यह ख़बर 11 अक्टूबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के तौर पर ललित मोदी की कुर्सी खतरे में

ललित मोदी की फाइल तस्वीर

जयपुर:

विवादास्पद खेल प्रशासक ललित मोदी का राजस्थान क्रिकेट संघ के अध्यक्ष के तौर पर दर्जा खतरे में है चूंकि एक बागी गुट ने उन्हें बर्खास्त करने का दावा किया है, हालांकि पूर्व आईपीएल कमिश्नर के करीबी लोगों ने इसे सरासर खारिज किया है।

व्यस्त घटनाक्रम के बीच स्थानीय भाजपा सांसद अमीन पठान की अगुवाई वाले एक गुट ने आमसभा की असाधारण बैठक के बाद आरसीए पर नियंत्रण का दावा किया। पठान ने कहा कि वह बहुमत से कार्यवाहक अध्यक्ष चुन लिए गए हैं जिससे मोदी के पांच महीने के कार्यकाल का नाटकीय अंत हो गया।

मोदी के वकील और राजस्थान क्रिकेट संघ के उपाध्यक्ष महमूद अब्दी ने आज अमीन पठान की अगुवाई वाले बागी धड़े के इस दावे को खारिज किया कि आईपीएल के पूर्व प्रमुख को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है।

अब्दी ने कहा, ‘‘एन श्रीनिवासन और उनके साथी आरसीए को अस्थिर करने के लिए घटिया चालें चल रहे हैं, लेकिन वे कामयाब नहीं होंगे। हम विश्वासघाती अमीन पठान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। पांच महीने पहले वह मोदी का पोस्टर लेकर घूम रहा था और आज दावा कर रहा है कि वह कार्यवाहक अध्यक्ष है।’’

अब्दी ने कहा, ‘‘उनके दावे सरासर झूठे हैं। आरसीए के उप नियमों में इस तरह की बैठक का कोई प्रावधान नहीं है। दूसरे, चुनाव के तहत अस्तित्व में आने वाली इकाई को हटाने वाले ये लोग कौन होते हैं।’’

समझा जाता है कि आरसीए के 33 में से 23 जिला क्रिकेट संघों ने मोदी को हटाने की कार्रवाई का समर्थन किया। बीसीसीआई से आजीवन प्रतिबंध झेल रहे मोदी इस साल मई में भारी बहुमत से आरसीए अध्यक्ष पद पर लौटे थे। मोदी के अध्यक्ष बनने के बाद बीसीसीआई ने आरसीए पर प्रतिबंध लगा दिया था जिससे राज्य के क्रिकेटर बोर्ड के मान्यता प्राप्त टूर्नामेंटों में भाग नहीं ले पा रहे थे।

मोदी के अचानक बर्खास्त होने से आरसीए की बीसीसीआई की सरपरस्ती में वापसी का मार्ग भी प्रशस्त हो गया। इससे उसे बोर्ड से नियमित सालाना अनुदान भी मिलेगा और सवाई मानसिंह स्टेडियम पर आईपीएल तथा अंतरराष्ट्रीय मैच हो सकेंगे।

गतिरोध को देखते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय ने हालिया फैसले में तीन अलग-अलग चयन समितियों की तदर्थ इकाई का गठन किया था जो बोर्ड के टूर्नामेंटों के लिए राज्य की टीम का चयन कर रही थी।

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आरसीए पर बोर्ड के प्रतिबंध से कामकाज के सुचारू संचालन में बाधा पैदा हो रही थी। सदस्यों में भी बेचैनी थी और कइयों ने कोटा से भाजपा सांसद पठान का समर्थन किया जो उस क्षेत्र से जिला संघ के अध्यक्ष भी हैं।