जब जबड़ा टूटा होने पर भी मैदान में उतर गए थे टीम इंडिया के नए कोच अनिल कुंबले...

जब जबड़ा टूटा होने पर भी मैदान में उतर गए थे टीम इंडिया के नए कोच अनिल कुंबले...

कुंबले ने जबड़ा टूट जाने के बावजूद वेस्टइंडीज के खिलाफ बॉलिंग की थी (फाइल फोटो : AFP)

टीम इंडिया के नए कोच अनिल कुंबले अपनी जीवटता के लिए जाने जाते हैं। वह जुझारू खिलाड़ी रहे हैं। कोच पद की रेस जीतने वाले कुंबले इस दौड़ में शुरुआत में कहीं भी नहीं थे। यहां तक कि जब इसके लिए विज्ञापन निकला था, तो संभावितों में उनके नाम की चर्चा दूर-दूर तक नहीं थी। फिर भी उन्होंने कोच चयन समिति को प्रभावित कर यह पद हासिल कर लिया। हालांकि कोचिंग के अनुभव के मामले में कुंबले पीछे हैं, लेकिन क्रिकेट के मामले में वह परफेक्ट रहे हैं। खेल के प्रति उनका समर्पण और हौसला देखने लायक रहता था। उनके रिकॉर्ड खुद उनकी कहानी बयां करते हैं...

बाउंसर से टूटा जबड़ा, फिर भी गेंदबाजी की
कुंबले न सिर्फ अपनी बेहतरीन गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं बल्कि उनको संघर्षशील खिलाड़ी के रूप में भी जाना जाता है। ऐसा ही एक वाकया 2002 में टीम इंडिया के वेस्टइंडीज दौरे पर एंटीगुआ टेस्ट के दौरान देखने को मिला जब बल्लेबाजी के दौरान बाउंसर से जबड़ा टूट जाने के बावजूद टीम की जरूरत को देखते हुए कुंबले अगले दिन पूरे चेहरे पर पट्टी बांधकर मैदान पर उतरे और विपक्षी टीम के सबसे मजबूत खिलाड़ी ब्रायन लारा का महत्वपूर्ण विकेट भी टीम के लिए हासिल किया।

केवल दो गेंदबाज ले पाए हैं एक पारी में सभी 10 विकेट
टेस्ट क्रिकेट इतिहास में यह कारनामा केवल दो गेंदबाज ही कर पाए हैं। कुंबले से पहले इंग्लैंड के जिम लेकर ने एक पारी में 10 विकेट लिए थे। अनिल कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ 4 फरवरी, 1999 को दिल्ली टेस्ट की चौथी पारी में 26.3 ओवरों में 74 रन देकर 10 विकेट झटककर इस रिकॉर्ड की बराबरी की थी। उन्होंने 9 ओवर मेडन भी किए थे।

इंजमाम, यूसुफ, एजाज, मलिक जैसे दिग्गज भी नहीं टिक पाए
उस दौर में पाकिस्तान के दिग्गज बल्लेबाज माने जाने वाले इंजमाम उल हक, एजाज अहमद, सलीम मलिक और यूसुफ युहाना जैसे खिलाड़ी भी कुंबले की गुगली के आगे नतमस्तक नजर आए थे। दिल्ली के घूमते हुए विकेट पर इन्हें कुंबले ने खूब नचाया था। इंजमाम (6) जहां बोल्ड हुए थे, वहीं एजाज (0) और यूसुफ युहाना (0) विकेट के सामने पैर अड़ा बैठे थे। केवल ओपनर सईद अनवर (69) और शाहिद अफरीदी (41) ही कुछ संघर्ष कर सके थे, लेकिन वह भी ज्यादा देर टिक नहीं पाए थे। इस प्रकार कुंबले ने एक-एक करके सभी 10 पाकिस्तानी विकेट अपने नाम कर लिए। 10वें विकेट के रूप में कुंबले ने वसीम अकरम को आउट किया था, जिन्होंने 37 रन की पारी खेली थी।

कुंबले से पहले इंग्लैंड के जिम लेकर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 26 जुलाई, 1956 को मैनचेस्टर टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में 51.2 ओवरों में 53 रन देकर सभी 10 विकेट चटका दिए थे। उन्होंने 23 ओवर मेडन रखे थे।

एक ही साल में 6 बार 5 या उससे अधिक विकेट लिए
अनिल कुंबले की गुगली के जादू का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि उन्होंने 2004 में एक साल में टेस्ट क्रिकेट में एक पारी में 6 बार पांच या उससे अधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने उस साल 74 विकेट लिए थे। कुंबले ने अपने पूरे करियर में एक पारी में 35 बार 5 या उससे अधिक विकेट चटकाए थे।
 

कुंबले को 'जंबो' नाम से भी जाना जाता है। उन्हें यह नाम नवजोत सिंह सिद्धू ने दिया था (फाइल फोटो : AFP)

500 विकेट और शतक बनाने वाले इकलौते क्रिकेटर
कुंबले सबसे अधिक टेस्ट विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज होने के साथ ही इस फॉर्मेट में विश्व के एकमात्र ऐसे क्रिकेटर हैं, जिसने 500 से अधिक विकेट लेने के साथ ही टेस्ट मैच में शतक बनाया है।

कुंबले ने अपना एकमात्र टेस्ट शतक इंग्लैंड के खिलाफ बनाया था। 1990 में इंग्लैड के खिलाफ उन्होंने पहला टेस्ट मैच खेला था। कुंबले 132 टेस्ट मैचों की 236 पारियों में 619 विकेट लेकर टीम इंडिया के सबसे सफल गेंदबाज हैं। वह नवंबर 2007 से 1 वर्ष तक टीम इंडिया के कप्तान भी रहे।

वर्ल्ड में तीसरे नंबर पर
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे अधिक विकेट लेने के मामले में कुंबले (619 विकेट) तीसरे नंबर पर हैं। उनसे ऊपर दो और स्पिनर श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन (800 विकेट) व ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न हैं।

हीरो कप में 12 रन देकर झटके 6 विकेट
उन्होंने हीरो कप, 1993 में वेस्टइंडीज के खिलाफ सिर्फ 12 रन देकर 6 विकेट लिया, जो वनडे में भारत की ओर से उनका सर्वश्रेष्ठ प्रर्दशन है। वनडे में उनका इकोनॉमी रेट महज 4.30 है। कुंबले ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में श्रीलंका के खिलाफ वनडे में अप्रैल 1990 में पदार्पण किया था। 271 वनडे की 265 पारियों में 337 विकेट लेने का गौरव भी कुंबले के नाम है।

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