रणजी ट्रॉफी इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले महान गेंदबाज राजिंदर गोयल का निधन

रणजी क्रिकेट के इतिहास (Ranji Trophy) में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दिग्गज फर्स्ट क्लास क्रिकेटर राजिंदर गोयल (Rajinder Goel) का निधन हो गया है

रणजी ट्रॉफी इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले महान गेंदबाज राजिंदर गोयल का निधन

महान भारतीय स्पिनर रजिंदर गोएल का निधन

खास बातें

  • रणजी में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले राजिंदर गोएल का निधन
  • राजिंदर बेहतरीन लेग स्पिनर के तौर पर जाने गए
  • अच्छे स्पिनर होने के बाद भी राजिंदर कभी भी भारतीय टीम के लिए नहीं खेल पाए

रणजी क्रिकेट के इतिहास (Ranji Trophy) में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दिग्गज फर्स्ट क्लास क्रिकेटर राजिंदर गोयल (Rajinder Goel) का निधन हो गया है. वह 77 साल के थे. बता दें कि काफी समय से Rajinder Goel कैंसर से पीड़ित थे. राजिंदर गोयल ने अपने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में कुल 750 विकेट लेने में सफल रहे थे. गोएल अपने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में हरियाणा और पंजाब के लिए खेले. रणजी में गोयल ने कुल 637 विकेट लेने में सफल रहे. भले ही गोयल ने घरेलू क्रिकेट में शानदार परफॉर्मेंस किया लेकिन भारतीय टीम की ओर से एक भी मैच नहीं खेल पाए.

हालांकि गोएल को 1974-75 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच के लिए टीम में शामिल किया गया लेकिन प्लेइंग इलेवन (Playing XI) का हिस्सा नहीं बन पाए थे. राजिंदर गोयल (Rajinder Goel) 44 साल तक क्रिकेट खेलते रहे थे. बताया जाता है कि बिशन सिंह बेदी  की भारतीय टीम में जगह होने की वजह से कभी भी राजिंदर अपनी जगह भारतीय टीम में नहीं बना सके.

बिशन सिंह बेदी (Bishan Singh Bedi) खुद एक एक बेहतरीन बायें हाथ के स्पिन थे जिसके कारण राजिंदर को भारतीय टीम में खेलने के लिए नहीं बुलाया गया. राजिंदर को सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी नवाजे गए. बता दें कि सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड का पुरस्कार रजिंदार गोएल को उनके प्रतिद्वंदी रहे बिशन सिंह बेदी (Bishan Singh Bedi) के हाथों से ही मिला था. 


बिशन सिंह बेदी (Bishan Singh Bedi)  के अलावा कई क्रिकेटरों ने राजिंदर गोएल को निधन पर ट्वीट कर शोक व्यक्त किया है. गौरतलब है कि कपिल देव निश्चित तौर पर हरियाणा के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर रहे हैं लेकिन उनसे पहले गोयल थे जिन्होंने इस राज्य की गेंदबाजी की कमान बखूबी संभाल रखी थी.

कपिल देव की अगुवाई वाली हरियाणा ने जब 1991 में मुंबई को हराकर रणजी ट्राफी जीती थी तब गोयल उसकी चयनसमिति के अध्यक्ष थे. एक बार गोयल से पूछा गया कि क्या उन्हें इस बात का दुख है कि बेदी युग में होने के कारण उन्हें भारत की तरफ से खेलने का मौका नहीं मिल, उन्होंने कहा, ‘‘जी बिलकुल नहीं। बिशन बेदी बहुत बड़े गेंदबाज थे.

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(इनपुट एजेंसी से भी)