सौरव गांगुली ने बोर्ड को लिखा खत, कहा- BCCI और भारतीय क्रिकेट की छवि हो रही धूमिल

सौरव गांगुली ने बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना, सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी को प्रशासकों की समिति (COA) से संबंधित अंर्तगत मामले को लेकर एक मेल भेजा है.

सौरव गांगुली ने बोर्ड को लिखा खत, कहा- BCCI और भारतीय क्रिकेट की छवि हो रही धूमिल

सौरव गांगुली (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (सीएबी) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना, सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी को प्रशासकों की समिति (COA) से संबंधित मामले को लेकर एक मेल भेजा है. इस मेल में उन्होंने बिना नाम लेते हुए यौन उत्पीड़न के आरोपों में फंसे राहुल जौहरी का भी जिक्र किया है. इतना ही नहीं, सौरव गांगुली ने बीसीसीआई और भारतीय क्रिकेट की छवि धूमिल होने की भी बात कही है.

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सौरव ने मेल में लिखा, ''मैं आपको यह मेल डर के साथ बेहद गहरी भावना के साथ लिख रहा हूं. भारतीय क्रिकेट प्रशासन (Indian Cricket Administration) किस दिशा की ओर जा रहा है. जीतते या हारते हुए मैंने लंबे समय तक क्रिकेट खेला है और हमेशा से भारतीय क्रिकेट की छवि हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण रही. हम हमेशा से देखते आए हैं कि क्रिकेट में कोई न कोई मसला उलझा हुआ रहता है. यह बेहद चिंता की बात है (मैंने चिंता शब्द का इस्तेमाल किया). मैं यह बताना चाहता हूं कि पिछले कुछ सालों से जैसा समय गुजरा है, दुनिया के लिए भारतीय क्रिकेट का दबदबा और लाखों फैन्स के प्यार व भरोसे को खोया है.''

 


उन्होंने आगे लिखा कि, ''मुझे यह नहीं पता कि इसमें कितनी सच्चाई है, लेकिन हाल ही में आई उत्पीड़न के आरोपों की रिपोर्ट की वजह से बीसीसीआई की छवि धूमिल हुई है. सीओए की संख्या चार से घटकर दो रह गयी है और अब लगता है कि ये दो भी बंटे हुए हैं. सत्र के बीच में ही क्रिकेट से जुड़े नियम बदल दिये जाते हैं जैसा कि पहले कभी नहीं हुआ था.''

सीओए ने हाल में सरकारी कर्मचारियों की संतानों के लिये एक साल के नियम में नरमी बरती है ताकि उन्हें स्थानीय खिलाड़ी माना जा सके. तकनीकी समिति के भी अध्यक्ष गांगुली ने राष्ट्रीय पुरूष टीम के लिये कोच चयन प्रक्रिया के अपने बुरे अनुभव को भी याद किया. गांगुली उस सलाहकार समिति का हिस्सा थे जिसने कोच पद के लिये अनिल कुंबले के नाम की सिफारिश की थी जिन्होंने कप्तान विराट कोहली से मतभेदों के कारण अपना पद छोड़ दिया था. कुंबले की जगह रवि शास्त्री ने ली जो कोहली की पसंद थे.

गांगुली ने कहा, ‘‘समितियों में लिये गये फैसले अपमानजनक तरीके से पलट दिये जाते हैं. कोच चयन के मामले में मेरा अनुभव बहुत बुरा रहा. (इस बारे में जितना कम कहा जाए, बेहतर है) ''

दो सदस्यीय सीओए में चेयरमैन विनोद राय और डायना एडुल्जी शामिल हैं और इस मामले में वे एकमत नहीं हैं. एडुल्जी चाहती हैं कि जौहरी को जांच लंबित रहने तक बर्खास्त या निलंबित किया जाए जबकि राय पहले जांच रिपोर्ट चाहते हैं और उनकी बर्खास्तगी की राह में खड़े हैं. भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक गांगुली ने भी राय और एडुल्जी के बीच मतभेदों का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय क्रिकेट अपनी साख गंवा रहा है.

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गांगुली ने बताया, ''बोर्ड के कामकाज से संबंधित मामलों में शामिल मेरे एक दोस्त ने मुझसे पूछा कि वह किसके पास जाते हैं. इस पर मेरे पास कोई जवाब नहीं था. मुझे यह पूछना पड़ा कि मुझे अंतर्राष्ट्रीय खेल के लिए किस एसोसिएशन को आमंत्रित करना चाहिए क्योंकि मुझे नहीं पता था कि क्या हो रहा था. भारतीय क्रिकेट ने शानदार प्रशासकों और क्रिकेटर्स के सालों की कड़ी मेहनत की वजह से बड़े पैमाने पर फैन फॉलोइंग बनाई है. मेरे हिसाब से यह अब खतरे में है. उम्मीद है कि लोग इसे सुन रहे हैं.''

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