यह ख़बर 18 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

मोहाली टेस्ट : भारत ने बनाई जीत की हैट्रिक, रचा इतिहास

खास बातें

  • टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के इस भारत दौरे पर वह कारनामा कर दिखाया, जो कोई भी भारतीय टीम इससे पहले नहीं कर पाई थी। मोहाली में खेले गए शृंखला के तीसरे टेस्ट मैच में जीतकर भारत ने 3-0 की बढ़त ले ली है, जबकि इससे पहले सर्वश्रेष्ठ भारतीय परिणाम 2-0 का रहा था।
मोहाली:

टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के इस भारत दौरे पर वह कारनामा कर दिखाया, जो कोई भी भारतीय टीम इससे पहले नहीं कर पाई थी। मोहाली में खेले गए शृंखला के तीसरे टेस्ट मैच में जीतकर भारत ने 3-0 की बढ़त ले ली है, जबकि इससे पहले सर्वश्रेष्ठ भारतीय परिणाम 2-0 का रहा था। टीम इंडिया ने मैच के पांचवें दिन चौथी पारी में चार विकेट गंवाकर 133 रनों के लक्ष्य का पीछा कर लिया, और 136 रन बनाकर कंगारुओं को छह विकेट से परास्त कर दिया।

अपने करियर के पहले ही मैच में शतक लगाकर कीर्तिमान बनाने वाले दिल्ली के बल्लेबाज शिखर धवन को 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया।

चोटिल होने की वजह से शिखर धवन के स्थान पर चेतेश्वर पुजारा से मुरली विजय के साथ पारी की शुरुआत करवाई गई थी, लेकिन इस पारी में कोई भी भारतीय बल्लेबाज शानदार खेल नहीं दिया पाया, और नियमित अंतराल पर मुरली विजय (26), पुजारा (28), विराट कोहली (34) तथा सचिन तेंदुलकर (21) आउट होते गए। आखिरी रनों का पीछा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (18) और रवींद्र जडेजा (8) ने किया, और टीम को ऐतिहासिक जीत दिलवा दी।

इससे पहले, तीसरे टेस्ट के पांचवें और अंतिम दिन सोमवार को ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम 223 रन पर आउट हो गई थी। रविवार को कंगारुओं की दूसरी पारी में तीन विकेट लेने वाले भुवनेश्वर कुमार के बाद सोमवार को रवींद्र जडेजा ने भी तीन और प्रज्ञान ओझा व रविचंद्रन अश्विन ने दो-दो विकेट चटकाए, और ऑस्ट्रेलियाई टीम को 223 रनों के कुल योग पर आउट कर डाला, लेकिन इसके लिए उनसे कंगारुओं की आखिरी जोड़ी ने काफी मेहनत करवाई।

जिस समय पहली पारी में सिर्फ एक रन से शतक बनाने से चूके मिशेल स्टार्क का साथ देने के लिए ऑस्ट्रेलिया के आखिरी बल्लेबाज के रूप में ज़ेवियर डोहर्टी मैदान में आए, भारत को पूरी उम्मीद हो गई थी कि अब उन्हें बेहद जल्द बल्लेबाजी कर 3-0 से कंगारुओं को हराने का रिकॉर्ड रचने का मौका मिल जाएगा, लेकिन एक-एक कर सभी गेंदबाजों को इन दोनों बल्लेबाजों ने धता बता दी। सचिन तेंदुलकर जैसे पार्ट-टाइम बॉलर समेत कोई भी स्पिन गेंदबाज उनकी जोड़ी को नहीं तोड़ पाया, और कंगारुओं की पारी के 81 ओवर पूरे होने के बाद कप्तान धोनी ने नई गेंद लेकर भुवनेश्वर और इशांत शर्मा को थमा दी। जब उससे भी कोई लाभ न हुआ, तो धोनी ने तीन ही ओवर के बाद इशांत की जगह बॉल फिर अश्विन को दे दी, लेकिन व्यर्थ। फिर जब जडेजा ने ड्रिंक्स के बाद दोबारा गेंदबाजी शुरू की तो भारत को वह विकेट मिला, जिसका उन्हें काफी देर से इंतज़ार था। जडेजा ने स्टार्क को 35 के निजी योग पर अश्विन के हाथों लपकवाकर कंगारुओं को आखिरी झटका दिया।

इससे पहले, रविवार को तीन विकेट के नुकसान पर 75 रन से आगे खेलते हुए नाथन ल्योन और फिलिप ह्यूगेस ने पारी को आगे बढ़ाने और टिककर खेलने की कोशिश की थी, लेकिन ओझा ने 89 के कुल योग पर ल्योन को विकेटकीपर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के हाथों लपकवा दिया। ल्योन अपने रविवार को निजी स्कोर में 14 रन ही जोड़कर कुल 18 रन बना सके।

इसके बाद कप्तान क्लार्क मैदान में आए थे, परन्तु उन्हें जडेजा ने 18 के निजी योग पर चेतेश्वर पुजारा के हाथों कैच कराकर पैवेलियन लौटा दिया। ऑस्ट्रेलिया का छठा विकेट ह्यूगेस के रूप में गिरा था, जिन्होंने आउट होने से पहले 69 रनों का महत्वपूर्ण योगदान दिया। ह्यूगेस को अश्विन की गेंद पर पगबाधा आउट करार दिया गया।

कंगारुओं का सातवां विकेट फिर जडेजा को मिला था, जिन्होंने मोसेस हेनरीक्स को सिर्फ दो रन के निजी योग पर खुद की ही गेंद पर लपका। आठवां विकेट पीटर सिडल का गिरा था, जिन्हें ओझा ने 13 के निजी योग पर प्लीन बोल्ड किया। नौवें विकेट के लिए अश्विन फिर सामने आए, और ब्रैड हेडिन को 30 रन के निजी योग पर पगबाधा आउट कर दिया।

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इससे पहले, कंगारुओं के पहली पारी में बनाए गए 408 रनों के जवाब में भारत ने अपनी पहली पारी में करियर का आगाज़ करने वाले सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (187) और दूसरे सलामी बल्लेबाज मुरली विजय (153) की बेहतरीन पारियों की मदद से 499 बनाए थे। उस पारी में शिखर और मुरली के अतिरिक्त सिर्फ विराट कोहली (67) ही नाबाद अर्द्धशतक ठोक पाए थे। उल्लेखनीय है कि मोहाली के पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (पीसीए) मैदान में खेले जा रहे शृंखला के इस तीसरे टेस्ट मैच का पहला दिन (14 मार्च, गुरुवार) पूरी तरह बरसात में धुल गया था, और शुक्रवार को मेहमान टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था।