भारतीय मूल के इस ‘महाराज’ ने दक्षिण अफ्रीका एकदिवसीय टीम के लिए किया डेब्यू…

केशव महाराज के पिता आत्मानंद महाराज भी दक्षिण अफ्रीका के लिए क्रिकेट खेलना चाहते थे. लेकिन रंग भेद की वजह से उन्हें मौक़ा नहीं मिला.

भारतीय मूल के इस ‘महाराज’ ने दक्षिण अफ्रीका एकदिवसीय टीम के लिए किया डेब्यू…

भारतीय मूल के दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज केशव महाराज (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली:

शनिवार को इंग्लैंड के रोज बाउल क्रिकेट मैदान पर दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच एक रोमांचक क्रिकेट मैच देखने को मिला. दूसरे एकदिवसीय मैच में जब क्रिकेट प्रेमी यह उम्मीद कर रहे थे कि दक्षिण अफ्रीका इस मैच को जीत जाएगा, तब इंग्लैंड के तेज गेंदबाज़ मार्क वुड ने आखिरी ओवर में शानदार गेंदबाज़ी करते हुए दक्षिण अफ्रीका को हारने के लिए मजबूर कर दिया. इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बेन स्टोक्स के शानदार शतक की बदौलत 330 रन बनाए. दक्षिण अफ्रीका को जीतने के लिए आखिरी ओवर में सिर्फ सात रन चाहिए थे और क्रीज पर विस्फोटक मिलर-मोरिस जोड़ी मौजूद था लेकिन वुड ने आखिरी ओवर में सिर्फ चार रन दिए और इस तरह इंग्लैंड ने इस मैच को सिर्फ दो रन से जीत लिया. मार्क वुड ने दस ओवर गेंदबाज़ी करते हुए सिर्फ 48 रन दिए.

दक्षिण अफ्रीका टीम में भारतीय मूल के 'महाराज' को मिला मौका
शनिवार को इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे एकदिवसीय मैच में दक्षिण अफ्रीका ने जब अपने प्लेइंग इलेवन की घोषणा की तब टीम में भारतीय मूल के बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज़ महाराज को मौक़ा मिला. जी हां, टीम में एक मात्र स्पिन गेंदबाज़ के रूप में केशव महाराज को प्लेइंग इलेवन में जगह मिली. टीम में इमरान ताहिर जैसे अनुभवी स्पिन गेंदबाज़ होने के बावजूद भी कप्तान एबी डिवीलियर्स ने केशव महाराज पर भरोसा जताया. केशव महाराज ने अपना पहले ओवर में सिर्फ चार रन दिए. दूसरे ओवर में 11 रन दिए. चौथे ओवर में केशव ने शानदार गेंदबाज़ी की और दो बार बेन स्टोक्स आउट होते होते बच गए. अपने आखिरी ओवर में महाराज ने स्टोक्स को आउट किया. केशव महाराज ने कुल मिलाकर 10 ओवर गेंदबाज़ी की और 72 रन देकर एक विकेट भी लिया.

टेस्ट मैचों में महाराज कर चुके हैं शानदार गेंदबाज़ी
दक्षिण अफ्रीका के लिए केशव महाराज ने अपना पहला टेस्ट मैच 3 नवंबर 2016 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला. इस मैच में महाराज को चार विकेट मिले थे. 8 मार्च 2017 को न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में महाराज पहली पारी में पांच विकेट लेने में कामयाब हुए थे. दूसरी पारी में उन्हें गेंदबाज़ी करने का मौक़ा नहीं मिला था. इस सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में महाराज आठ विकेट लेने में कामयाब हुए थे. इस मैच में महाराज ने न्यूज़ीलैंड की पहली पारी के दो विकेट लिए थे जबकि दूसरी पारी में उन्हें छह विकेट मिले थे. महाराज की शानदार गेंदबाज़ी की वजह से न्यूज़ीलैंड की दूसरी पारी सिर्फ 171 रन पर सिमट गई थी. दक्षिण अफ्रीका ने इस मैच को आठ विकेट से जीत लिया था और महाराज को 'मैन ऑफ़ द मैच' का ख़िताब जीता था. महाराज दक्षिण अफ्रीका के लिए सात टेस्ट मैच खेल चुके हैं और करीब 26 की औसत से 26 विकेट लिए हैं और दो बार पांच विकेट लेने में कामयाब हुए हैं.

अपने पापा के सपने को महाराज ने पूरा किया
केशव महाराज के पिता आत्मानंद महाराज भी दक्षिण अफ्रीका के लिए क्रिकेट खेलना चाहते थे. लेकिन रंग भेद की वजह से उन्हें मौक़ा नहीं मिला. आत्मानंद एक विकेटकीपर के रूप में दक्षिण अफ्रीका में क्लब मैच खेलते रहे. वह अपने बेटे केशव को एक क्रिकेटर बनाना चाहते थे. अपने स्कूल में केशव एक मध्यम गति के गेंदबाज़ और बल्लेबाज थे लेकिन एक दिन उन्‍होंने स्पिन गेंदबाज़ी करना शुरू कर दी और सफल हुए. 16 साल की उम्र में केशव महाराज ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलना शुरू किया. अपने पहले प्रथम श्रेणी मैच में केशव को पांच विकेट मिले थे. 5 नवंबर 2006 को केशव महाराज ने अपना पहला लिस्ट ए मैच खेला और इस मैच में उन्हें तीन विकेट मिले थे. केशव महाराज ने अब तक 86 प्रथम श्रेणी मैच खेलते हुए 309 विकेट लिए हैं और बल्लेबाजी करते हुए करीब 23 के औसत से 2102 रन बनाये हैं.


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