आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग : कब-कब खुलीं परतें

आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग : कब-कब खुलीं परतें

पुलिस के साथ गुरुनाथ मयप्पन (फाइल फोटो)

मुंबई:

इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग मामले की तह तक जाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है,वो 14 जुलाई को बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के दामाद गुरूनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के मालिकों में से एक राज कुंद्रा के खिलाफ फैसला सुनाएगी।

आइए जानें कब-कब खुलीं इस मामले की परतें...

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16 मई 2013 : राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ी एस. श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजित चंडिला स्पॉट फ़िक्सिंग के आरोप में गिरफ़्तार हुए।
21 मई 2013 : फिल्म अभिनेता विंदू दारा सिंह सट्टेबाज़ों के साथ रिश्ते के आरोप में मुंबई में गिरफ़्तार हुए।
24 मई 2013 : एन. श्रीनिवासन और चेन्नई सुपर किंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन मुंबई पुलिस के सामने हाज़िर हुए, पुलिस ने पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में लिया।
2 जून 2013 : बीसीसीआई की बैठक में फ्रेंचाइज़ी की जांच के लिए दो रिटायर्ड जजों की कमेटी बनाई।
11 जून 2013 : श्रीसंत और चव्हाण जेल से जमानत पर रिहा हुए।
28 जुलाई 2013 : बीसीसीआई की बनाई जजों की कमेटी ने राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स को क्लीन चिट दी।
30 जुलाई 2013 : बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष आदित्य वर्मा ने बीसीसीआई के ख़िलाफ़ बॉम्बे हाईकोर्ट में पीआईएल दी।
5 अगस्त 2013 : बीसीसीआई ने दो जजों की कमेटी की जांच रिपोर्ट को ख़ारिज़ करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
13 सितंबर 2013 : बीसीसीआई ने श्रीसंत और चव्हाण पर आजीवन प्रतिबंध लगाया।
7 अक्टूबर 2013 : सुप्रीम कोर्ट ने फ़िक्सिंग मामले की जांच के लिए जस्टिस मुदगल कमेटी बनाई।
3 नवंबर 2014 : मुद्गल कमेटी ने रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी।
22 जनवरी 2015 : सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा को आईपीएल में सट्टेबाज़ी का दोषी माना ।
14 जुलाई 2015 : स्पॉट फिक्सिंग में मयप्पन, कुंद्रा और दोषियों को क्या सज़ा मिलेगी, इसका ऐलान।