नयी दिल्ली: टेनिस स्टार सानिया मिर्जा (Sania Mirza) ने क्रिकेट दौरों पर क्रिकेटरों की पत्नियों और महिला मित्रों को साथ जाने की अनुमति नहीं देने की आलोचना करते हुए वीरवार को कहा कि यह रवैया उस मानसिकता से बना है जिसमें महिलाओं को ताकत नहीं बल्कि ध्यानभंग करने वाली माना जाता है. सानिया ने यहां भारतीय आर्थिक मंच पर कहा कि लड़कियों को छोटी उम्र से ही खेलों में भाग लेने के लिये प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.
यह भी पढ़ें: जो Ravindra Jadeja ने किया, वह 142 साल के टेस्ट इतिहास में कोई लेफ्टआर्म बॉलर नहीं कर सका
उन्होंने कहा, ‘कई बार हमारी क्रिकेट टीम और कई अन्य टीमों में, मैंने देखा है कि पत्नियां या महिला मित्रों को दौरे पर जाने की अनुमति नहीं दी जाती क्योंकि लड़कों का ध्यान भंग हो जाएगा. सानिया ने कहा, ‘इसका क्या मतलब है? महिलायें ऐसा क्या करती हैं कि उससे पुरुषों का ध्यान इतना भंग हो जाता है? उन्होंने कहा, ‘देखिये यह चीज उस गहरी मानसिकता से आती है जिसमें माना जाता है कि महिलायें ताकत नहीं बल्कि ध्यान भंग करती हैं'
यह भी पढ़ें: इसलिए Sourav Ganguly अभी Mayank Agarwal के बारे में कोई राय नहीं बनाना चाहते
सानिया ने कहा कि यह साबित भी हो चुका है कि टीम में पुरुष खिलाड़ी तब बेहतर प्रदर्शन करते हैं, जब उनकी पत्नियां और महिला मित्र और उनका परिवार उनके साथ रहता है क्योंकि इससे जब वे कमरे में आते हैं तो वे खुशी महसूस करते हैं. उन्होंने कहा, ‘वे (पुरुष खिलाड़ी) खाली कमरे में वापस नहीं आते, वे बाहर जा सकते हैं, डिनर कर सकते हैं. जब आपकी पत्नी या महिला मित्र आपके साथ होती हैं तो इससे आपको सहयोग मिलता है.'
VIDEO: धोनी के संन्यास पर युवा क्रिकेटरों के विचार जान लीजिए.
जब उनसे विश्व कप में पाकिस्तानी टीम की हार के बारे में पूछा गया तो सानिया ने पूछा कि आखिर वह इसके लिये कैसे जिम्मेदार हैं उन्होंने कहा, ‘जब विराट शून्य बनाता है तो अनुष्का शर्मा को दोषी ठहराया जाता है, लेकिन इसका कहां से लेना-देना है. इसका कोई मतलब नहीं बनता.