यह ख़बर 08 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

महेंद्र सिंह धोनी ने कहा, टी-20 में हार के लिए मैं जिम्मेदार

फाइल फोटो

बर्मिंघम:

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में तीन रन की करीबी हार का जिम्मा खुद लिया और कहा कि वह आखिरी ओवर में खेल समाप्त करने में नाकाम रहे।

भारत के सामने 181 रन का लक्ष्य था, लेकिन वह विराट कोहली के इंग्लैंड दौरे में पहले अर्धशतक के बावजूद पांच विकेट पर 177 रन ही बना पाया। धोनी ने कहा, छह गेंद पर 17 रन बनाना हमेशा मुश्किल होता है। मैंने पहली गेंद पर चौका लगाया। अंतिम ओवर में मैंने कम से कम दो ऐसे शॉट गंवाए जिन पर मैं बाउंड्री जड़ सकता था। यह मुश्किल काम था और यह उन दिनों में से था जब चीजें आपके पक्ष में नहीं जाती।

दूसरे छोर पर अंबाती रायुडु थे, लेकिन भारतीय कप्तान ने खुद ही जिम्मेदारी लेने का फैसला किया और बीच में एक रन नहीं लिया। उन्होंने कहा, मुझे लगा कि गेंद मेरे बल्ले के बीच में आ रही है इसलिए मुझे जिम्मेदारी उठानी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। रायुडु उसी समय आया था जो गेंदें उसने खेली, उस पर वह बल्ले के बीच से शॉट नहीं खेल पाया इसलिए मैंने सोचा कि मुझे जिम्मेदारी लेनी होगी।

धोनी ने कहा, मैंने ओवर के शुरू में ही फैसला कर लिया था कि मैं इसको फिनिश करने की कोशिश करूंगा। खुद का हौसला बढ़ाना महत्वपूर्ण होता है। रायुडु भी ऐसा कर सकता था, लेकिन यह मेरी ताकत है और इसके लिए मैं जिम्मेदारी लेता हूं।
 
भारतीय गेंदबाज फिर से डेथ ओवरों में रनों पर अंकुश लगाने में नाकाम रहे और उन्होंने यार्कर करने के बजाय नीची रहती फुलटॉस की। धोनी ने माना कि यह चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा, यार्कर अब भी चिंता है, लेकिन प्रारूप में अंतर के बाद यह मुश्किल बन गया है। हमारे पास आज तीन स्पिनर थे इसलिए गेंद ने ज्यादा रगड़ नहीं खाई थी और ऐसे में डेथ ओवरों में गेंदबाजी करना आसान नहीं होता। लेकिन जब आप सही यार्कर नहीं करते तो बल्लेबाजों को झांसा दिया जा सकता था। आपको अपनी लाइन और लेंथ बदलने की जरूरत पड़ती है, लेकिन हमारे गेंदबाजों ने आज सुधार नहीं किया।

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भारत ने टेस्ट शृंखला 1-3 से गंवायी, लेकिन वनडे शृंखला में वह 3-1 से जीत दर्ज करने में सफल रहा। दो महीने के पूरे दौरे के बारे में धोनी ने कहा, हमारे साथ इस दौरे पर कई युवा खिलाड़ी थे। पांच टेस्ट मैचों की शृंखला कड़ी होती है। इससे पहले हमारे किसी खिलाड़ी ने पांच टेस्ट मैचों की शृंखला नहीं खेली थी। हमने पहले दो मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन आखिरी तीन मैचों में हम अच्छा खेल नहीं दिखा पाए। इसके बाद वनडे में अच्छा प्रदर्शन करना महत्वपूर्ण था और हमने ऐसा किया। उन्होंने कहा, दौरे के बीच में 20.25 दिन तक हम अच्छी क्रिकेट नहीं खेल पाए। ऐसा प्रत्येक टीम के साथ होता। यहां के अनुभव से सीख लेना महत्वपूर्ण है। इसके बाद हमें वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया से खेलना है और यदि हम यहां की सीख वहां लागू कर सकते है तो मुझे खुशी होगी।