खास बातें
- क्या मिलेगा नवदीप सैनी व शार्दुल ठाकुर को भेजने का फायदा?
- रविवार से प्रैक्टिस शुरू करेगी टीम इंडिया
- जोहांसबर्ग में घरेलू मैदानों पर दक्षिण अफ्रीका का सबसे खराब रिकॉर्ड
नई दिल्ली: दक्षिण अफ्रीकी धरती पर बतौर कप्तान अपने पहले ही इम्तिहान में फेल होने के बाद विराट कोहली और टीम इंडिया आत्मचिंतन कर रहे हैं, लेकिन 24 जनवरी से वॉन्डर्स में दौरे की सबसे तेज पिच टीम इंडिया के स्वागत का इंतजार कर रही है. मतलब यह है कि क्लीन स्वीप से बचना है तो जल्दी ही कुछ सोचना होगा. वैसे चयनकर्ताओं ने नेट्स में बल्लेबाजों की मदद के लिए दिल्ली के नवदीप सैनी और मुंबई के शार्दुल ठाकुर को जोहांससबर्ग भेजा है.
यहां घरेलू टीम का रिकॉर्ड अपनी ज़मीं पर सबसे खराब रहा है. 1956 से अब तक कुल 37 मैच खेले गए हैं. मेजबान टीम ने इनमें से 15 मैच जीते और 11 हारे हैं. बाकी 11 मैच ड्रॉ छूटे. भारत ने यहां साल 2006 में जीत दर्ज की थी. यानी पिच जितनी तेज होगी, उतना ही मौका विपक्षी टीम के पास होगा. यही वजह है कि सीरीज में बड़ा अंतर साबित हुए एबी डिविलियर्स भी भारतीय पेसर्स से सावधान रहने की बात कर चुके हैं.
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और अब दक्षिण अफ़्रीकी पूर्व विकेटकीपर मार्क बाउचर ने भी कहा है, 'ये दक्षिण अफ्रीका की सबसे तेज और उछाल वाली पिच है, लेकिन भारत ने भी यहां टेस्ट मैच जीता हुआ है. अगर वो सही जगह पर गेंदबाजी करते हैं, तो प्रोटियाज बल्लेबाज़ों पर दबाव डाल सकते हैं, लेकिन दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों की लंबाई देखकर लगता है कि बहुत सी गेंद भारतीय बल्लेबाजों के कान के पास से गुजरेंगी.
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दुनिया की सबसे तेज पिचों में शुमार वॉंडर्स की पिच को तेज़ गेंदबाज़ों का स्वर्ग यूं ही नहीं कहा जाता. ये विश्व के उन चुनिंदा वेन्यू में शुमार है जहां तेज़ गेंदबाज़ हर 50 गेंद में विकेट झटकते हैं. यही नहीं हर दिन यहां पर करीब 10 विकेट आउट होने का रिकॉर्ड है. मतलब नतीजा तो पक्का है, और मौका भारत के पास भी रहेगा उस नतीजे को अपने पक्ष में करने का अगर वो पिछली हार को भुलाकर बेखौफ क्रिकेट खेले.