INDvsAUS:संजय बांगर बोले, विराट कोहली की बल्‍ले से नाकामी को इतना बड़ा मुद्दा मत बनाइए

INDvsAUS:संजय बांगर बोले, विराट कोहली की बल्‍ले से नाकामी को इतना बड़ा मुद्दा मत बनाइए

संजय बांगर को उम्‍मीद है कि कोहली आगे के मैचों में अच्‍छा प्रदर्शन करेंगे (फाइल फोटो)

खास बातें

  • सहायक कोच ने कहा, नाकामियों से सबक लेते हैं विराट
  • बोले-विराट कोहली पर आए फैसले के बाद हम निराश थे
  • DRS का सही उपयोग करना हम धीरे-धीरे सीख रहे हैं
बेंगलुरू:

भारत के सहायक कोच संजय बांगर को लगता है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरुआती दो टेस्ट में विराट कोहली की बल्ले से नाकामी को जरूरत से ज्‍यादा तवज्‍जो दी जा रही है. उन्‍होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इसे ज्‍यादा महत्‍व दिया जाना चाहिए क्योंकि इस सीरीज से पहले उन्होंने (विराट ने) घरेलू सत्र में शानदार प्रदर्शन का लुत्फ उठाया है. बांगड़ ने दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन के खेल के बाद कहा, ‘विराट की बल्लेबाजी शानदार रही है. इसलिए हमें एक या दो असफलताओं पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए क्योंकि वह इतना सफल रहा है. विराट अपनी असफलताओं से सीख लेते हैं. यह उनकी महानता है. आगामी मैचों में वह अच्छा प्रदर्शन करेंगे.’ कोहली चौथी बार सस्ते में आउट हो गए उन्होंने जोश हेजलवुड की गेंद पर दिये गए एलबीडब्‍ल्‍यू के डिसीजन पर रिव्यू भी लिया जो उनके खिलाफ रहा जिससे यह स्टार बल्लेबाज काफी निराश दिखा.

बांगर ने कहा, ‘हम सभी काफी निराश थे. अगर कोई स्पष्ट सबूत होता तो यह बेहतर होता. विराट सचमुच काफी बेताब  थे. वे  हर हाल में सफल होना चाहते हैं, इसलिए जब वह सस्ते में आउट हुए तो ड्रेसिंग रूम में इस तरह की प्रतिक्रिया बिलकुल सामान्य थी.’ डीआरएस रिव्यू में मैदानी अंपायर के फैसले को बरकरार रखा गया. उन्होंने कहा, ‘हम अभी डीआरएस के मामले में नए हैं. नियमों में भी थोड़ा बदलाव किया गया है. इसलिए जो कुछ भी हो अंपायर का फैसला काफी अहम बन जाता है.’

बांगर ने कहा, ‘हम इस पर चर्चा के लिये नहीं बैठे हैं लेकिन हम खेलते हुए ही सीख रहे हैं. यह प्रशासकों का निर्णय है कि विशेष तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं.’ वैसे भारत के बल्‍लेबाजों, खासकर चेतेश्‍वर पुजारा और अजिंक्‍य रहाणे ने दूसरी पारी में काफी सुधरा हुआ प्रदर्शन किया.बांगर ने बल्लेबाजों की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा कि हमने बीते समय में कैसा प्रदर्शन किया और हमें किन क्षेत्रों में अनुकूलित होना चाहिए। बातचीत के बाद हमने हल निकाला. बल्लेबाजों ने सचमुच इन चीजों का इस्तेमाल किया और अपने पैरों का बखूबी इस्तेमाल किया वे बैकफुट पर भी खेले. इसलिए उन्होंने पिछली तीन पारियों की तुलना में निश्चित रूप से अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किए.’ (भाषा से इनपुट)


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