राहुल द्रविड़ ने कहीं क्लब क्रिकेट के बारे में बहुत ही अहम बातें

राहुल द्रविड़ ने कहीं क्लब क्रिकेट के बारे में बहुत ही अहम बातें

राहुल द्रविड़ की फाइल फोटो

खास बातें

  • भारत की मौजूदा अंडर-19 और इंडिया-ए टीम के कोच हैं द्रविड़
  • मैंने जो क्लब क्रिकेट से सीखा उसके लिए मैं हमेशा आभारी रहूंगा
  • बेंगलुरू युनाइटेड क्रिकेट क्लब (बीयूसीसी) की 100वीं वर्षगांठ
बेंगलुरु:

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने वह बात कही, जो हाल-फिलहाल किसी क्रिकेटर ने नहीं  कही. राहुल द्रविड़ हर किसी को और हर स्तर को सम्मान देना जानते हैं. और यही वजह है राहुल द्रविड़ बेजोड़ हैं. और राहुल द्रविड़ की इस बात को बहुत से युवा क्रिकेटरों को सीखना और समझना है. द्रविड़ ने कहा है कि क्लब क्रिकेट खेलने से उन्होंने काफी कुछ सीखा, जो आगे जाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके काम आया. द्रविड़ ने बेंगलुरू युनाइटेड क्रिकेट क्लब (बीयूसीसी) की 100वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही. द्रविड़ ने इस मौके पर क्लब क्रिकेट के अपने दिनों को याद किया.

द्रविड़ ने कहा कि10वीं क्लास का लड़का होकर मैं ड्रेसिंग रूम में गया था. उस समय रोजर बिन्नी मेरे कप्तान थे. जब बिन्नी और सैयद किरमानी सर ने 1983 में विश्व कप जीता था, तब में सिर्फ 10 साल का था. तीन-चार साल बाद 1989-90 में मैं इन लोगों के साथ क्लब क्रिकेट खेल रहा था. यह मेरे लिए काफी प्ररेणा वाली बात थी. इससे मेरे क्रिकेट करियर को काफी फायदा हुआ.

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भारत की मौजूदा अंडर-19 और इंडिया-ए टीम के कोच द्रविड़ ने कहा कि इससे भी अहम, मैंने जो क्लब क्रिकेट से सीखा उसके लिए मैं हमेशा आभारी रहूंगा. जो समर्थन मुझे मिला, जो साथ मुझे मेरे करियर में मिला, जो सीख मुझे मिली वह काफी बड़ी थी. मैंने रोजर को क्लब क्रिकेट में बल्लेबाजी करते देखा है.  किरमानी सर को क्लब क्रिकेट में प्रतिबद्धता से खेलते देखा है. इन सभी बातों से मैंने काफी कुछ सीखा.

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द्रविड़ ने कहा कि एक युवा खिलाड़ी के तौर पर मेरी कई यादें उस समय और उन लोगों से जुड़ी हैं. मैं हर किसी का नाम नहीं ले सकता क्योंकि काफी सारे लोगों से मैंने काफी कुछ सीखा. क्लब के 100 वर्ष पूर्ण होने पर क्लब के अध्यक्ष के तौर पर यहां मौजूद होना मेरे लिए बेहद सम्मान की बात है.