यह ख़बर 15 अक्टूबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

वर्ल्ड कप 2015 की ये कैसी तैयारी कर रहे हैं महेंद्र सिंह धोनी

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज 1−3 से हारने के बाद भारत ने वनडे सीरीज अपने नाम की और लगने लगा कि भले ही टेस्ट टीम में कुछ कमियां जरूर हैं, लेकिन वनडे फॉर्मेट में हम अभी विश्व चैंपियन हैं, लेकिन उसके बाद हुई चयन प्रक्रिया का ऐसा दौर चला है कि खिलाड़ी तो क्या अच्छे-अच्छे जानकार भौंचक्के रह गए हैं।

टीम इंडिया के कप्तान और चयनकर्ता जिस तरीके से पहले खिलाड़ियों को टीम में चुन रहे हैं और फिर उन्हें अगली ही सीरीज में बाहर कर रहे हैं, उससे लग रहा है कि धोनी विश्वकप 2015 से ज्यादा से ज्यादा लोगों को इंडिया कैप पहनाना चाहते हैं। ये कुछ ऐसा ही नज़र आ रहा है जैसे अपने रिटायर होने से पहले कोई बड़ा अधिकारी अचानक अपनों के प्रति दरियादिल हो जाता है। पिछले कुछ खिलाड़ियों के चयन पर नजर डालें तो शायद आप भी कनफ्यूज हो जाएंगे।

-इंग्लैंड सीरीज में कर्ण शर्मा और संजू सैमसन को टीम में चुना गया। कर्ण को एक मैच के बाद और संजू सैमसन को बिना मैच खिलाए ही अभी बाहर कर दिया गया।


− टीम इंडिया में लगातार दो सालों से आर अश्विन को टीम इंडिया में खिलाने के बाद अब अचानक कप्तान धोनी को वह विश्व−कप की रणनीति का हिस्सा नहीं लगते।

− रोहित शर्मा को लगातार सलामी बल्लेबाज़ के रूप में खिलाने के बाद वह अब अजिंक्य रहाणे को लगातार सलामी बल्लेबाज का दावेदार बता रहे हैं।

− वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम में अक्षर पटेल के रूप में फिर एक स्पिनर को चुना गया है। टीम में अमित मिश्रा, रवीन्द्र जडेजा, कुलदीप यादव के होते उन्हें कितने मौके मिलेंगे, यह समझना मुश्किल नहीं।

-टीम में चार-चार स्पिन गेंदबाजों पर धोनी क्यों दांव लगा रहे हैं जबकि वह जानते हैं कि विश्व कप में मिलने वाली पिचों पर स्पिन गेंदबाजों को कोई मदद नहीं मिलने वाली है।

-विश्व कप से पहले भारत के पास टीम की आखिरी रूपरेखा तय करने के लिए ज्यादा से ज्यादा सात वनडे मैच हैं।

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कहने की जरूरत नहीं कि पिछले दो सालों में विश्व कप के लिए टीम तैयार करने के बहाने कप्तान धोनी और टीम इंडिया
के चयनकर्ता न जाने कितने खिलाड़ियों का भला कर चुके हैं पर इससे टीम का कितना भला होगा यह समझना मुश्किल नहीं है।