबर में हुए तीन मैचों की सीरीज में भी भारत 2-1 से जीत हासिल कर सका था। सीरीज में वेस्टइंडीज ने बेहतरीन बल्लेबाजी की थी और दूसरे मैच में 289 रनों के बड़े लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहे थे।

भारत की तरफ से क्रिकेट प्रशंसकों को विराट कोहली के फॉर्म में लौटने की उम्मीद है, जबकि शिखर धवन भी पिछले वर्ष इंग्लैंड में हुए चैम्पियंस लीग के बाद अपनी लय वापस नहीं पा सके हैं। गेंदबाजी में जरूर भुवनेश्वर कुमार ने अपने निरंतर प्रदर्शन से प्रभावित किया है, जबकि टीम को अभी दूसरे नियमित तेज गेंदबाज की तलाश है।

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अगले वर्ष फरवरी में होने वाले आईसीसी विश्व कप की तैयारी के मद्देनजर भारतीय टीम में कुछ युवा खिलाड़ियों को भी जगह दी गई है और संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। देखना होगा कि ये युवा खिलाड़ी खुद को कितना साबित कर पाते हैं।