अमेरिका में टी-20 से क्रिकेट के ग्लोबलाइजेशन में मदद मिलेगी : सचिन तेंदुलकर

अमेरिका में टी-20 से क्रिकेट के ग्लोबलाइजेशन में मदद मिलेगी : सचिन तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि क्रिकेट के वैश्वीकरण के उनके प्रयास के तहत वह अमेरिका में बड़ी संख्या में मौजूद दक्षिण एशियाई लोगों को जोड़कर पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों की टी-20 सीरीज के जरिये क्रिकेट को बढ़ावा देना चाहते हैं।

न्यूयॉर्क में 7 नवंबर से 'क्रिकेट ऑल स्टार्स सीरीज 2015' के तहत तीन मैचों की टी-20 सीरीज होगी, जिसमें 'सचिन ब्लास्टर्स' और ‘वार्न वॉरियर्स’ की टीमें आमने-सामनें होंगी। अन्य दो मैच ह्यूस्टन और लॉस एंजिल्स में 9 और 11 नवंबर को खेले जाएंगे।

तेंदुलकर ने पीटीआई से खास बातचीत में कहा, पिछले साल एमसीसी के 200 साल पूरे होने पर लॉर्ड्स में खेले गए मैच के दौरान मुझे लगा कि हम सभी में, मेरे कहने का मतलब पूर्व क्रिकेटरों में अब भी काफी जुनून है। हमें लगा कि जब हम खेलते हैं तो दर्शक तब भी मैच देखने के लिए आते हैं और स्टेडियम भर जाता है। इसके बाद मुझे एहसास हुआ कि हम अपना जुनून बरकरार रखकर विश्व के विभिन्न हिस्सों में क्रिकेट को बढ़ावा दे सकते हैं।

अमेरिका के फ्लोरिडा में न्यूजीलैंड और वेस्ट इंडीज के बीच आधिकारिक वनडे मैच खेला जा चुका है, लेकिन क्रिकेट के लिहाज से इस क्षेत्र में कुछ खास नहीं हुआ है। अब तेंदुलकर, वार्न, कर्टली एंब्रोस और रिकी पोंटिंग जैसे खिलाड़ी दुनिया के उस हिस्से में मौजूद अपने प्रशंसकों को रोमांचित करने के लिए तैयार हैं।

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इस 42-वर्षीय दिग्गज क्रिकेटर के लिए उन स्टेडियमों में खेलना भी एक चुनौती है, जो मूल रूप से बेसबॉल के लिए बने हैं। उन्होंने कहा, यह पहला अवसर नहीं होगा कि मैं बेसबॉल स्टेडियम में खेलूंगा। मैंने 1990 और 1994 में कनाडा के स्काईजोन स्टेडियम में दो मैच खेले थे।तेंदुलकर ने कहा, लेकिन दर्शक सीमा रेखा के बेहद करीब बैठते हैं और इससे आपको अहसास हो सकता है कि आप उनके साथ जुड़ सकते हैं जो कि महत्वपूर्ण है।