यह ख़बर 12 नवंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

मुंबई टेस्ट : टिकटों की बिक्री को लेकर प्रशंसक नाराज

मुंबई:

विश्व के सार्वकालिक महानतम बल्लेबाजों में शुमार सचिन तेंदुलकर की विदाई मैच के लिए बहुत कम संख्या में टिकटों की बिक्री ऑनलाइन शुरू किए जाने के मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के फैसले के कारण बड़ी संख्या में दर्शकों में नाराजगी फैल गई।

देशभर में फैले तेंदुलकर के प्रशंसकों को उनकी इस विदाई मैच का इंतजार था, लेकिन एमसीए ने मैच से तीन दिन पहले वह भी सिर्फ ऑनलाइन टिकटों की बिक्री का फैसला कर उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

तेंदुलकर के विदाई टेस्ट के आयोजन स्थल वानखेड़े स्टेडियम की दर्शक क्षमता 32 हजार है, जबकि सार्वजनिक तौर पर सिर्फ 3,500 टिकटों की ही ऑनलाइन बिक्री की जा रही है। इससे भी अनेक प्रशंसक नाराज हैं।

वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो डॉट कॉम के अनुसार, एमसीए ने ऑनलाइन टिकटों की बिक्री की जिम्मेदारी वेबसाइट क्याजूंगा डॉट कॉम को सौंपी, लेकिन सोमवार को सुबह 11.0 बजे ऑनलाइन टिकटों की बिक्री शुरू होते ही वेबसाइट क्रैश कर गई, जिसके कारण लोगों को ऑनलाइन टिकटों की बुकिंग में भारी दिक्कतें हो रही हैं।

टिकटें न मिल पाने से नाराज प्रशंसकों ने एमसीए के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली और टिकटों को पहले से ब्लैक करने का आरोप भी लगाया। सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर भी सोमवार को एमसीए के खिलाफ टिप्पणियों की भरमार लग गई।

ऐसी ही एक टिप्पणी में एटअवेकइंडिया ने कहा, "ऐसा लग रहा है जैसे एमसीए ने पहले से ही सारी टिकटें ब्लैक कर दी हैं, और अब वेबसाइट के क्रैश होने का नाटक किया जा रहा है।"

एक अन्य प्रशंसक नीतीश पवार ने अपने ट्विटर खाते एटनाइटघोस्ट1234 पर कहा, "अगर ऐसा ही चलता रहता है, तो दर्शकों को चाहिए कि वे स्टेडियम ही न जाएं। फिर देखते हैं एमसीए लाभ कहां से कमाती है।"

एमसीए के उपाध्यक्ष रवि सावंत ने हालांकि नाराज प्रशंसकों के आरोपों का जवाब देते हुए टिकटों की बिक्री न किए जाने को खारिज किया और कहा, "हमारा एक विशेष तंत्र है जिसके तहत टिकटें आम लोगों तक ही पहुंचाई जाती हैं। हमें पहले अपने क्लबों को टिकटें वितरित करनी होती हैं, उसके बाद जिमखानों और फिर गरवारे क्लब हाउस को भी टिकटें देनी होती हैं। ये क्लब ही फिर इन टिकटों को अपने सदस्यों में बिक्री करते हैं, और ये सदस्य आम लोगों में से ही तो होते हैं।"

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इंटरनेट की सुविधा से वंचित प्रशंसकों के बारे में पूछे जाने पर सावंत ने ईएसपीएनक्रिकइंफो को बताया कि वह इसे समझ सकते हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि एमसीए सभी लोगों को तो संतुष्ट नहीं कर सकता।

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