नई दिल्ली: इस समय फैली खतरनाक बीमारी कोरनावायरस ने पूरे विश्व की रफ्तार को थाम दिया है और ऐसे में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें संस्करण का भविष्य भी अधर में लटका है. बीसीसीआई का हालांकि मानना है कि अगर चीजें अप्रैल के अंत में भी बेहतर होती हैं और लीग का पहला मैच अगर मई के पहले सप्ताह में भी आयोजित कराना पड़ता है, तब भी बोर्ड लीग के आयोजन के लिए तैयार है. बीसीसीआई के अधिकारी ने कहा कि आईपीएल का भविष्य बताना अभी मुश्किल होगा, लेकिन बोर्ड उस पैटर्न को फॉलो कर लीग का आयोजन कर सकता है, जो दक्षिण अफ्रीका में लीग के आयोजन के लिए उपयोग में लिया गया था, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि पहला मैच मई के पहले सप्ताह में हो.
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अधिकारी ने कहा, "ज्यादा से ज्यादा हम अप्रैल के अंत तक का इंतजार कर सकते हैं. अगर लीग का पहला मैच मई के पहले सप्ताह में नहीं खेला जाता है तो इसका आयोजन लगभग नामुमकिन है. हमें प्रक्रिया का पालन करने के लिए अप्रैल के अंत का इंतजार करना होगा. हम दक्षिण अफ्रीका में आयोजित कराए गए संस्करण से मदद ले सकते हैं. अगर आपको याद हो वो सबसे छोटा आईपीएल था जो 37 दिन चला था और जिसमें 59 मैच खेले गए थे. हम ऐसा कर सकते हैं, लेकिन कुछ चीजों का पालन करना होगा." अधिकारी से जब पूछा गया कि किन चीजों का पालन करने की बात वो कह रहे हैं तो उन्होंने कहा लोजिक्सटिक्स एक समय होगी ऐसे में यह सुनिश्चित करना होगा कि टूर्नामेंट महाराष्ट्र जैसे राज्य में खेला जाए जहां चार अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम हैं.
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उन्होंने कहा, "आप इस तरह की स्थिति में पूरे देश में सफर नहीं करते. अगर हमें जरूरी मंजूरी मिल जाती है तो हम महाराष्ट्र में ही लीग कराएंगे जहां हमारे पास मुंबई में तीन स्टेडियम और पुणे में एक स्टेडियम है. इससे टीमों को नई जगहों पर खेलने का मौका भी मिलेगा और कम से कम सफर करना होगा, लेकिन इससे पहले सरकार को टूर्नामेंट को आयोजित करने को लेकर फैसला लेना होगा. जैसा बीसीसीआई अध्यक्ष ने बार-बार कहा है कि जनस्वास्थ्य प्राथमिकता है"
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खेल मंत्रालय ने कुछ ही दिन पहले कहा था कि आईपीएल के भविष्य पर फैसला 15 अप्रैल के बाद लिया जाएगा