यह ख़बर 07 अगस्त, 2013 को प्रकाशित हुई थी

सुप्रीम कोर्ट से बीसीसीआई को नहीं मिली अंतरिम राहत

खास बातें

  • सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल मैचों के दौरान स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के आरोपों की जांच के लिए बीसीसीआई के दो-सदस्यीय जांच दल को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार देने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया।
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल मैचों के दौरान स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के आरोपों की जांच के लिए बीसीसीआई के दो-सदस्यीय जांच दल को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार देने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति एके पटनायक और न्यायमूर्ति जेएस खेहड़ की खंडपीठ हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति देते हुए क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार को नोटिस जारी किया। इस संगठन को दो सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब देना है। इस याचिका पर अब 29 अगस्त को आगे सुनवाई होगी।

क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार ने ही क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा गठित दो-सदस्यीय जांच दल के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने 30 जुलाई को अपने निर्णय में इस जांच दल को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दे दिया था।

इससे दो दिन पहले ही मद्रास हाईकोर्ट के दो सेवानिवृत्त न्यायाधीशों टी जयराम चौता और आर बालासुब्रमण्यम ने अपनी रिपोर्ट बोर्ड को सौंपी थी, जिसमें उन सभी को क्लीन चिट दी गई थी, जिनके खिलाफ उन्होंने जांच की थी।

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इस जांच दल ने आईपीएल की टीम चेन्नै सुपर किंग्स के मालिक इंडिया सीमेन्ट्स लिमिटेड, उसके पूर्व टीम प्रिसिंपल और बीसीसीआई के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के संयुक्त मालिक राज कुंद्रा के खिलाफ आरोपों की जांच की थी। स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी प्रकरण सामने आने पर बीसीसीआई ओर आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल ने इस जांच दल का गठन किया था।