यह ख़बर 05 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

दक्षिण अफ्रीका में तेजी और उछाल से तालमेल बिठाना बड़ी चुनौती : धोनी

जोहानिसबर्ग:

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका की परिस्थितियों में तेजी और उछाल से सामंजस्य बिठाना उनकी युवा टीम के लिए बड़ी चुनौती होगी, जिसे यहां तीन वनडे और दो टेस्ट मैच खेलने हैं।

धोनी ने पहले वनडे की पूर्व संध्या पर कहा, सबसे बड़ी चुनौती तेजी और उछाल से सामंजस्य बिठाना है। यदि आप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नए हैं, तो यह बड़ी चुनौती बन जाती है। इसके पीछे वजह यह है कि भारत में सर्वश्रेष्ठ विकेट पर भी आपको इस तरह की तेजी और उछाल नहीं मिलती।

उन्होंने कहा, इसलिए जिन खिलाड़ियों ने अभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया हो, उनके लिए यह थोड़ा मुश्किल हो जाता है। धोनी को हालांकि विश्वास है कि उनकी टीम में कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर का अनुभव है। उन्होंने कहा, लेकिन हमारे पास कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं, जो पिछले कुछ सत्र से खेल रहे हैं और उन्होंने दुनिया भर में अच्छा प्रदर्शन किया है। जब आप उसी मैदान पर खेलते हैं, तो आपको पता होता है कि परिस्थितियां कैसी होंगी और इससे फायदा मिलता है। आखिर में अनुभव मायने रखता है। इस शृंखला में भारतीय बल्लेबाजों और दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों के बीच संघर्ष देखने को मिलेगा।

धोनी ने कहा, बल्लेबाजों के खिलाफ हमेशा रणनीतियां बनाई जाती हैं। बल्लेबाज भी गेंदबाजों से निबटने के लिए खुद की रणनीति बनाते हैं। मुख्य चुनौती यह है कि आप भिन्न परिस्थितियों के अनुरूप अपना खेल कैसे ढालते हैं। रणनीतियों से अधिक महत्वपूर्ण यह है कि कौन ज्यादा रन बनाता है और कौन अधिक विकेट लेता है। भारतीय गेंदबाजी को दक्षिण अफ्रीका की तुलना में कमजोर माना जा रहा है, लेकिन धोनी ने कहा, महत्वपूर्ण यह है कि आप परिस्थितियों का कैसा फायदा उठाते हैं।

धोनी ने कहा, यह महत्वपूर्ण नहीं है कि आपके पास सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज हैं। मुझे लगता है कि हमने अच्छा प्रदर्शन किया है। उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। जब मैदान पर ओस होती है या विकेट बिलकुल सपाट होती है, तो हमें सचमुच संघर्ष करना पड़ता है। यह ऐसा क्षेत्र है, जिसमें हमारे गेंदबाजों ने काफी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। उन्होंने कहा, लेकिन अगर उन्हें मदद मिलती है, तो तेज गेंदबाज हो या स्पिनर, उन्होंने इसका फायदा उठाया है और अच्छा प्रदर्शन किया है। इसलिए उन्होंने जो किया, उससे हम खुश हैं। उतार-चढ़ाव से हम खुश हैं।

धोनी ने स्वीकार किया कि उन्होंने पिच नहीं देखी है। उन्होंने कहा, आप कहीं भी खेल रहे हैं, अगर आपने विकेट बचाए हैं, तो अंतिम आठ से 10 ओवर में अच्छे रन बना सकते हैं। उप महाद्वीप में विकेट धीमे हो जाते हैं और कभी-कभी नए बल्लेबाज के लिए तुरंत आकर शॉट खेलना आसान नहीं होता। ऐसे हालात में हम प्रतिस्पर्धी स्कोर नहीं बना पाते। उन्होंने कहा, अगर अच्छी उछाल और तेजी होती है, तो हमने देखा है कि बल्लेबाज अंतिम आठ से 10 ओवर में रन बना लेते हैं और वे मजबूत स्कोर खड़ा कर देते हैं।

भारतीय कप्तान ने कहा, मुझे लगता है कि दक्षिण अफ्रीका ऐसा स्थान हैं, जहां यह काफी हद तक निर्भर करता है कि हालात कैसे हैं, विकेट कैसे तैयार किया गया है और बादल छाए हैं या धूप खिली है, जब विकेट बल्लेबाजी के लिए अच्छा होता है। काफी कुछ इस पर निर्भर करता है कि उस दिन हालात कैसे हैं। यह तथ्य है कि भारत शृंखला में दुनिया की नंबर एक वनडे टीम के रूप में उतरेगा, लेकिन यह भी तथ्य है कि भारत ने दक्षिण अफ्रीका में कभी द्विपक्षीय शृंखला नहीं जीती है और वनडे में उनका रिकॉर्ड भी खराब है।

धोनी ने कहा, यह प्रबल दावेदार की बात नहीं है। खराब रिकॉर्ड हमारे जेहन में नहीं है, लेकिन ऐसे उदाहरण हैं, जब हमारे पास शृंखला जीने का मौका था, लेकिन हमने इसका फायदा नहीं उठाया, इसलिए यह काफी महत्वपूर्ण है कि आप उस दिन कैसा खेल दिखाते हैं। हमने देखा है कि वनडे में आपको अच्छी शुरुआत की जरूरत होती है। दो नई गेंद के नियम से और विशेषकर अगर हालात तेज गेंदबाजों के अनुकूल हों, तो यह अहम है कि आप पहले 10 ओवर में कैसे खेलते हैं। विकेट हाथ में होने पर अंतिम 15 ओवर में प्रतिस्पर्धी स्कोर बनाया जा सकता है।


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