यह ख़बर 06 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

अम्पायरों से बहस करने पर जयवर्धने पर जुर्माना

खास बातें

  • त्रिकोणीय श्रृंखला के दूसरे फाइनल मुकाबले के दौरान किसी फैसले को लेकर अम्पायरों से बहस करने पर श्रीलंकाई टीम के कप्तान माहेला जयवर्धने पर जुर्माना लगाया गया है।
एडिलेड:

एडिलेड ओवल मैदान पर मंगलवार को खेले गए त्रिकोणीय श्रृंखला के दूसरे फाइनल मुकाबले के दौरान किसी फैसले को लेकर अम्पायरों से बहस करने पर श्रीलंकाई टीम के कप्तान माहेला जयवर्धने पर जुर्माना लगाया गया है।

आईसीसी ने जयवर्धने को किसी अंतर्राष्ट्रीय मैच के दौरान अम्पायर के फैसले की अवमानना को लेकर 10 फीसदी जुर्माना भरने को कहा। जयवर्धने को आईसीसी की आचार संहिता की धारा 2.1.3 के तहत अवमानना का दोषी पाया गया  है।

जयवर्धने आस्ट्रेलियाई पारी के 44वें ओवर के दौरान अम्पायरों द्वारा देरी से नोबॉल देने से नाराज दिखे। अम्पायरों ने फरवीज महरूफ की कंधे से ऊपर जाती गेंद पर चौका लगने के बाद उसे नोबॉल करार दिया। जयवर्धने ने कहा कि वह नोबॉल से नाराज नहीं थे बल्कि इस फैसले में हुई देरी से हैरान थे।

माइकल क्लार्क द्वारा महरूफ की गेंद पर चौका लगाए जाने के बाद अम्पायरों ने नोबॉल का फैसला दिया। इसके बाद ही जयवर्धने अम्पायरों से बहस करने पहुंचे। उन्होंने मैच के बाद कहा कि नोबॉल को लेकर कोई विवाद था ही नहीं, वह तो अम्पायरों से यह जानना चाहते थे कि आखिरकार इस फैसले में इतनी देरी क्यों हुई।

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आईसीसी के मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने कहा कि जयवर्धने ने इस गलती के लिए माफी मांग ली है और आईसीसी ने उन्हें माफ कर दिया है लेकिन सीनियर खिलाड़ी और कप्तान होने के नाते मैदान पर उनका व्यवहार शोभनीय नहीं था और इसी कारण उन पर मैच फीस का 10 फीसदी जुर्माना लगाया गया।