INDvsENG कटक वनडे : इंग्लैंड को हराकर भारत ने जीती सीरीज, ये रहे जीत के 5 कारण

INDvsENG कटक वनडे : इंग्लैंड को हराकर भारत ने जीती सीरीज, ये रहे जीत के 5 कारण

भारत ने दूसरे मैच में इंग्लैंड को 15 रनों हराकर 2-0 की अजेय बढ़त ले ली

खास बातें

  • युवराज सिंह की 150 रनों की पारी पड़ी इंग्लैंड पर भारी
  • महेंद्र सिंह धोनी ने लगाया शतक और अंत तक टीम को संवारा
  • इंग्लैड की तुलना में भारतीय गेंदबाजों की किफायती गेंदबाजी
नई दिल्ली:

भारत ने तीन वनडे मैचों की सीरीज का दूसरा मैच 15 रनों से जीतकर सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त ले ली. भारत की ओर दिए गए 382 रनों के लक्ष्य का पीछा करते समय इंग्लैंड की पूरी टीम 366 रनों पर ऑल आउट हो गई. भारत की ओर से अश्विन ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए. वहीं, भारत की शुरुआत बेहद खराब रही. 25 रन पर तीन विकेट गिरने के बाद मैदान पर आए एमएस धोनी (134 रन) और युवराज सिंह (150 रन) के बीच 256 रनों की साझेदारी से टीम इंडिया ने 50 ओवर में 6 विकेट पर 381 बनाए.

भारत की जीत के 5 प्रमुख कारण ये रहे:
 

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युवी ने अपनी पारी में 21 चौके और तीन छक्के लगाए.  

1. युवराज की तूफानी शतक
युवराज जब मैदान पर आए तो भारत का स्कोर 25/3 था. क्रिस वोक्स ने तीन विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजी को बुरी तरह झकझोर दिया था. युवी ने शुरू से ही आक्रामक अंदाज अपनाए रखा. तीन साल बाद टीम में वापसी करने वाले युवराज सिंह ने 33वें ओवर में लगभग 6 साल बाद वनडे शतक पूरा किया. इसके लिए उन्होंने 98 गेंदें खेलीं और करियर का 14वां शतक जड़ा. जिसमें 14 चौके और दो छक्के लगाए. युवराज सिंह 127 गेंदों में 150 रन बनाकर आउट हुए लेकिन आउट होने से पहले उन्होंने टीम इंडिया को एक विशाल स्कोर को ओर मोड़ दिया. युवी ने अपनी पारी में 21 चौके और तीन छक्के लगाए.

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2. धोनी का शतक और अंत तक टिके रहना
महेंद्र सिंह धोनी की विस्फोटक पारी (134 रन) की बदौलत टीम इंडिया 381 रन का विशाल स्कोर बनाने में सफल रही. महेंद्र सिंह धोनी ने शुरुआत में रणनीति के तहत धीमा खेला और पारी को संवारने की कोशिश की. बाद में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी को धार दी. धोनी ने 106 गेंदों में 10वां शतक पूरा किया. धोनी ने अपनी पारी में 10 चौके और 6 छक्के लगाए. महेंद्र सिंह धोनी ने 4 साल शतक लगाया है. इससे पहले धोनी ने 19 अक्टूबर 2013 कोऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक लगाया था. 48वें ओवर में धोनी ने लियाम पल्ंकट की जमकर धुनाई की. उन्होंने उनको तीन छक्के जड़े. हालांकि अंतिम गेंद पर छक्का लगाने के चक्कर में वह स्क्वेयर लेग बाउंड्री पर कैच हो गए.  धोनी की अंत तक टिके रहना भी जीत के प्रमुख कारणों में से एक रहा.
   
dhoni yuvi
धोनी और युवराज सिंह के बीच चौथे विकेट के लिए 256 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी हुई.

3. युवी-धोनी के बीच चौथे विकट के लिए रिकॉर्ड साझेदारी
धोनी और युवी के बीच चौथे विकेट के लिए 256 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी हुई. यही चीज भारत के पक्ष में गई. वनडे क्रिकेट के इतिहास में ये दूसरा अवसर है जब चौथे विकेट के लिए 250 रन से ज्यादा की साझेदारी हुई. चौथे विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड भारत अजहरुद्दीन- अजय जडेजा की जोड़ी के नाम है. दोनों ने बाराबती के इसी मैदान पर 9 अप्रैल 1998 को जिम्बाब्वे के खिलाफ चौथे विकेट के लिए नाबाद 275 रन जोड़े थे. वहीं, इंग्लैंड की पारी में इस तरह की कोई बड़ी साझेदारी देखने को नहीं मिली. इंग्लैंड की ओर से सबसे बड़ी साझेदारी रूट और जो के बीच हुई. दोनो ने दूसरे विकेट के लिए 100 रन जोड़े.

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4. भारत की कसी गेंदबाजी
पुणे वनडे की तुलना में आज भारत के गेंदबाजों का प्रदर्शन काफी बढ़िया रहा. बाराबती की फ्लैट पिच पर ट्रंप कार्ड माने जाने भारतीय स्पिनर आर. अश्विन ने तीन महत्वपूर्ण विकेट चटकाए. अश्विन ने 10 ओवर में 65 रन देकर जो रूट, बेन स्टोक्स और बटलर का विकेट लिया. वहीं, तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने टीम इंडिया को पहला ब्रेक थ्रू दिलाया. रविंद्र जडेजा ने भी किफायती गेंदबाजी की. जडेजा ने 10 ओवर में 45 रन देकर 45 रन दिए. उन्होंने जेसन रॉय का कीमती विकेट भी लिया.
 
5. अंतिम दो ओवर में भुवनेश्वर -बुमराह की किफायती गेंदबाजी
वैसे तो पूरी पारी के दौरान इंग्लैंड के गेंदबाजों की तुलना में भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन बेहतर रहा. लेकिन अंतिम दो ओवर में भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह ने कसी हुई गेंदबाजी की. पारी का 49वां ओवर बुमराह ने फेंका. बुमराह ने इस ओवर में महज 11 रन दिए और ईयोन मॉर्गन रन आउट करके इंग्लैंड की जीत की उम्मीद को ध्वस्त कर दिया. इसके बाद 50वां ओवर लेकर भुवनेश्वर आए. उन्होंने महज 6 रन दिए.

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