बीसीसीआई से नाराज तेज गेंदबाज श्रीसंत, प्रतिबंध के खिलाफ जाकर करेंगे क्रिकेट में वापसी

बीसीसीआई से नाराज तेज गेंदबाज श्रीसंत, प्रतिबंध के खिलाफ जाकर करेंगे क्रिकेट में वापसी

एस. श्रीसंत ने 2013 मई के बाद से कोई क्रिकेट मैच नहीं खेला है (फाइल फोटो)

खास बातें

  • स्‍पॉट फिक्सिंग मामले में बीसीसीआई ने लगाया था आजीवन प्रतिबंध
  • ट्रायल कोर्ट ने किसी आपराधिक जुर्म का दोषी नहीं पाया था
  • एर्नाकुलम क्लब की ओर से दो दिवसीय मैच खेलेंगे श्रीसंत

वर्ष 2013 के IPL-6 में स्पॉट फ़िक्सिंग के आरोप के बाद प्रतिबंधित किए गए टीम इंडिया के तेज़ गेंदबाज़ एस श्रीसंत अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के बैन के खिलाफ़ जाते हुए जल्दी ही क्रिकेट खेलते हुए दिखाई दे सकते हैं. श्रीसंत ने 2013 मई के बाद से कोई क्रिकेट मैच नहीं खेला है. बीसीसीआई ने उन्हें स्पॉट फ़िक्सिंग का दोषी पाए जाने के बाद उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन दिल्ली के ट्रायल कोर्ट ने श्रीसंत समेत अजीत चंडीला और अंकित चव्‍हाण को किसी भी आपराधिक जुर्म का दोषी नहीं पाया था.दरअसल श्रीसंत ने बीसीसीआई से स्कॉटलैंड में खेलने के लिए एनओसी मांगी थी, जिसे बीसीसीआई ने नकार दिया था.इसके बाद अब श्रीसंत ने एर्नाकुलम क्रिकेट क्लब की ओर से दो दिवसीय फ़र्स्ट डिवीज़न मैच खेलने का फ़ैसला किया है.

श्रीसंत ने इसके पीछे वजह भी साफ़ की. उन्होंने कहा कि बीसीसीआई ने उन पर लगाए आजीवन प्रतिबंध को लेकर कोई पत्र जारी नहीं किया है फिर क्रिकेट संघ और अंपायर इसे क्यों मान रहे हैं. उन्होंने बताया कि जब वे तिहाड़ जेल में थे तब बीसीसीआई की तरफ़ से उन्हें सिर्फ़ 90 दिनों का सस्पेंशन लेटर मिला था. दिल्ली के पटियाला कोर्ट से अंडरवर्ल्ड डॉन के साथ किसी भी तरह के कनेक्शन न होने के लिए श्रीसंत समेत बाकी खिलाड़ियों को हरी झंडी मिली थी, लेकिन बीसीसीआई ने उसके बाद ही साफ़ कर दिया था कि श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगाया गया है.एंटी करप्शन यूनिट ने इन खिलाड़ियों के नाम बीसीसीआई को दिए और फिर बोर्ड की अनुशासन कमेटी ने इन्हें दोषी पाया.इसके बाद ही श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगाया गया. लेकिन श्रीसंत अब कह रहे हैं कि उन्होंने इतने दिन क्रिकेट न खेलकर बेवकूफ़ी की..क्योंकि बीसीसीआई की तरफ़ से उन्हें कोई आधिकारिक पत्र इस बारे में नहीं दिया गया. श्रीसंत ने कहा कि उनके साथ जो सुलूक किया गया वो किसी आतंकी के साथ भी नहीं किया जाता.


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