...और मेरा खून सोहेल का विकेट लेने के लिए उबाले मार रहा था, वेंकटेश प्रसाद ने याद किया 1996 वर्ल्ड कप

वेंकटेश ने कहा कि शायद ही कोई ऐसा दिन गुजरता है, जब मुझे देखने वाला कोई भी शख्स उस मैच के बारे में मुझसे पूझता है, उस घटना के बारे में सवाल करता है. इस पूर्व सीमर ने कहा कि बाउंड्री लगाने के बाद आमिर को अपनी क्रीज में चला जाना चाहिए था, लेकिन इसके बाद कुछ शब्दों का आदान-प्रदान हुआ. और जो हरकत आमिर ने की, वह वास्तव में अच्छी नहीं गई.

...और मेरा खून सोहेल का विकेट लेने के लिए उबाले मार रहा   था, वेंकटेश प्रसाद ने याद किया 1996 वर्ल्ड कप

वेंकटेश प्रसाद

खास बातें

  • वो आमिर-वेंकटेश की यह झड़प हमेशा याद रहेगी
  • ..जब पूरा हिंदुस्तान जश्न से झूम उठा
  • वेंकटेश पस्त..सोहेल हुए पस्त!
नई दिल्ली:

भारतीय क्रिकेट की कई खूबसूरत तस्वीरें हैं. इनमें में से एक है साल 1996 वर्ल्ड कप में क्वार्टरफाइनल में वेंकटेश प्रसाद का आमिर सोहेल को बोल्ड कर पवेलियन जाने की ओर इशारा करना है. यही वह  विकेट था, जिसने भारत की जीत का दरवाजा खोल दिया था. एक बार आमिर सोहेल आउट हुए, तो यहां से एक-एक करके पाकिस्तानी बल्लेबाज पवेलियन लौटते गए और भारत मैच जीत गया. आउट होने से पहले आमिर सोहेल ने चौका जड़कर वेंकटेश प्रसाद का मजाक बनाया था. मानो शॉट मारकर आमिर सोहेल इशारे से वेंकटेश को कह रहे थे कि वहीं मारूंगा, गेंद देख! लेकिन जल्द ही सोहल की बत्ती गुल हो गई थी. और अब वेंकटेश सीमर ने इस घटना को 24 साल बाद याद करते हुए अपने दिल की बात कही है. 

वेंकटेश ने कहा कि शायद ही कोई ऐसा दिन गुजरता है, जब मुझे देखने वाला कोई भी शख्स उस मैच के बारे में मुझसे पूझता है, उस घटना के बारे में सवाल करता है. इस पूर्व सीमर ने कहा कि बाउंड्री लगाने के बाद आमिर को अपनी क्रीज में चला जाना चाहिए था, लेकिन इसके बाद कुछ शब्दों का आदान-प्रदान हुआ. और जो हरकत आमिर ने की, वह वास्तव में अच्छी नहीं गई.

वेंकटेश ने कहा कि वास्तव में पूरा देश और मैच देख रहे दर्शक मेरे साथ थे. और मेरा खून भी विकेट लेने के लिए उबाले मार रहा था. प्रसाद ने स्वीकार किया कि आईसीसी की आचार-संहिता लागू होने के बाद यह घटना उन्हें परेशानी में डाल सकती थी, लेकिन सचिन तेंदुलकर, जवागल श्रीनाथ और मोहम्मद अजहरुद्दीन जैसे अनुभवी लोगो ने कार्यहावी में हालात को संभाला और मेरे पक्ष में तमाम बातें कहीं.  वेंकी बोले कि 96 वर्ल्ड कप से आईसीसी की नयी आचार संहिता लागू हुई थी और सोहेल से किया गया शब्दों का आदान-प्रदान और इशारे मुझे सजा दिला सकते थे. ऐसे में मुझे सावधान रहना था. शैफर्ड उस मैच में अंपायर थे. ऐसे में सचिन, अजहर और श्रीनाथ ने मेरा पूरा बचाव किया. अन्यथा मुझे मैच के बाद सजा मिल सकती 
थी.


याद दिला दें कि जब सोहेल और अनवर बल्लेबाजी कर रहे थे, तब पाकिस्तान का स्कोर 10 ओवर में बिना नुकसान के 84 रन था. चिन्नास्वामी स्टेडियम में पाकिस्तान 288 रनों का पीछा कर रहा था. आखिर में सोहेल 55 रन बनाकर आउट हुए और भारत ने यह मैच 39 रनों के बड़े अंतर से जीता. इस मैच में वेंकटेश प्रसाद ने सोहेल के अलावा इंजमाम और एजाज अहमद के विकेट लिए थे. 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

VIDEO: कुछ दिन पहले ही विराट ने करियर को लेकर बड़ी बात कही थी.