चेतेश्वर पुजारा ने गुरुवार को चंदू बोर्डे क रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा (फाइल फोटो)
खास बातें
- पुजारा ने चंदू बोर्डे का पांच दशक पुराना रिकॉर्ड तोड़ा
- तिहरा शतक बनाने के बावजूद नायर को बाहर बैठना पड़ा
- टीम प्रबंधन ने करुण पर अजिंक्य रहाणे को तरजीह दी
हैदराबाद : टीम इंडिया के दो सदस्य चेतेश्वर पुजारा और करुण नायर के लिये गुरुवार का दिन 'कहीं खुशी, कहीं गम' के अहसास वाला रहा. हालांकि इन दोनों ने अलग-अलग तरह के रिकॉर्ड अपने नाम किए. पुजारा हालांकि शतक नहीं बना सके, लेकिन आज उन्होंने चंदू बोर्डे का पांच दशक पुराना एक सत्र में सर्वाधिक रन का राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ दिया. दूसरी ओर, हैदराबाद टेस्ट की प्लेइंग इलेवन से बाहर रखे गए करुण सोच रहे होंगे कि टेस्ट मैच की टीम में शामिल होने के लिये तिहरा शतक जड़ने के अलावा क्या किया जा सकता है.
पुजारा 83 रन के निजी स्कोर पर आउट हुए, जिसके साथ ही उन्होंने इस सत्र में 1605 रन बनाकर चंदू बोर्डे को एक रन से पीछे छोड़ा. अभी इस सत्र में चार टेस्ट और खेले जाने बाकी हैं तो वह 2000 रन के करीब पहुंच सकते हैं. इससे पहले बोर्डे ने 1964-65 सत्र में 1604 रन जुटाए थे जिसमें टेस्ट मैचों और प्रथम श्रेणी मैचों में बनाये गये रन शामिल हैं. दिलचस्प बात है कि भारतीय खिलाड़ी द्वारा एक सत्र में तीसरा सर्वाधिक रनों का कुल स्कोर भी पुजारा के ही नाम है, उन्होंने 2012-13 के सत्र में 1585 रन बनाए थे.
अब बात करुण नायर की. पिछले टेस्ट मैच में तिहरा शतक जड़ने के बाद ज्यादातर खिलाड़ियों को अंतिम एकादश से बाहर नहीं किया गया है लेकिन करुण इस सूची में शामिल हो गए क्योंकि टीम प्रबंधन को लगता है कि अजिंक्य रहाणे के पिछले दो साल के निरंतर योगदान की अनदेखी नहीं की जा सकती. करुण से पहले केवल तीन बल्लेबाज ही तिहरा शतक जड़ने के बाद अगले टेस्ट मैच में नहीं खेल पाए. एंडी सेंडम वेस्टइंडीज के खिलाफ 1925 में जमैका में हुए ‘टाइमलैस’ टेस्ट के दौरान 40 वर्ष के थे. वह अपना 14वां टेस्ट खेल रहे थे और उन्होंने 325 रन बनाए थे. मैच नौवें दिन खत्म हुआ था क्योंकि तब एमसीसी के नाम से जानी जाने वाली इंग्लैंड की टीम को जहाज पकड़ना था. सेंडम इसके बाद चोटिल हो गये और फिर उबर नहीं सके जिससे उनका टेस्ट कैरियर समाप्त हो गया. तिहरा शतक जड़ने के बाद अगले टेस्ट की टीम में शामिल नहीं हो पाने वाले अन्य दो क्रिकेटर सर लेन हटन और इंजमाम उल हक हैं लेकिन दोनों ही खिलाड़ी पूरी तरह से फिट नहीं थे. हटन ने अगस्त 1938 में एशेज टेस्ट में ओवल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 364 रन बनाये थे और फिर इसी साल दिसंबर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अगला टेस्ट खेले थे. इंजमाम ने मई 2002 में लाहौर में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने कैरियर की सर्वश्रेष्ठ 329 रन की पारी खेली थी और फिर नवंबर 2002 में हरारे में जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना अगला टेस्ट मैच खेला.