इस वजह से टाटा एंड संस बाबा रामदेव की पतांजलि को पछाड़ आईपीएल का मुख्य प्रायोजक बनने को तैयार!

सूत्रों के अनुसार टाट संस के साथ 'डील' काम कर गई है!! अगर यह वास्तविक रूप में सामने आती है, तो यह क्रिकेट के साथ टाटा (Tata & Sons) का पहला बड़ा जुड़ाव होगा. टाटा एंड संस वास्तव में देश के अग्रणी ब्रांडों में से एक है. बता दें कि इंडियन सुपर लीग में टाटा की टीम है. साथ ही कंपनी कुश्ती को भी प्रायोजित करती है,, तो वहीं जमशेदपुर में इसकी सबसे पुरानी अकादमी है. 

इस वजह से टाटा एंड संस बाबा रामदेव की पतांजलि को पछाड़ आईपीएल का मुख्य प्रायोजक बनने को तैयार!

आईपीएल की प्रतीकात्मक तस्वीर

खास बातें

  • कुल पांच कंपनियों ने लगाई है मुख्य प्रायोजक बनने को बोली
  • टाटा एंड संस का पलड़ा है बाकियों से कहीं ज्यादा भारी
  • 18 अगस्त को बीसीसीआई करेगा आधिकारिक ऐलान
नई दिल्ली:

करीब एक महीने बाद यूएई (UAE) में शुरू होने जा रही इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2020) के मुख्य प्रायोजक बनने के लिए कई बड़ी कंपनियां होड़ में हैं. पिछले दिनों ही बीसीसीसीआई (BCCI) ने चीन की विवो (VIVO) को एक साल के लिए निलंबित कर दिया था. इसके बाद कई दिग्गज कंपनियों ने आईपीएल-13 (IPL 2020) का मुख्य प्रायोजक बनने के लिए निविदा भेजी है, लेकिन सूत्रों की मानें, तो इसमें टाटा एंड संस (Tata & Sons) का पलड़ा सबसे ज्यादा भारी है. टाटा (Tata & Sons) पहले कभ भी क्रिकेट के प्रायोजन में नहीं ही रही है, लेकिन इस बार उसे बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की पतांजलि (Patanjli) को पछाड़कर यह गौरव हासिल हो सकता है. पतांजलि (Patanjli) का नाम कुछ दिन पहले ही आईपीएल का प्रायोजक के लिए बोली लगाने के लिए चर्चाओं में आया था और उसके प्रवक्ता ने पुष्टि भी की थी, लेकिन अब पतंजलि (Patanji) को टाटा एंड संस (Tata & Sons) सहित बाकी तीन और कंपनियों से कड़ा मुकाबला करना पड़ेगा. बीसीसीआई 18 अगस्त को आधिकारिक रूप से अधिकारी हासिल करने वाली कंपनी के नाम का ऐलान करेगा. 

बीसीसीआई के उच्च स्तरीय सूत्रों के अनुसार, टाटा एंड संस ने प्रायोजन अधिकार हासिल करने के लिए बोली लगाई है. और बहुत ही मजबूत देशी ब्रांड होने के कारण बाकी चार प्रतिद्वंद्वियों से यह कंपनी काफी आगे है. बीसीसीआई की प्राथमिकता इस बार यही है कि आईपीएल के प्रायोजन अधिकार इस बार किसी भारतीय कंपनी को मिलें. फिर भले ही उसे कीमत से थोड़ा-बहुत समझौता करना पड़े. बहरहाल, इस बारे में कोई भी आधिकारिक घोषणा बीसीसीआी द्वारा 18 अगस्त को की जाएगी.  बता दें कि अधिकार के लिए बोली लगाने वाली पांच में से चार कंपनियां भारत की हैं. ये कंपनियां टाटा संस, एजुकेशन से जुड़ी अनअकदामी, जियो और पतांजलि हैं. चीन के निवेश के साथ बोली लगाने वाली एकमात्र कंपनी बाइजू है. और यही बाइजू के लिए माइनस प्वाइंट है. 

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सूत्रों के अनुसार टाट संस के साथ डील काम कर गई है!! अगर यह वास्तविक रूप में सामने आती है, तो यह क्रिकेट के साथ टाटा का पहला बड़ा जुड़ाव होगा. टाटा एंड संस वास्तव में देश के अग्रणी ब्रांडों में से एक है. बता दें कि इंडियन सुपर लीग में टाटा की टीम है. साथ ही कंपनी कुश्ती को भी प्रायोजित करती है,, तो वहीं जमशेदपुर में इसकी सबसे पुरानी अकादमी है. 

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इसके अलावा जियो और पतांजलि बाकी दूसरी देशी कंपनियां हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वास्तव में जियो को खुद को प्रमोट करने के लिए आईपीएल की जरूरत नहीं है, तो वहीं पतांजलि द्वारा लगायी गई बोली की रकम टाटा एंड संस से काफी कम है. पतांजलि मोटी रकम खर्च करने के मूड में नहीं है. इन दोनों के अलावा बाइजू को चीन की कंपनी के साथ साझेदारी की कीमत चुकानी पड़ सकती है. हालांकि, यह साफ नहीं हो सका कि टाटा या जियो उस रकम (440 करोड़ रुपये) जितना भुगतान कर पाएंगे, जो विवो हर साल बोर्ड को कर रहा था, लेकिन बीसीसीआई को प्रायोजक से तीन सौ करोड़ ज्यादा मिलने के पूरे आसार है. पिछले हफ्ते तक बीसीसीआई 300 करोड़ मिलने का अनुमान लगा रहा था, लेकिन टाटा एंड संस के मुकाबले में आने के बाद समीकरण बदल गए हैं और अब बोर्ड को मोटी रकम मिल सकती है 

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