चार गेंदबाज, जो बेताब हैं खुद को साबित करने के लिए

बाएं से (क्लॉकवाइज़) : मोहित शर्मा, अक्षर पटेल, धवल कुलकर्णी और स्टुअर्ट बिन्नी

नई दिल्ली:

ऑस्ट्रेलियाई ज़मीन पर वन-डे इंटरनेशनल मैचों की ट्राई-सीरीज़ की जंग 16 जनवरी से मेजबान टीम और इंग्लैंड के बीच मुकाबले के साथ शुरू होगी। टेस्ट मैचों में एशेज़ ट्रॉफी के लिए आपस में लड़ने वाली इन दोनों टीमों के बीच त्रिकोणीय शृंखला का पहला मैच सिडनी में खेला जाएगा। शृंखला में शामिल तीसरी टीम भारत की है, जो टेस्ट सीरीज़ में हार के बाद वन-डे में वापसी की कोशिश करती दिखेगी।

टेस्ट सीरीज़ में हमारे बल्लेबाज़ों का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला, लेकिन गेंदबाज़ों के प्रदर्शन पर कई पूर्व क्रिकेटरों ने सवाल उठाए हैं। भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि भारतीय गेंदबाज़ों में 20 विकेट लेने का माद्दा नहीं है। अगर वे अगले 20 टेस्ट मैचों में 20-20 विकेट ले लेते हैं, तो टीम टेस्ट मैचों में फिर से बेस्ट बन सकती है।

सो, इस ट्राई-सीरीज़ के लिए चुनी गई टीम में चार ऐसे गेंदबाज शामिल हैं, जो खुद को साबित करने के लिए बेताब हैं।

मोहित शर्मा
मोहित शर्मा के लिए यह ट्राई-सीरीज़ काफ़ी महत्वपूर्ण है... घरेलू मैचों और आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन की बदौलत मोहित को चुना गया है। हरियाणा के इस गेंदबाज़ को पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ वन-डे सीरीज़ में खेलने का मौका मिला था, लेकिन चोट की वजह से वह सिर्फ दो वन-डे खेल सके। ज़ाहिर है, इस बार वह इस मौके को गंवाना नहीं चाहेंगे। 26 साल के मोहित के नाम भले ही 11 वन-डे मैचों में कुल आठ विकेट दर्ज हैं, लेकिन उनमें प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।

धवल कुलकर्णी
मोहित की तरह धवल कुलकर्णी को भी पहचान आईपीएल से ही मिली। पिछले साल धवल ने इंग्लैंड के खिलाफ वन-डे डेब्यू किया, लेकिन कोई विकेट नहीं मिला। श्रीलंका के साथ वन-डे में जब उन्हें मौका मिला तो धवल ने अच्छे प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया। 26 साल के ही धवल ने सीरीज़ के तीन मैचों में आठ विकेट चटकाए। अब अगर ट्राई-सीरीज़ में धवल को गेंदबाजी का मौका मिलता है, तो यह उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हो सकता है।

अक्षर पटेल
अक्षर पटेल ने कई दावेदारों को पछाड़कर आईसीसी क्रिकेट वर्ल्डकप, 2015 का टिकट हासिल किया है। ज़ाहिर है, इससे उनके हौसले बुलंद हैं। जानकार अक्षर को लंबी रेस का घोड़ा मान रहे हैं, क्योंकि मौजूदा रणजी सीज़न में अक्षर ने गेंद और बल्ले दोनों से कमाल दिखाया है। रणजी में खेले तीन मैचों में उनके बल्ले से 106 रन निकले हैं, जिनमें एक अर्द्धशतकीय पारी शामिल है। वहीं गेंदबाज़ी करते हुए इतने ही मैचों में 20 साल के अक्षर के नाम नौ विकेट भी दर्ज हैं। हां, अक्षर को उपमहाद्वीप के बाहर खेलने का अनुभव नहीं है, सो, ऐसे में उन पर इस ट्राई-सीरीज़ में काफी दबाव रहेगा। वैसे, करियर के कुल नौ वन-डे मैचों में अक्षर ने अब तक 14 विकेट चटकाए हैं।

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स्टुअर्ट बिन्नी
स्टुअर्ट बिन्नी के वर्ल्डकप टीम में चयन पर काफी सवाल उठे। ऐसे में ट्राई-सीरीज़ में बिन्नी पर बेहतर प्रदर्शन करने का सबसे ज़्यादा दबाव होगा। टीम इंडिया को एक तेज़ गेंदबाज़ ऑल-राउंडर की हमेशा से ज़रूरत रही है, और यह बात टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने खुलकर कही भी है। छह वन-डे मैचों में नौ विकेट ले चुके बिन्नी को लगातार मौके नहीं मिले हैं, सो, अब यह देखना दिलचस्प रहेगा कि धोनी उन्हें ट्राई-सीरीज़ में कैसे इस्तेमाल करते हैं।