क्रिकेट ऑल-स्टार्स सीरीज को लेकर वॉर्न और चैपल आमने-सामने

क्रिकेट ऑल-स्टार्स सीरीज को लेकर वॉर्न और चैपल आमने-सामने

सचिन तेंदुलकर और शेन वॉर्न (फाइल फोटो)

अगले महीने अमेरिका में होने वाली 'क्रिकेट ऑल-स्टार्स सीरीज' को प्रमोट करने के लिए शेन वॉर्न और सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज अलग कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और कॉमेन्टेटर इयान चैपल ने इस सीरीज की तीखी आलोचना की है। अगले महीने न्यूयॉर्क, ह्यूस्टन और लॉस एंजेल्स में होने वाली इस सीरीज के तीन मैचों का मकसद अमेरिका में इस खेल को बढ़ावा देना भी है, लेकिन इयान चैपल का कहना है कि खिलाड़ी तभी से रिटायर हो जाते हैं, जब वो खेलना छोड़ देते हैं। ऐसे में इस सीरीज का क्या मतलब है। (पढ़ें, तो अमेरिका को क्रिकेट का दीवाना बनाना चाहते हैं तेंदुलकर)

'उम्रदराज क्रिकेटरों से छूटेंगे कैच'
75 टेस्ट खेल चुके इयान चैपल कहते हैं कि उन्हें समझ में नहीं आता कि लोग उम्रदराज क्रिकेटरों को क्यों खेलते हुए देखना चाहेंगे? 'क्रिकेट ऑल-स्टार्स सीरीज' में शेन वॉर्न के अलावा सचिन तेंदुलकर, रिकी पॉन्टिंग, ग्लेन मैक्ग्रा, वसीम अकरम, ब्रायन लारा और मुथैया मुरलीधरण जैसे दिग्गज हिस्सा लेते हुए नजर आएंगे। यही नहीं चैपल का सवाल उस सीरीज पर है, जिसमें 52 साल की उम्र वाले पूर्व विंडीज गेंदबाज कॉर्टनी वॉल्श और 52 साल के ही कर्टली एम्ब्रोस भी हिस्सा ले रहे हैं। (पढ़ें, अमेरिका में टी-20 से क्रिकेट के ग्लोबलाइजेशन में मदद मिलेगी : सचिन तेंदुलकर)

चैपल का यह भी मानना है कि ये खिलाड़ी अब अपने बेहतरीन फॉर्म में नहीं होंगे। जो कैच लेकर अपने बेहतरीन दिनों में ये खिलाड़ी दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करते थे, वे अब उनके हाथ से छूटते नजर आएंगे।

दुखी हैं वॉर्न
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज शेन वॉर्न ने इयान चैपल की राय को लेकर दुख जाहिर किया है। 46 साल के शेन वॉर्न के नाम 145 टेस्ट मैचों में 708 विकेट और 194 वनडे में 293 विकेट हैं। वॉर्न ने यहां तक कहा कि उनके करियर पर चैपल का गहरा प्रभाव रहा है और वो चैपल की राय जानकर बेहद दुखी हैं। वॉर्न कहते हैं कि चैपल ने बहुत कड़ी प्रतिक्रिया दी है। (पढ़ें, अब अमेरिका में टी-20 खेलेंगे सचिन तेंदुलकर, लारा, अकरम और शेन वार्न)

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

वॉर्न यह भी मानते हैं चैपल उन गिने-चुने शख़्स में से हैं जो इस सीरीज के बारे में नकारात्मक राय रखते हैं। वॉर्न मानते हैं कि इससे अमेरिका में क्रिकेट का अच्छा प्रचार होगा और वहां इस खेल की लोकप्रियता बढ़ सकती है।