अब इरफान ने किया खुलासा, तेंदुलकर ने बनाया था उन्हें नंबर-3 बल्लेबाज और ग्रेग चैपल...

वैसे मीडिया सहित पूर्व क्रिकेटरों का एक बड़ा वर्ग यह कहता रहा कि यह ग्रेग चैपल थे, जिन्होंने पठान को नंबर-3 बल्लेबाज बनाया था. इन तमाम लोगों ने यह आरोप लगाया कि इससे  पठान का गेंदबाजी से ध्यान हट गया.

अब इरफान ने किया खुलासा, तेंदुलकर ने बनाया था उन्हें नंबर-3   बल्लेबाज और ग्रेग चैपल...

इरफान पठान की फाइल फोटो

खास बातें

  • कई मैचों में नंबर-3 पर खेले इरफान
  • आलोचकों ने लगाया था ग्रेग चैपल पर आरोप
  • कहा गया, नंबर-3 बैट्समैन बनाने से करियर बर्बाद हो गया
नई दिल्ली:

अब यह तो आप जानते ही हैं कि एक समय इरफान पठान ने लंबे समय तक भारत के लिए नंबर-3 पर बल्लेबाजी की. बल्कि एक समय इरफान का इस क्रम पर बल्लेबाजी करना काफी विवादित भी रहा था. कारण यह था कि मीडिया सहित तमाम पूर्व क्रिकेटरों ने यह कहा कि इस लेफ्टी बल्लेबाज को नंबर तीन पर खिलाकर बेवजह उन पर बोझ लादा गया. बहरहाल, अब इरफान ने खुलासा करते हुए कहा है कि यह सचिन तेंदुलकर थे, जिन्होंने उनके नंबर-3 पर बैटिंग करने में भूमिका निभायी. यह साल 2005 में भारत और श्रीलंका के बीच सीरीज का पहला  वनडे मैच था, जिसमें इरफान को प्रोन्नत करते  हुए नंबर तीन पर भेजा गया. और पठान ने 70 गेंदों पर बेहतरीन 83 रन की पारी खेली. भारत ने श्रीलंका को इस मैच में 152 रन से मात दी थी. इसके बाद पठान ने कई मैचों में टॉप आर्डर पर बल्लेबाजी की. इरफान नंबर तीन पर ही नहीं खेले, बल्कि उन्होंने पारी की भी शुरुआत की.

वैसे मीडिया सहित पूर्व क्रिकेटरों का एक बड़ा वर्ग यह कहता रहा कि यह ग्रेग चैपल थे, जिन्होंने पठान को नंबर-3 बल्लेबाज बनाया था. इन तमाम लोगों ने यह आरोप लगाया कि इससे  पठान का गेंदबाजी से ध्यान हट गया. बहरहाल, इरफान ने अब कहा है कि साल 2005 से 2007 तक के विवादित कार्यकाल के कारण चैपल पर यह दोष लगाना आसान है, लेकिन सच यह है कि सचिन ने मेरे नंबर-3 बल्लेबाज बनने में भूमिका निभाई.

इरफान ने कहा कि यह बात मैंने अपने संन्यास के मौके पर भी कही थी. कुछ लोग इस तरह की बात करते हैं कि नंबर-3 पर भेजकर ग्रेग चैपल ने मेरा करियर बर्बाद कर दिया, लेकिन वास्तव में सचिन पाजी का विचार था.  उन्होंने द्रविड़ को मुझे नंबर-3 पर भेजने की  सलाह देते हुए कहा कि मेरे में छक्के लगाने की क्षमता है. मैं नयी गेंद खेल सकता हूं और तेज गेंदबाजों को भी बेहतर खेल सकता हूं. यह पहली बार तब अमल में लाया गया, जब मुरलीधरन अपनी बेहतरीन गेंदबाजी के चरम पर थे और आइडिया उनके खिलाफ अटैक करने का था. 


इरफान ने कहा कि दिलहारा फर्नांडो ने उस समय स्पिलिट फिंगर के साथ स्लोअर गेंद फेंकने की शुरुआत की थी और बल्लेबाजों को  वह भी समझ में नहीं आया. ऐसे में सोच यह थी कि अगर मैं इससे निपटने में सफल रहा, तो यह टीम के हित में जा सकता है. खासकर यह देखते हुए कि यह सीरीज का पहला मैच था. इसलिए यह कहना सही नहीं है कि चैपल ने मेरा करियर खराब किया. अब जबकि भारतीय नहीं थे, तो उन्हें टारगेट करना आसान है. 

हाल ही में एक इंटरव्यू में इरफान ने कहा था कि जब उनका करियर आगे बढ़ रहा था, तो टीम मैनेजमेंट ने उनकी भूमिका को लेकर स्पष्टता के साथ संवाद नहीं किया. पठान ने शानदार शुरुआत की थी और वह सबसे कम मैचों (59) में सौ विकेट लेने वाले भारतीय थे. यह रिकॉर्ड 13 साल बना रहा, जिसे मोहम्मद शमी ने तोड़ा. लेकिन उनका करियर आगे बढ़ने के साथ ही तस्वीर बदलती चली गयी. नई बॉल का  बॉलर से लेकर वह पहले या दूसरे बदलाव वाले गेंदबाज बने. जहां शुरुआती 100 विकेट 59 मैचों में आए तो अगले 71 विकेट के लिए उन्होंने 61 मैच लिए. 

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