सचिन, द्रविड़ के सुझावों से जस्टिस लोढ़ा पैनल को BCCI सुधार मॉडल तैयार करने में मिली मदद

सचिन, द्रविड़ के सुझावों से जस्टिस लोढ़ा पैनल को BCCI सुधार मॉडल तैयार करने में मिली मदद

जस्टिस लोढ़ा पैनल ने BCCI में सुधार को लेकर सचिन और द्रविड़ से भी चर्चा की (फोटो : BCCI)

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त जस्टिस आरएम लोढ़ा पैनल अब बीसीसीआई और उसकी कार्यप्रणाली में सुधार के लिए 4 जनवरी को अपनी रिपोर्ट सौंपने जा रहा है। गौरतलब है कि इससे पहले पैनल ने भ्रष्टाचार के आरोप में चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स टीमों पर आईपीएल के अगले दो सीजन के लिए प्रतिबंध लगा दिया था।

इस पैनल में सुप्रीम कोर्ट के दो अन्य पूर्व जज अशोक भान और आरवी रवींद्रन भी शामिल हैं। जस्टिस लोढ़ा पैनल ने अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए पूर्व कप्तान सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और कपिल देव सहित 70 लोगों से चर्चा की।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा आईपीएल 2013 में बेटिंग और मैच फिक्सिंग स्कैंडल पर सुनवाई के दौरान बीसीसीआई के संविधान पर सवाल उठे थे। यहां तक कि बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन भी बोर्ड के उन शीर्ष अधिकारियों में शामिल थे, जिनकी जांच कोर्ट द्वारा नियुक्त कमेटी ने की थी। इसमें हितों के टकराव का मुद्दा प्रमुख था।

जस्टिस लोढ़ा कमेटी ने श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन (चेन्नई सुपर किंग्स के अधिकारी) और राज कुंद्रा (राजस्थान रॉयल्स के मालिक) पर बेटिंग में लिप्त पाए जाने के कारण आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था।

जस्टिस लोढ़ा ने बुधवार को NDTV से बातचीत की। पेश हैं इस एक्सक्लूसिव बातचीत के अंश :

NDTV: यह रिपोर्ट तैयार करने को लेकर आपका अनुभव कैसा रहा?

जस्टिस लोढ़ा:  यह एक चुनौतीपूर्ण काम था। इतना ही नहीं यह हमारे द्वारा कोर्ट में किए जाने वाले काम से बिल्कुल अलग था। हमारी पहले की रिपोर्ट (जुलाई में), जिसमें आईपीएल फ्रेंचाइजियों के लिए सजा का निर्धारण करना था, बिल्कुल कोर्ट की सुनवाई की तरह ही थी, लेकिन बीसीसीआई में सुधार के तरीके सुझाने वाली यह रिपोर्ट वास्तव में चुनौतीपूर्ण रही।

NDTV: यह रिपोर्ट तैयार करने के लिए संभवतः आपने बड़े पैमाने पर लोगों से मुलाकात की होगी?

RML: हमने अलग-अलग पृष्ठभूमि वाले लगभग 70 लोगों से मुलाकात की, जिसमें क्रिकेट के महान खिलाड़ी, बीसीसीआई के सदस्य और पत्रकार तक शामिल थे। जिन लोगों से हमने मुलाकात की उनमें बिशन सिंह बेदी, कपिल देव, सचिन, द्रविड़, सौरव गांगुली, अनिल कुंबले, जगमोहन डालमिया भी शामिल थे..

NDTV: इस रिपोर्ट को तैयार करने में कितना समय लगा?

RML: हमने सभी विषयों पर एक विस्तृत प्रश्नावली तैयार की, जिसमें 10 दिन से अधिक का समय लगा। फिर हमने इसे बीसीसीआई और अन्य को भेजा। इस रिपोर्ट को तैयार करने में 35 कार्यदिवस लगे, लेकिन वास्तव में यह एक चुनौतीपूर्ण काम था, जिसमें क्रिकेट के प्रति जबर्दस्त पैशन की जरूरत थी, इसलिए हमने अत्यधिक सावधानी बरती।

NDTV: बीसीसीआई की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए क्या आपने अन्य देशों के मॉडलों का भी अध्ययन किया?

RML: हां, हमने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के मॉडल का अध्ययन किया। ऑस्ट्रेलिया में बहुत कम राज्य हैं, जबकि तुलनात्मक रूप से हमारे यहां कई राज्य हैं। इसलिए हमारा मॉडल हमारे देश के अनुरूप होना चाहिए। हमने फीफा मॉडल का भी परीक्षण किया। हर मॉडल में कमियां हैं और हमने उन्हें दूर करने का प्रयास करते हुए बीसीसीआई के लिए ऐसा मॉडल प्रस्तुत करने की कोशिश की, जो हमारे हिसाब से क्रिकेट खेलने वाले देशों के लिए भ्रष्टाचार को मिटाने में सहायक हो। हमने आईसीसी की कार्यप्रणाली का भी अध्ययन किया।

NDTV: आपका आशय है कि आपकी रिपोर्ट को अन्य देश भी अपनाएंगे?

RML: क्रिकेट जगत हमारी रिपोर्ट में गहरी रुचि ले रहा है और फीफा में हाल ही में हुए निलंबन (सेप ब्लैटर और माइकल प्लैटिनी) के बाद हर कोई इस पर नजर रखे हुए है कि हम क्या सबमिट करने जा रहे हैं।

NDTV: बीसीसीआई के नए अध्यक्ष शशांक मनोहर ने बीसीसीआई में पारदर्शिता के लिए कुछ कदम उठाए हैं। इस पर आपका क्या कहना है?

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RML: वास्तव में जिस समय उनका नाम बीसीसीआई अध्यक्ष पद (सितंबर में डालमिया की मृत्यु के बाद) के लिए चल रहा था, उस दौरान उन्होंने हमसे मुलाकात की थी। अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने हमसे की गई चर्चा के बिंदुओं को लागू करने का प्रयास किया। इससे उनकी मंशा का पता चलता है।