यह ख़बर 22 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

कोटला की टूटती पिच ने किया हैरान

खास बातें

  • फिरोजशाह कोटला स्टेडियम की पिच खबरों में न हो, ऐसा कैसे हो सकता है। वर्ष 2009 में खेले गए एक एक-दिवसीय मैच के दौरान क्रिकेट के लिए 'अशोभनीय' करार दी गई इस पिच ने शुक्रवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी पहले टेस्ट मैच के पहले दिन ही सबको हैरान कर दिया।
नई दिल्ली:

फिरोजशाह कोटला स्टेडियम की पिच खबरों में न हो, ऐसा कैसे हो सकता है। वर्ष 2009 में खेले गए एक एक-दिवसीय मैच के दौरान क्रिकेट के लिए 'अशोभनीय' करार दी गई इस पिच ने शुक्रवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी पहले टेस्ट मैच के पहले दिन ही सबको हैरान कर दिया।

पहले दिन फेंके गए 98 ओवरों के बाद पिच की जो हालत है, उसे देखते हुए तो यही कहा जा सकता है कि चौथा टेस्ट अधिक से अधिक चार दिनों तक चलेगा। इसका कारण यह है कि पहली गेंद फेंके जाने के साथ ही इस पिच की दरार उभरकर सामने आ गई।

इस बात ने भारतीय स्पिनरों के चेहरों पर खुशी ला दी लेकिन मेहमान टीम के खेमे में निराशा के भाव दिखे। पिच की असमान उछाल और जोरदार स्पिन के बीच रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा अपनी झोली में छह विकेट डालने में सफल रहे।

जब पिच ताजा थी और दरारें भी कम थी, तब इशांत शर्मा ने दो विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को शुरुआती झटके दिए थे। मैच की शुरुआत में ही इशांत की एक गुडलेंथ बॉल काफी तेजी से उछली और मेहमान बल्लेबाज फिलिप ह्यूज के हेलमेट की जाली से जा टकराई।

यह नजारा किसी को भी पसंद नहीं आता है, चाहे वह बल्लेबाजी करने वाली टीम हो या फिर गेंदबाजी करने वाली टीम क्योंकि पिच पर दोनों को ही बल्लेबाजी करनी होती है। मेहमान टीम तो इसे देखकर और भी खुश नहीं होगी क्योंकि स्पिनरों को मदद पहुंचा रही पिच पर उसने सिर्फ एक विशेषज्ञ स्पिनर के साथ खेलने का फैसला किया है।

टीवी कमेंटेटर, भारतीय टीम के सभी पूर्व स्टार खिलाड़ी मैच से पूर्व पिच पर थे और सभी ने एक स्वर में कहा कि यह पिच स्तरीय नहीं है और इस पर खेल चार दिनों से अधिक नहीं चलेगा। नतीजा किसके पक्ष में रहेगा, यह इशारे-इशारे में साफ किया गया, जिसमें भारत का नाम छुपा था।

भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण और पूर्व कप्तान रवि शास्त्री ने इस पिच को 'तीसरे दिन' की पिच करार दिया। शास्त्री ने पिच रिपोर्ट में साफ कहा कि वह मैच के समय से पूर्व समाप्त होने की उम्मीद कर रहे हैं।

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कोटला की पिच इससे पहले 2009 में खबरों में आई थी, जब भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया एकदिवसीय मैच रद्द कर दिया गया था। कारण, पिच स्तरीय नहीं थी और उस पर असमान उछाल था। इसके बाद नाराज आईसीसी ने कोटला में मैच कराने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे 2011 में भारत में हुए विश्व कप से पहले हटाया गया और कोटला में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हुई।