यह ख़बर 21 जनवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

विदेश में लचर रहा है सहवाग का प्रदर्शन

खास बातें

  • न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के पिछले चार दौरों में वीरेंद्र सहवाग का औसत 30 तक भी नहीं पहुंच पाया।
एडिलेड:

वीरेंद्र सहवाग यदि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच की दोनों पारियों में दोहरे अंक में नहीं पहुंच पाते हैं तो 26 महीनों और 25 टेस्ट मैच में पहली बार उनका औसत 50 रन प्रति पारी से नीचे गिर जाएगा। इस तरह की किसी संभावना पर अधिकतर का जवाब हां होगा, जिससे पता चलता है कि पिछले चार साल में सहवाग का विदेशी सरजमीं पर प्रदर्शन कितना गिरा है।

इस दौरान के आंकड़ों से पता चलता है कि न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के पिछले चार दौरों में सहवाग का औसत 30 तक नहीं पहुंच पाया। उन्होंने 21 पारियों में 500 से कम रन बनाए हैं और केवल दो अर्धशतक जड़े हैं। महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना को तो छोड़िये, यहां तक कि हरभजन सिंह ने भी इस दौरान उनसे बेहतर प्रदर्शन किया।

यह भी ध्यान देने वाली बात है कि इन 21 पारियों में से 16 बार वह तेज गेंदबाजों के शिकार बने। अब कोई भी तेज गेंदबाज अनुकूल परिस्थितियों में स्विंग के सहारे दुनिया के विस्फोटक बल्लेबाज सहवाग के विकेट की उम्मीद कर सकता है।

सहवाग का न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में एक दो पारियों को छोड़ दिया जाए तो कभी अच्छा रिकॉर्ड नहीं रहा। एडिलेड में 2008 के बाद वह भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर विदेशों में अच्छी पारी नहीं खेल पाए हैं।

इस दौरे में हालांकि लेंथ वाली गेंदों ने उन्हें काफी परेशान किया है, क्योंकि इससे वह अपने बल्ले को तेजी से कोण बनाकर नहीं घुमा पाते। वह गेंद की जो लाइन लग रही है, उस पर भी हिट नहीं कर सकते, क्योंकि वह स्विंग हो सकती है। यदि वह हिट करने की कोशिश करते हैं, तो गली में कैच जा सकता है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ज्यौफ लासन ने कहा, ‘‘वेस्टइंडीज के 80 के दशक के तूफानी गेंदबाजों की तरह ऑस्ट्रेलिया के वर्तमान के तेज गेंदबाज आपको रन बनाने के कम ही मौके मुहैया कराते हैं। वे स्क्वायर कट का मौका दे रहे हैं, लेकिन स्क्वायर लेग की तरफ क्लिप करने का मौका बहुत कम दे रहे हैं।’’

गेंद की उछाल यदि कमर से नीचे तक हो तो तब भी सहवाग उसे हिट कर सकते है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में उछाल पसलियों की ऊंचाई तक होती है और ऐसे में वह बैकफुट पर जाकर शॉट भी नहीं लगा पा रहे हैं। उन्होंने संयम से काम लेने का फॉर्मूला बनाया। गेंदों को विकेटकीपर के लिए छोड़ा, लेकिन यहां भी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज बाजी मार गए।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

लासन ने कहा, ‘‘वीरेंद्र सहवाग कम उछाल वाली पिचों पर चलता है। अधिक उछाल और मूवमेंट वाली पिचों पर उनकी पोल खुल गई है और वह स्लिप में कैच दे रहे हैं।’’ बहरहाल सहवाग ने पिछली बार एडिलेड में 151 रन की पारी खेली थी। वह फिर से ऐसा प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन उन्हें इसके लिए 2008 की तरह धैर्य से काम लेना होगा।