महिंदर पाल सिंह तेज गेंदबाजी करते हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: पाकिस्तानी क्रिकेट में इन दिनों एक सिख खिलाड़ी महिंदर पाल सिंह का नाम सुर्खियों में हैं. दरअसल, महिंदर पाकिस्तान की राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में चुने जाने वाले पहले सिख क्रिकेटर बन गए हैं. उन्हें पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) द्वारा आयोजित तेज गेंदबाजों के शिविर में चुना गया है. केवल 21 साल के महिंदर को पाकिस्तान का भविष्य का खिलाड़ी माना जा रहा हैं. पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर मुदस्सर नजर और पीसीबी प्रमुख शहरयार खान युवा महिंदर की प्रतिभा को खास मानते हैं. क्रिकेट के जानकारों को उम्मीद है कि जल्द ही यह क्रिकेटर पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने वाला पहला सिख बन सकता है. गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान की आर्मी में शामिल पहले सिख बनकर हरचरण सिंह भी दुनियाभर के मीडिया के खबरों के केंद्र बने थे.
यूसफ योहाना मूलत: ईसाई थे बाद में उन्होंने इस्लाम धर्म कुबूल किया था
गौरतलब है कि इससे पहले कुछ मौकों पर ईसाई और हिंदू खिलाड़ी पाकिस्तान टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इनमें खास नाम यूसुफ योहाना (इस्लाम कुबूल करने के बाद नाम मोहम्मद यूसुफ), विकेटकीपर बल्लेबाज अनिल दलपत और स्पिन गेंदबाज दानिश कनेरिया का है. योहाना जहां ईसाई थे, वहीं दलपत और कनेरिया हिंदू थे. इसी राह पर आगे बढ़ते हुए 21 वर्षीय महिंदर को पीसीबी द्वारा नवंबर में आयोजित ‘एमर्जिंग प्लेयर’ शिविर में चुना गया. वह लाहौर के बाहर ननकाना साहिब में रहते हैं. उन्होंने कहा, ‘शिविर के लिये चुना जाना मेरे लिये गर्व की बात है.’ पंजाब यूनिवर्सिटी में फार्मेसी के छात्र पाल ने कहा, ‘देश में अन्य तेज गेंदबाजों की युवा प्रतिभा के साथ ट्रेनिंग का अनुभव शानदार था और हमने काफी कुछ सीखा. लेकिन अब मेरा लक्ष्य प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलना है. मुझे क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है. ’
हिंदू क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने भी पाकिस्तान क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व कियाखैबर एजेंसी से ननकाना साहिब शिफ्ट हुआ था महिंदर का परिवार
पांच भाइयों में सबसे बड़े महिंदर पाकिस्तान के क्रिकेट में इस स्तर तक पहुंचने वाले पहले सिख क्रिकेटर हैं. उन्होंने कहा कि क्रिकेट खेलना हमेशा से मेरा प्यार रहा है. मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं स्थानीय क्लबों की ओर से खेलता था. मैं लाहौर की मुगलपुरा अकादमी से भी जुड़ा रहा हूं. महिंदर के पिता भी एक क्रिकेट खिलाड़ी रह चुके हैं और तेज गेंदबाजी ही किया करते थे. उनका परिवार आतंकवाद से प्रभावित खैबर एजेंसी से करीब 15 वर्ष पहले ननकाना साहिब शिफ्ट हो गया था. पिता ने कहा. 'मैं भी पहले प्रतिस्पर्धात्मक क्रिकेट खेलना चाहता था लेकिन यह ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी क्योंकि परिवार को व्यवसाय को ननकाना साहिब में स्थापित करना था लेकिन अब बेटा मेरे इस सपने को पूरा करेगा.'
अकरम, वकार, शोएब के फैन हैं महिंदर
महिंदर तेज गेंदबाजी में शोएब अख्तर, वसीम अकरम और वकार यूनुस के बड़े फैन हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान में क्रिकेट खेलते हुए उन्हें किसी तरह के मतभेद का सामना करना पड़ा, इस युवा सिख क्रिकेटर ने कहा, नहीं, जब भी मैंने क्रिकेट खेला तो मेरी प्रतिभा और प्रदर्शन को ही देखा गया. मुल्तान के कैंप में मुझे फिटनेस के लिए मेहनत करने की सीख दी गई. पाकिस्तान की ओर से खेले हिंदू क्रिकेटर दानिश कनेरिया का जिक्र करते हुए महिंदर ने कहा कि दानिश ने पाक के लिए उच्च स्तर पर क्रिकेट खेला जब वह हिंदू क्रिकेटर होमकर पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर सकता है तो मैं ऐसा क्यों नहीं कर सकता. शहरयार खान ने जब मुल्तान के हाई परफॉरमेंस सेंटर का दौरा कर इसका औपचारिक दौरा किया था उस समय पीसीबी प्रमुख के साथ बिताए समय को भी महिंदर ने शिद्दत से याद किया.
पाक सेना में शामिल पहले सिख थे हरचरण
इससे पहले पाकिस्तान सेना में शामिल पहले सिख बनने का श्रेय हरचरण सिंह हरचरण सिंह ने हासिल किया था. मजे की बात यह है कि हरचरण भी महिंदर की तरह ननकाना साहिब के ही रहने वाले थे. इसी साल बाघा बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट में पाकिस्तान की ओर से एक सिख जवान को भी भाग लेते हुए उत्सुकता से देखा गया था. पाकिस्तान की तरफ से शामिल इस जवान का नाम अमरजीत सिंह है. अमरजीत गुरुनगरी ननकाना साहिब के रहने वाले हैं. अमरजीत 2009 से पाकिस्तान रेंजर्स में हैं. पाकिस्तान में अपना नाम रोशन करने वाले वालों में एक अन्य सिख पवन सिंह अरोड़ा का नाम भी शामिल हैं. पवन पाकिस्तानी थिएटर में शिरकत करने वाले पहले और इकलौते सिख है, वे वर्ष 2014 में इंडो-पाक थिएटर वर्कशाप में हिस्सा लेने पहुंचे थे.
(भाषा से भी इनपुट)