मुरली विजय ने हैदराबाद में 108 रनों की पारी खेली...
हैदराबाद: बांग्लादेश के खिलाफ हैदराबाद में खेले जा रहे सीरीज के एकमात्र टेस्ट मैच में टीम इंडिया की स्थिति काफी मजबूत हो गई है. वैसे जब पहले दिन ओपनर लोकेश राहुल का विकेट टीम इंडिया ने जल्दी खो दिया, तो बांग्लादेश के हावी होने का खतरा मंडराने लगा था, लेकिन अन्य ओपनर मुरली विजय और टीम इंडिया की आधुनिक दीवार कहलाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने उन्हें कोई मौका नहीं दिया. पुजारा जहां शतक से चूक गए, वहीं विजय ने करियर का नौवां शतक ठोक दिया. यह वही मुरली विजय हैं, जिनके टीम में स्थान को लेकर एक समय संशय पैदा हो गया था, क्योंकि वह कुछ पारियों में कुछ खास नहीं कर पाए थे. यहां तक कि कप्तान विराट कोहली ने भी उन पर शिखर धवन को तरजीह दे दी थी. कोहली के इस फैसले की आलोचना भी हुई थी. बाद में उनकी टीम में वापसी हुई और उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के पहले ही टेस्ट में शतक लगा दिया. वास्तव में विजय की एक मजबूती ही उनकी कमजोरी बनती दिख रही थी. अब विजय ने खुद खुलासा किया है कि कैसे उन्होंने इस पार पाया और फिर से फॉर्म में लौट आए...
बांग्लादेश के खिलाफ हैदराबाद में टेस्ट शतक ठोकने के बाद मुरली विजय ने अपनी कमजोरी का जिक्र करते हुए कहा कि वह इसे दूर करने के बाद ही वापसी कर पाए हैं. मुरली विजय की यह कमजोरी है ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों को खेलने की अपनी आदत, जिसे उन्होंने सुधार लिया है. वैसे विजय को को एक परफेक्ट टेस्ट ओपनर माना जाता रहा है, लेकिन बीच में उन्होंने लय खो दी थी.
विजय ने बांग्लादेश के खिलाफ एकमात्र टेस्ट मैच के पहले दिन आज यहां अपने करियर का नौवां शतक जमाया. तमिलनाडु के दाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपने खेल के उन पहलुओं पर बात की जिन पर उन्होंने काम किया.
विजय ने मैच के बाद कहा, ‘‘मैं उन गेंदों को भी खेल रहा था जिन्हें वास्तव में मुझे छोड़ना चाहिए था. मैं जब घर गया तो मैंने इस पर गहन विचार किया और फिर मुंबई आया और खुद पर दबाव बनाने वाली परिस्थिति के अनुसार खेलने की बजाय उस तरह से बल्लेबाजी जैसा मुझे खेलना चाहिए था. ये छोटी छोटी चीजें थी जिन पर मैंने मुंबई टेस्ट में काम किया.’
उन्होंने कहा, ‘‘अभी मैं केवल एक प्रारूप में खेल रहा हूं तो मेरे पास इसको लेकर बहुत अच्छी रणनीति है और मैं उस पर कायम रहा. मैं भारत को अधिक से अधिक अच्छी शुरूआत देना चाहता हूं. मैं अन्य दो प्रारूपों में भी मौका हासिल करने के लिये तैयार हूं.’’
दिन की अपनी रणनीति के बारे में विजय ने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो मैं सीरीज से पहले अपने खेल को लेकर अच्छा महसूस कर रहा था. उम्मीद है कि मेरी यह फॉर्म बरकरार रहेगा. मैंने चार पांच ओवर तक नयी गेंद को अच्छी तरह से देखा और विकेट को परखा. इसके बाद मुझे लगा कि मैं अपने शाट खेल सकता हूं. दोपहर बाद विकेट धीमा हो गया था.'