मिचेल जॉनसन रह सकते हैं सिडनी टेस्ट से बाहर

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

चार टेस्ट मैच की सीरीज में 2-0 से आगे चल रही ऑस्ट्रेलियाई टीम में अब तक सबकुछ दुरुस्त नज़र आ रहा था। लेकिन सिडनी टेस्ट से पहले मिचेल जॉनसन हैमस्ट्रिंग की चोट से जूझते बताए जा रहे हैं। ख़बरों के मुताबिक यह भी माना जा रहा है कि मिचेल जॉनसन को सिडनी टेस्ट के दौरान आराम दिया जा सकता है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया को अपनी रणनीति में फिर से फेरबदल की ज़रूरत पड़ सकती है। सिडनी क्रिकेट टेस्ट के शुरू होने में कुछ ही वक्त बचा है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के घातक गेंदबाज़ मिचेल जॉनसन को अभ्यास करते नहीं देखना दोनों ही टीमों के लिए बड़ी ख़बर है।

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में छपी ख़बरों के मुताबिक, हैमस्ट्रिंग की चोट की वजह से मिचेल जॉनसन ने सिडनी टेस्ट से तीन दिनों पहले खुद को अभ्यास से दूर रखा जबकि दोनों टीमों के बीच तनातनी हद से ज़्यादा नजर आ रही है। 33 साल के मिचेल जॉनसन की ये शिकायत थी कि पिछले मैचों में उन्होंने ज़्यादा गेंदबाज़ी की। उन्होंने कहा था कि वह कप्तान स्टीवन स्मिथ से कहेंगे कि उन्हें छोटे स्पेल में गेंदबाज़ी करने का मौक़ा मिले। ज़ाहिर है उनका इशारा सिडनी टेस्ट के दौरान छोटे स्पेल में गेंदबाज़ी करने का था। उनका बाहर रहना ऑस्ट्रेलिया को ख़ासतौर पर खल सकता है।

क्योंकि मेज़बान टीम की जीत और रणनीति में वह अब तक अहम कड़ी साबित हुए हैं। पिछले तीन टेस्ट मैचों में उन्होंने 122.2 ओवर गेंदबाज़ी की है। यानी प्रति टेस्ट मैच क़रीब 40 ओवर गेंदबाज़ी की है। इन तीन टेस्ट मैचों में उन्होंने नैथन लियॉन (19 विकेट) के बाद सबसे ज़्यादा 13 विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाज़ों को बैकफ़ुट पर रखा है। इसके अलावा उन्होंने 44.33 के औसत से 133 रन बनाकर ऑस्ट्रेलियाई टेल को मज़बूत बनाए रखा है।

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मिचेल जॉनसन अगर चौथे टेस्ट से बाहर रहते हैं तो ऑस्ट्रेलिया के पास मिचेल स्टार्क और पीटर सिडल के रूप में दो मज़बूत बड़े विकल्प तो हैं, लेकिन जॉनसन इन दिनों ख़तरनाक नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही स्लेजिंग करते हुए वो अब तक टीम इंडिया पर हावी रहे हैं। पिछले तीन टेस्ट मैचों में मिचेल जॉनसन टीम इंडिया की सबसे बड़ी मुश्किलों में से एक बने रहे हैं। ऐसे में जॉनसन का बाहर रहना टीम इंडिया के लिए राहत की बात हो सकती है। ये और बात है कि टीम इंडिया के अपनी मुश्किलों की लिस्ट भी बेहद लंबी है जिसे दुरुस्त करना मेहमान टीम की बड़ी चुनौती बनी हुई है।