यह ख़बर 09 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

'दीवार' को कभी गंभीरता से नहीं लिया : द्रविड़

खास बातें

  • क्रिकेट प्रशंसक उन्हें 'दीवार' नाम से बुलाते हैं, लेकिन द्रविड़ ने अपने 16 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में कभी इस शब्द को भावनात्मक तौर पर अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया।
नई दिल्ली:

क्रिकेट प्रशंसक उन्हें 'दीवार' नाम से बुलाते हैं, लेकिन द्रविड़ ने अपने 16 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में कभी इस शब्द को भावनात्मक तौर पर अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। द्रविड़ ने अपने संन्यास की घोषणा के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि चूंकि लोग उन्हें प्यार से 'दीवार' कहकर बुलाते थे, लिहाजा वह इसका सम्मान करते थे, लेकिन उन्होंने कभी भी इस शब्द को गंभीरता से नहीं लिया।

द्रविड़ ने कहा, "सच कहूं तो मैंने कभी भी इस शब्द को गंभीरता से नहीं लिया। यह शब्द अखबारों में शोभा देता था, लेकिन मैंने कभी भी इसके बारे में नहीं सोचा। मैं जानता था कि लोग मुझे प्यार से इस नाम से बुलाते हैं, लिहाजा मैं इसका सम्मान करता हूं।" यह पूछे जाने पर कि 16 साल के करियर के दौरान क्या उन्हें किसी बात का अफसोस रहा? द्रविड़ ने इसका जबाब न में दिया।

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द्रविड़ ने कहा कि इतने लंबे करियर के दौरान उतार-चढ़ाव आते हैं और उन्होंने उन्हें खेल का हिस्सा माना। द्रविड़ ने कहा, "जब आप 16 साल तक खेलते हैं, तो आप उतार-चढ़ावों का सामना करते हैं। मेरे करियर में भी खुशी और निराशा के पल आए। मुझे हमेशा इस बात का संतोष रहा कि मैंने हमेशा अपना 100 फीसदी देने का प्रयास किया। मैंने श्रेष्ठ क्रिकेट खिलाड़ी बनने के लिए काफी परिश्रम किया है और इस नाते मेरे मन में किसी प्रकार का अफसोस नहीं है।"