कुछ खिलाड़ी टीम के लिए 'ट्यूमर' की तरह थे, माइकल क्लार्क के इस बयान से हो सकता है विवाद

कुछ खिलाड़ी टीम के लिए 'ट्यूमर' की तरह थे, माइकल क्लार्क के इस बयान से हो सकता है विवाद

ऑस्‍ट्रेलियाई क्रिकेटर माइकल क्‍लार्क (फाइल फोटो)

खास बातें

  • क्लार्क ने कहा कि ह्यूज की मौत के बाद उनके लिए क्रिकेट पहले जैसा नहीं रहा
  • 2009 में साइमन कैटिज के साथ हुए विवाद पर भी क्‍लार्क ने अपनी बात रखी
  • क्लार्क ने अपने लंबे करियर के दौरान उपजे कई विवादों पर खुलकर बोला
सिडनी:

ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क का ताजा बयान विवादों का पिटारा साबित होने वाला है. क्लार्क ने सोमवार को एक टेलीविजन चैनल पर कहा कि कुछ खिलाड़ी 'ट्यूमर' की तरह होते हैं. हालांकि उन्होंने अपने पूर्व साथी खिलाड़ी शेन वाटसन को कैंसर कहे जाने से इनकार किया.

'चैनल नाइन' के कार्यक्रम '60 मिनट्स' में क्लार्क ने अपने 115 टेस्ट मैचों के लंबे करियर के दौरान उपजे कई विवादों पर खुलकर बोला. उन्होंने अपने पिछले कई बायनों पर सफाई भी दी. क्लार्क ने कहा, 'मैंने कहा था कि उस समय टीम में कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जो ट्यूमर की तरह हैं और इस समस्या को यदि समय रहते नहीं सुधारा गया तो यह भविष्य में कैंसर बन जाएगा.'

क्लार्क से जब पूछा गया कि क्या उनका इशारा वाटसन की तरफ था तो उन्होंने कहा, 'हां, शेन वाटसन उन खिलाड़ियों में से एक थे.' क्लार्क ने 2009 में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में जीत के बाद ड्रेसिंग रूम में जो हुआ उस पर भी अपनी बात रखी. उस मैच में साइमन कैटिच ने कथित तौर पर तत्कालीन उप-कप्तान क्लार्क से टीम का गीत गाए जाने के समय को लेकर हुए विवाद में उनकी गिरेबान पकड़ ली थी. क्लार्क ने इस पर कहा, 'उनके पास गुस्सा होने की वाजिब वजह हो सकती है, लेकिन मेरी भाषा अनुचित नहीं थी.'

क्लार्क ने कहा कि फिल ह्यूज की मौत के बाद उनके लिए क्रिकेट पहले जैसा नहीं रहा. ह्यूज, क्लार्क के करीबी दोस्त थे. नवंबर 2014 में घरेलू टूर्नामेंट में खेलने के दौरान गर्दन पर गेंद लगने से ह्यूज की मौत हो गई थी. क्लार्क ने कहा, 'शायद मैं खुद से कहता रहा था कि उसके (ह्यूज) ठीक होने की संभावना है.' उन्होंने कहा, 'लेकिन मैं जानता था कि ऐसा नहीं होगा. मैं पूरी रात उससे बातें करता रहा. इससे मेरा दिल बुरी तरह से टूट गया था.' उन्होंने कहा, 'इसके बाद क्रिकेट खेलना हमेशा मुश्किल लगने लगा. मैंने जितनी भी क्रिकेट खेली है उसमें पहली बार मुझे डर लगने लगा था.'

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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