यह ख़बर 15 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

नहीं थम रहा है सचिन तेंदुलकर के बोल्ड होने का क्रम

खास बातें

  • तेंदुलकर 2002 में जब दो अवसरों पर लगातार चार बार बोल्ड हुए थे तो इनमें से पहले अवसर पर वह बीच में दो पारियों में नाबाद भी रहे थे।
नई दिल्ली:

सचिन तेंदुलकर न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछली टेस्ट शृंखला में जब लगातार तीन पारियों में बोल्ड हुए तो सुनील गावस्कर ने इसे ‘चिंता का विषय’ करार दिया था और यह स्टार बल्लेबाज चैंपियन्स लीग ट्वेंटी-20 के अपने पहले मैच में भी बोल्ड होने का क्रम नहीं तोड़ पाया। तेंदुलकर रविवार को जोहानिसबर्ग में मुंबई इंडियन्स की तरफ से खेलते हुए केवल 16 रन बनाकर एक अनजान से स्पिनर आरोन फैंगिसो की गेंद पर स्वीप करने के प्रयास में बोल्ड हो गए। फिर से तेंदुलकर ने शॉट खेलने के लिए जगह बनाई, लेकिन गेंद उन्हें छकाती हुई लेग स्टंप पर लग गई। इस तरह से यह लगातार चौथी पारी है, जिसमें तेंदुलकर बोल्ड हुए। इस दिग्गज बल्लेबाज ने 1985 में जब मुंबई की अंडर-15 टीम की तरफ से खेलना शुरू किया तब से लेकर आज तक यह केवल तीसरा अवसर है, जबकि वह लगातार चार पारियों में बोल्ड हुए हैं। इससे पहले 2002 में दो अवसरों पर तेंदुलकर लगातार चार पारियों में बोल्ड हुए थे।

न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट शृंखला के हैदराबाद में खेले गए पहले मैच में ट्रेंट बोल्ट ने तेंदुलकर के मजबूत डिफेन्स में सेंध लगाकर उनका मिडिल स्टंप उखाड़ा था। बेंगलुरु में खेले गए दूसरे मैच की पहली पारी में डग ब्रेसवेल ने तेंदुलकर के बल्ले और पैड के बीच से गेंद निकाली थी जबकि दूसरी पारी में टिम साउथी ने उनका मिडिल स्टंप चटकाया था। गावस्कर ने तब उनके बल्ले और पैड के बीच से गेंद निकलने पर चिंता जताई थी।

वैसे, वह 2002 और 2007 में सभी तरह के मैचों में 14-14 बार बोल्ड हुए थे जबकि 1992 और 1997 में 11-11 बार उनकी गिल्लियां बिखरी थीं, लेकिन तब तेंदुलकर ने 2012 की तुलना में अधिक मैच खेले थे। तेंदुलकर अपने करियर में अंडर-15 के मैचों से लेकर अब तक कुल 1161 बार बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर उतरे हैं। इनमें से वह 121 बार नाबाद रहे, जबकि तीन बार रिटायर्ड नॉटआउट होकर वापस लौटे। इस तरह से 1043 बार वह आउट हुए, जिनमें से 165 बार वह बोल्ड होकर पवेलियन लौटे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में तेंदुलकर कुल 120 बार, टेस्ट में 51, एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 68 और टी20 अंतरराष्ट्रीय में एक बार बोल्ड हुए हैं। तेंदुलकर टेस्ट मैचों में 50 या इससे अधिक बार बोल्ड होने वाले तीसरे बल्लेबाज हैं। राहुल द्रविड़ 55 और एलन बोर्डर 53 बार बोल्ड हुए हैं। वनडे में सर्वाधिक बार बोल्ड होने का रिकार्ड तेंदुलकर के नाम पर ही है। उनके बाद स्टीव वॉ (63) और वसीम अकरम (60) का नंबर आता है।

तेंदुलकर 2002 में जब दो अवसरों पर लगातार चार बार बोल्ड हुए थे तो इनमें से पहले अवसर पर वह बीच में दो पारियों में नाबाद भी रहे थे।

उन्हें मई 2002 में किंग्सटन टेस्ट में एडन सैनफोर्ड और प्रेडो कोलिन्स ने बोल्ड किया, लेकिन इसके बाद वनडे मैच में वह नाबाद रहे। अगले मैच में हालांकि मर्वन डिल्लन ने उनकी गिल्लियां बिखेरीं, लेकिन जब टीम इसके बाद इंग्लैंड पहुंची तो ससेक्स के खिलाफ मैच में तेंदुलकर ने नाबाद 75 रन बनाए थे।

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केंट के खिलाफ अगले मैच में हालांकि जेम्स गोल्डिंग ने उन्हें बोल्ड किया था। इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्डस टेस्ट में मैथ्यू होगार्ड, वारेस्टरशर के खिलाफ अभ्यास मैच में बेन स्मिथ तथा नाटिंघम में दूसरे टेस्ट मैच में डोमिनिक कार्क और माइकल वान ने तेंदुलकर को बोल्ड किया था। रिकॉर्ड के लिए बता दें कि तेंदुलकर अपने करियर में सभी तरह के मैचों में सर्वाधिक 655 बार कैच आउट हुए। इसके अलावा वह 125 बार एलबीडब्ल्यू, 64 बार रन आउट, 25 बार स्टंप आउट, दो बार रिटायर्ड आउट और एक बार हिटविकेट आउट हुए।