यह ख़बर 25 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

जैक कैलिस के पास 10-हजारी क्लब में नंबर-2 बनने का मौका

डरबन:

दक्षिण अफ्रीका के महान हरफनमौला खिलाड़ी जैक कैलिस टेस्ट मैचों से संन्यास की घोषणा कर चुके हैं, और वह 26 दिसंबर से अपने करियर का अंतिम टेस्ट मैच खेलेंगे। वह फिलहाल टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में चौथे क्रम पर हैं, सो, ऐसे में कैलिस जरूर चाहेंगे कि वह तीसरे या दूसरे नंबर पर पहुंच जाएं।

टेस्ट करियर में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में सबसे ऊपर भारतीय मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर मौजूद हैं, जिन्होंने 200 टेस्ट मैचों की 329 पारियों में 53.78 की औसत से कुल 15,921 रन बनाए। दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग हैं, जिन्होंने 168 मैचों की 287 पारियों में 51.85 की औसत से 13,378 रन ठोके।

सूची में तीसरे नंबर पर फिर एक भारतीय राहुल द्रविड़ का नाम दर्ज है, जिन्हें 'द वॉल' कहकर पुकारा जाता रहा। द्रविड़ ने अपने करियर में 164 टेस्ट मैच खेले, जिनकी 286 पारियों में उन्होंने 52.31 की औसत से 13,288 रन बनाए। इनके बाद चौथे नंबर पर कैलिस मौजूद हैं, जिन्होंने अब तक 165 मैचों की 279 पारियों में 55.12 की औसत से 13,174 रन बनाए हैं।

अब इस सूची के मुताबिक जैक कैलिस तीसरे नंबर पर मौजूद राहुल द्रविड़ से 114 रन पीछे हैं, जबकि रिकी पोंटिंग से वह 204 रन पीछे हैं। कैलिस के लिए भारत के खिलाफ 26 दिसंबर, 2013 से खेला जाने वाला शृंखला का दूसरा और आखिरी टेस्ट मैच आखिरी मौका है, जब वह न सिर्फ द्रविड़, बल्कि पोंटिंग को भी पीछे छोड़कर इस सूची में दूसरे नंबर पर पहुंच सकते हैं।

तीसरे क्रम पर आने के लिए कैलिस को दोनों पारियों में कुल मिलाकर 115 रन बनाने हैं, जबकि दूसरे स्थान पर पहुंचने के लिए उन्हें 205 रन बनाने होंगे, जो उनके जैसे खिलाड़ी के लिए बहुत अनूठा कारनामा नहीं है। इसका कारण यह है कि जैक कैलिस का औसत शानदार है। उन्होंने अब तक 55.12 के औसत से रन बनाए हैं, जो 10-हजारी क्लब में शामिल खिलाड़ियों में दूसरा सर्वश्रेष्ठ है। श्रीलंका के कुमार संगकारा (56.98) ने ही उनसे बेहतर औसत के साथ रन बटोरे हैं।

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वैसे, जैक कैलिस ने अपनी खराब फॉर्म से तंग आकर टेस्ट मैचों से संन्यास का फैसला किया है, और वह पिछले तीन टेस्ट मैचों में 5, 0, 7, 0, 34 रनों की पारियां ही खेल सके हैं। सो, इस तरह के हालिया प्रदर्शन को देखते हुए कहना मुश्किल है कि वह अपने करियर की अंतिम दो पारियों में 115 या 205 रन बटोर पाएंगे या नहीं, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि उन जैसे शानदार खिलाड़ी को सीमाओं में बांधना सही नहीं होगा।