मुरलीधरन इतिहास के इकलौते गेंदबाज, आखिरी मैच से पहले जो कहा, वह कर दिखाया...देखें टॉप टेन विकेट, VIDEO

दुनिया भर के क्रिकेटप्रेमी इस बात को लेकर चिंता में थे क्योंकि मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) ने तब संन्यास का ऐलान किया, जब उन्हें टेस्ट में आठ सौ विकेट पूरे करने के लिए आठ विकेट चाहिए थे और उनके पास था सिर्फ एक टेस्ट. और स्पिनरों को अच्छा खेलने के लिए मशहूर दिग्गज भारतीय बल्लेबाजों के आठ विकेट लेना बहुत ही ज्यादा मुश्किल काम था. 

मुरलीधरन इतिहास के इकलौते गेंदबाज, आखिरी मैच से पहले जो कहा, वह कर दिखाया...देखें टॉप टेन विकेट, VIDEO

मुथैया मुरलीधरन

खास बातें

  • कहीं देखा है ऐसा गेंदबाज..!
  • कोई दूसरा मुरलीधरन नहीं ही होगा!!
  • जो सबके सामने कहा, वह कर दिखाया
नई दिल्ली:

क्रिकेट इतिहास में एक से बढ़कर एक गेंदबाज हुए हैं, लेकिन श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) की कोई सानी नहीं. पूर्व ऑफ स्पिनर ने 800 टेस्ट विकेट के साथ अलविदा कहा, लेकिन जो मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) ने अपने संन्यास से पहले किया, वह कोई भी गेंदबाज नहीं ही कर सका. आखिरी टेस्ट से पहले यह कहानी बताती है कि मुरलीधरन का अपनी काबिलियत में कितना ज्यादा भरोसा था. यह साल 2010 में भारत के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज थी और मुरलीधरन ने पहले ही इस बात का ऐलान कर दिया था कि वह पहले टेस्ट के बाद संन्यास ले लेंगे. 

लेकिन दुनिया भर के क्रिकेटप्रेमी इस बात को लेकर चिंता में थे क्योंकि मुरली ने तब संन्यास का ऐलान किया, जब उन्हें टेस्ट में आठ सौ विकेट पूरे करने के लिए आठ विकेट चाहिए थे और उनके पास था सिर्फ एक टेस्ट. और स्पिनरों को अच्छा खेलने के लिए मशहूर दिग्गज भारतीय बल्लेबाजों के आठ विकेट लेना बहुत ही ज्यादा मुश्किल काम था. 


आखिरी टेस्ट में मुरलीधरन के कप्तान रहे कुमार संगकारा इस पर कहते हैं कि मुरली आठ सौ के आंकड़े से 8 विकेट दूर थे. मैं कप्तान था और उन्होंने कहा कि वह इस सीरीज में संन्यास लेना चाहते हैं. मैं सेलेक्टरों के साथ बैठा और कहा कि वह पहले टेस्ट के बाद रिटायर होना चाहते हैं. ऐसे में सेलेक्टरों ने कहा कि ऐसा नहीं होगा. हम चाहते हैं कि वह आठ विकेट लेने के बाद संन्यास लें. ऐसे में हमने मुरलीधरन को मीटिंग में बुलाया.

संगकारा ने कहा कि हमने मीटिंग में मुरली से कहा कि अगर तुम इतने नजदीक आकर आठ सौ विकट नहीं लेते हो, तो यह बहुत ही ज्यादा निराशाजनक और दुखद होगा. इस पर मुरलीधरन ने हमारी तरफ देखा और कहा कि यह हमारे और खुद उनके लिए काम नहीं करने जा रहा है. मुझे हमेशा ही चुनौतियां पसंद रही हैं. अगर मैं सर्वश्रेष्ठ स्पिनर हूं, तो गॉल में मुझे किसी भी टीम के खिलाफ आठ विकेट लेने चाहिए. और अगर मैं ये आठ विकेट लेने जा रहा हूं, तो मैं केवल आठ विकेट लेने ही नहीं, बल्कि मैच भी जीतने जा रहा हूं. अगर मैं आठ विकेट नहीं ले सकता, तो मैं नहीं ले सकता. यही मेरा आखिरी टेस्ट होगा. धन्यवाद. मैं आठ  विकेट लेने जा रहा हूं. और फिर मुरलीधरन ने जो कहा, उसे साबित करते हुए उन्होंने आठ विकेट चटकाकर अपने आठ सौ विकेट लिए. शायद चैंपियन गेंदबाज कुछ ऐसे ही होते हैं. 

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